क्रांतिकारी बदलाव
बैलगाड़ी से जाते हुये उन्होंने मेरे दादा से गांव की ही बोली में पूछी थी उनकी “जात” उन्होंने विनीत भाव से बता दी. वे नाराज हुये और चले गये उतार कर गाड़ी से उनको दादा ने इसको अपनी नियती माना. फिर एक दिन रेलयात्रा के दौरान उन्होंने मीठे स्वर में खड़ी बोली में जाननी चाही … Read more