राज्यपाल एवं चुनी हुई सरकारों का विवाद कब तक?

संवैधानिक पद पर विराजित राज्यपाल एवं चुनी हुई सरकारों के बीच द्वंद एवं टकराव की स्थितियां अनेक बार उभरती रही है। राजनीति के उलझे धागों के कारण ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण एवं विडम्बनापूर्ण स्थितियां देखने को मिलती है। गैर-भाजपा शासित राज्यों में सरकारों और राज्यपालों के बीच इस तरह का टकराव एक सामान्य बात हो गयी है, … Read more

राजनीतिक असंवेदनशीलता का परिणाम है प्रदूषण

दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में पराली एवं वायु प्रदूषण से उत्पन्न दमघोटू माहौल का संकट जीवन का संकट बनता जा रहा हैं। संपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र घने कोहरे में डूबी हुई जानलेवा होती जा रही है। सब जानते हैं कि यह कोहरा नहीं, बल्कि प्रदूषण का ऐसा विकराल जाल है जिसमें मनुष्य … Read more

वर्तमान राजनीतिक स्थिति भाजपा के पक्ष में

ऐसा लगता है कि हमारे देश में वर्तमान राजनीतिक स्थित भाजपा के पक्ष में है और अगले आम चुनाव में वह ही सबसे अधिक सीटों से जीतेगी। भारत में जब तक भाजपा विरोधी पार्टियाँ आपस में गठबंधन नहीं करती, तब तक भाजपा ही चुनावों में जीतती रहेगी। बिहार की गोपालगंज सीट का नवम्बर 2022 उपचुनाव … Read more

भ्रष्टाचार मुक्ति का माध्यम बने सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा पत्र

नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री बनते ही भ्रष्टाचार मुक्त भारत का संकल्प लिया। उन्होंने न खाऊंगा और न खाने दूंगा का शंखनाद किया, उनके दो बार के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने के लिये अनेक कठोर कदम उठाये गये है और उसके परिणाम भी देखने को मिले हैं, लेकिन … Read more

न्यायपालिका के लिए छुट्टियों की संस्कृति को बंद किया जाना चाहिए?

अवकाश की अवधारणा औपनिवेशिक नियमों से उत्पन्न हुई है। उस समय न्यायाधीश इंग्लैंड से आए थे, भारत की तुलना में ठंडी जगह और भारत की गर्मी उनके लिए असहनीय थी। अदालतों और स्कूलों को छोड़कर देश में कोई भी सरकारी संगठन नहीं है जहाँ छुट्टी होती है। भारतीय अदालतों में 3.1 करोड़ से अधिक मामले … Read more

क्या गर्भपात नैतिक रूप से उचित है?

लैंगिक समानता के लिए गर्भपात का अधिकार महत्वपूर्ण है। अलग-अलग महिलाओं के लिए अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए गर्भपात का अधिकार महत्वपूर्ण है। गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने से महिलाओं को उन अवैध तरीकों का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जाता है जो अधिक हानिकारक हो सकते हैं। लेकिन दूसरी ओर जीवन के … Read more

भारतीय करेंसी पर स्वार्थप्रेरित राजनीति से उपजा अंधेरा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में एक अजीबोगरीब बयान देते हुए भारतीय रुपये पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की फोटो लगाने की मांग की। गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल ने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए तर्क दिया कि नोट पर एक तरफ गांधीजी औऱ दूसरी … Read more

क्या ऋषि सुनक ब्रिटेन को चुनौतियों से उबार सकेंगे?

भारतीय मूल के ऋषि सुनक एक नया इतिहास रचते हुए ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री की शपथ ले चुके हैं। उन्होंने पेनी मोरडॉन्ट को मात देते हुए जीत हासिल की है। कंजरवेटिव पार्टी का नेतृत्व करने की रेस ऋषि सुनक जीत चुके हैं। पार्टी ने उन्हें अपना नया नेता चुन लिया है। यह पहली बार हुआ … Read more

क्या आपने भी कभी एम्स में इलाज के लिए धक्के खाए हैं?

एम्स में आम आदमी धक्के खाता है लेकिन उनसे वसूले गए टैक्स से चल रही संसद और आम आदमी के वोटों से संसद पहुंचे सांसदों को इलाज देने के लिए एम्स ने वीआईपी व्यवस्था की है. क्या आपने भी कभी एम्स में इलाज के लिए धक्के खाए हैं? क्या आपको भी एम्स से बिना बेड … Read more

चुनाव के समय खंडित न हो भाईचारे का भाव

चुनाव में कुछ लोगों द्वारा इसे आपसी साख का प्रश्न बना लिया जाता है जो धीरे-धीरे जहर का रूप ले लेता है। बढ़ती प्रतिद्धंद्विता रिश्तों का क़त्ल करने लगती है। अगर कोई ऐसे समय साथ न दे तो मित्र भी दुश्मन लगने लग जाते है। मगर यह हमारी भूल है। कोई भी चुनाव आखरी नहीं … Read more

*क्या खत्म हो गई शिवसेना के नाम और सिंबल की लड़ाई?*

चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों के बीच खींचतान देखते हुए शिवसेना के नाम और चिन्ह के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है. अब सवाल यह है कि क्या ठाकरे और शिंदे के बीच नाम और सिंबल की लड़ाई थमेगी? मूल शिवसेना का चुनाव चिह्न लंबे समय से धनुष … Read more

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