मैं भारत का नागरिक हूँ, लड्डू मुझे दोनो हाथ चाहिए

बिजली मैं बचाता नहीं, पर बिल मुझे माफ़ चाहिए, पेड़ मैं लगाता नहीं, पर हवा मुझे साफ चाहिए। पानी की बचत से परहेज, पर पानी मुझे रोज चाहिए, खुद चाहे कुछ न करूँ, सरकार से नित नई खोज चाहिए। घर का कूड़ा बाहर फेंकूं, पर शहर शानदार चाहिए, दफ्तर जाकर कामचोरी करूँ, पर वेतन मलाईदार … Read more

‘पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है’

पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है जाने उसने ज़बाँ पे क्या छुपा रखा है इस माहौल में ख़ामोश रहना अच्छा बहस को जाने क्या मुद्दआ उठा रखा है तमाम उम्र जिस मुल्क से प्यार किया फ़िक्र है मुझे अजनबियों ने डरा रखा है आसार नहीं कोई दिखता सुधरने का इन हालातों की चिंता ने … Read more

नये साल 2019 में अपने जीवन के अंदर लायें सफलता एवं खुशीयाँ

सच्चाई यही है कि आशा का जीवन काल अंनंत होता है वहीं दूसरी तरफ निराशा और असफलता का जीवनकाल अल्प एवं छोटा होता है, इसलिये ख़ुशी प्राप्त करने के लिए हमेशा आशावादी रहे ,निराशा को कभी भी अपनी सोच के नजदीक नहीं आने दे | सफलता और खुशी प्राप्त करने के वास्ते घनघोर अंधकार मे … Read more

सब्र आ जाए इस उम्मीद में ठहर गया कोई

सब्र आ जाए इस उम्मीद में ठहर गया कोई पास होकर भी कैसे बेख़बर गुज़र गया कोई नज़र कहाँ वो मुझको जो तलाश करती रही सख़्त राहों पे शायद ख़्वाब बिखर गया कोई तिलिस्मी हो गए इशारे उनकी नज़र के अब देखिए आके तमन्नाएँ बर्बाद कर गया कोई क्या क्या निकला कड़वाहट से भरी बातों … Read more

बांग्लादेश चुनाव परिणाम भाजपा के लिए केस स्टडी हो सकते हैं

वैसे तो आने वाला हर साल अपने साथ उत्साह और उम्मीदों की नई किरणें ले कर आता है, लेकिन यह साल कुछ खास है। क्योंकि आमतौर पर देश की राजनीति में रूचि न रखने वाले लोग भी इस बार यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि 2019 में राजनीति का ऊँठ किस करवट बैठेगा। खास … Read more

भाजपा को नये रास्ते बनाने होंगे

जबसे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की कमजोर स्थिति सामने आयी है, एक शीर्ष वर्ग पार्टी के भीतर थोड़ा ठहरकर अपने बीते दिनों के आकलन और आने वाले दिनों के लिये नये धरातल को तैयार करने की वकालत करने लगा है। इन पांच राज्यों के चुनाव के परिणाम एवं लोकसभा चुनाव की दस्तक … Read more

नववर्ष

बेशक आज हमारा कैलेंडर बदल गया लेकिन ऋतु नहीं बदली, न मौसम बदला, ना ही पृथ्वी का चक्र बदला, ना पेड़ों ने पत्ते बदले , ना शाखों ने नए फूल ओढ़े, ना हवाओं का रुख़ बदला , ना ही प्रकृति ने खुद को बदला, फिर हम क्यों खुद को बदलते जा रहे हैं? जो कहती … Read more

जिन्ना हाउस : विभाजन का षड़यंत्र स्थल अब लिखेगा नया इतिहास

-मंगल प्रभात लोढ़ा भारतीय संस्कृति और परंपरा में स्थान हमेशा से विशेष महत्वपूर्ण रहे है। जिस जगह भगवान राम का जन्म हुआ, जहां भगवान कृष्ण जन्मे और आधुनिक युग में जहां से महात्मा गांधी ने आंदोलन शुरू किए या जहां सरदार पटेल की राष्ट्र एकीकरण के लिए बैठकें हुई, वे सारी जगहें हमारे लिए स्मरणीय, … Read more

उपलब्धियां गढ़ने का अवसर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए

(नवबर्ष 2019 पर विशेष आलेख) नया वर्ष हर व्यक्ति के लिए बीते हुए वर्ष की सफलताओं और उपलब्धियों के साथ-साथ कमियों और गलतियों का मूल्यांकन करने का समय है। यह हमें अपने आप को भावी वर्ष के लिए योजना बनाने, कार्य करने तथा आगामी वर्ष के लिए नये लक्ष्य तय करने का अवसर प्रदान करता … Read more

कौवे की सुझ

पति स्नानागार से चिल्लाया- जल्दी मोटर खोलकर पानी की ओव्हर हेड टंकी नलकूप से भरो , मैने पूरे शरीर को साबुन लगा ली ,पानी खत्म हो गया है। पत्नी भी चिल्ला कर बोली -कुछ नहीं हो सकता। बिजली नहीं है, मोटर नहीं चलेगी। बाहर एक कौवा बोल रहा था। पत्नी ने कहा -“कौव अशुभ होता … Read more

हमें डर लगता है

नसीरुद्दीन शाह ने जो कहा सो कहा, हमनें उसे अपनी सुविधा से सुना कि उन्हें डर लगता है। जो हमने सुना तो हमारा दायित्व था कि उसे सही माने ,जाने, बताएं कि डर कैसे लगता है। लोकतांत्रिक नायकों ने यह जिम्मेदारी सम्पूर्ण सामर्थ्य से अपने कंधों पर ली। हॉलाकि उनके कंधे पता नहीं ऐसी कितनी … Read more

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