नई दिल्ली। सोने के प्रति हमारा आकर्षण किसी से छिपा नहीं है। इस पीली धातु को खरीदने का हम लोग बहाना तलाशते हैं। इसीलिए दुनिया में सोने के सबसे बड़े आयातक का तमगा हमारे नाम है।
इसकी कीमतें मंगलवार को दो साल के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई। ऐसे में कई लोग निवेश के साथ-साथ आभूषणों के अपने शौक को पूरा करने में पीछे नहीं हटेंगे।
कीमतों में कमी का कारण:
विशेषज्ञों के अनुसार, पांच छह महीनों से सोने की कीमतों में गिरावट पिछले 8-10 साल की दुर्लभ घटना है। बीते पांच महीनों में पीली धातु की कीमत 25 फीसद तक गिर चुकी है। विशेषज्ञ इसके कई कारण बताते हैं
-अमेरिकी अर्थव्यवस्था सुधर रही है। लिहाजा बड़ी मात्रा में सोने पर किए गए निवेश की रकम को वापस अमेरिकी शेयर बाजार में उड़ेला जा रहा है। सोने की कीमतों में गिरावट का यह प्रमुख कारण है। अमेरिकी शेयर बाजार में 14 फीसद का उछाल आ चुका है, जबकि इसी अवधि में सोना 13 फीसद गिर चुका है। गिरावट के लिए सटोरिया बिकवाली भी जिम्मेदार हैं।
-ऊंची कीमतों के चलते आभूषणों की मांग में कमी। लिहाजा भारत जैसे देशों में घरेलू मांग पर असर।
-घरेलू स्तर पर सोने की कीमत में गिरावट का एक अन्य कारण सरकार द्वारा बढ़ाई गई कस्टम ड्यूटी को भी माना जा रहा है। सराफा कारोबारियों को पहले चार फीसद कस्टम ड्यूटी देनी होती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर छह फीसद कर दिया गया है, जिससे सोने के आयात पर असर पड़ा है। इस साल जनवरी से मार्च की तिमाही में सोना आयात 24 प्रतिशत घट गया है
सुनहरा भविष्य!
कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि सोने की कमजोरी कुछ समय तक बनी रह सकती है। आमतौर पर जब डॉलर में गिरावट आती है, तो सोने का भाव बढ़ता है मगर हाल ही में डॉलर की गिरावट के साथ साथ सोने की कीमतों में भी गिरावट देखी गई है। विशेषज्ञ इस प्रवृत्ति पर चकित हैं। अमेरिका, जापान व यूरोपीय देशों द्वारा नरम मौद्रिक नीति बनाए रखने के बाद भी कीमत गिर रही है। हालांकि एक शोध के अनुसार इस साल के अंत तक कीमतों में फिर सुधार आ सकता है।
निवेश में सतर्कता:
अब साने के दाम में गिरावट बने रहने का अनुमान है। सोने में निवेश लंबे समय के लिए किया जाता है, तभी इससे लाभ मिलता है। ऐसे में अपना सारा धन सोने में निवेश करना सही नहीं होगा। इसमें एक सीमा तक ही निवेश करना उचित है। सोने में निवेश स्थिरता, सुरक्षा व विविधता बनाए रखने के लिए करें न कि थोड़े समय के लिए अधिक लाभ कमाने के लिए।
गिरती ग्लोबल मांग:
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार वैश्विक के साथ-साथ घरेलू स्तर पर भी इसकी मांग में कमी आई है।
वैश्विक:
साल मांग (टन में)
2011 4582
2012 4405
4 फीसद गिरावट
निवेश मांग:
साल मांग (टन में)
2011 1700
2012 1534
10 फीसद गिरावट
तकनीकी क्षेत्र की मांग में गिरावट: 5 फीसद
आभूषणों की मांग में गिरावट: तीन फीसद
घरेलू:
साल मांग (टन में)
2011 986
2012 864
12 फीसद गिरावट
निवेश मांग में कमी-15फीसद
आभूषणों की मांग में गिरावट-11 फीसद।
कहां, कितना है, सोने का भाव
मुंबई: 25870 रुपये
दिल्ली: 26440 रुपये
चेन्नई: 25950 रुपये
कोलकाता: 26945 रुपये
अहमदाबाद: 25000 रुपये
(नोट : सोने के भाव रुपये प्रति दस ग्राम में हैं।)