भ्रष्टाचार की हरी-भरी जड़ें काटना मुश्किल ही नहीं असंभव भी !
जबतक जन-जन का राष्ट्र के प्रति प्रेम, आदर, श्रद्धा और – समर्पण के भाव का नाता दिल से नहीं – जुड़ेगा, तबतक भ्रष्टाचार की पनपती हरी-भरी जड़ों को काट डालना, लगभग असंभव ही है। यों देखा जाय तो असंभव कुछ भी नहीं,लेकिन कुर्सी पर बैठे कई लोगों के रग-रग में बसी इस खतर – नाक … Read more