भ्रष्टाचार की हरी-भरी जड़ें काटना मुश्किल ही नहीं असंभव भी !

जबतक जन-जन का राष्ट्र के प्रति प्रेम, आदर, श्रद्धा और – समर्पण के भाव का नाता दिल से नहीं – जुड़ेगा, तबतक भ्रष्टाचार की पनपती हरी-भरी जड़ों को काट डालना, लगभग असंभव ही है। यों देखा जाय तो असंभव कुछ भी नहीं,लेकिन कुर्सी पर बैठे कई लोगों के रग-रग में बसी इस खतर – नाक … Read more

तरसेम गुजराल की रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: तरसेम गुजराल कहाँ है टोबा टेकसिंह कहाँ है टोबा टेकसिंह सरहद के इस पार या उस पार किसे कहेंगे पागल मृत्युदाता को या जीवन इच्छा को उन्होने वही किया जो वे कर सकते थे ज़मीन पर नहीं ज़मीर पर लकीर खींचने का काम पागल भेजे जा सकते हैं इधर पागल भेजे जा सकते हैं … Read more

स्वनाम धन्य षिवराज की सत्ता के दस वर्ष

स्वनाम धन्य षिवराज की सत्ता के ये दस वर्ष नेताओं में महाराजा विदेह जनक है यह शख्स जन-जन के उन्नयन, उत्थान और उत्कर्ष के वर्ष ये ही हैं जनता-जनार्दन को विषेष हर्ष के वर्ष सिद्ध कर दिया कि जनता के विष्वास का नाम हैं षिवराज सर्वक्षेत्रीय सर्वांगीण संतुलित विकास का नाम हैं षिवराज व्यापक लोकमंगल … Read more

जब – जबरा बोले …!!

-तारकेश कुमार ओझा- बचपन में पढ़ी उस कहानी का शीर्षक तो अब मुझे याद नहीं, लेकिन सारांश कुछ हद तक याद है। जिसमें सब्जी बेचने वाली एक गरीब महिला का बेटा किसी हादसे में गुजर जाता है। लेकिन परिवार की माली हालत और गरीबी की मारी बेचारी उसकी मां को दो दिन बाद ही फुटपाथ … Read more

शिवराज जी के 10 साल, जो रहे बेमिसाल

-ललिता यादव, विधायक-छतरपुर- शिवराज सिंह चौहान ने 10 साल पहले 27 नवंबर 2005 को जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो आम जनमानस के मन में कई तरह की शंकाओं के बादल घुमड़ रहे थे। इसकी वजह भी थी क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के पहले वे मंत्री या और कोई प्रशासनिक उत्तरदायित्व निभाने वाले पद पर … Read more

परवाह किसे है, इस देश की ?

हालात देखकर कभी कभी दिल मे ख्याल आता हैकि ,इस देश को दीमक चाट रही — है।आजादी के लंबेअरसके बाद यहाँ जातिवाद का बंटवारा ,मजहबी अलगाववाद।बरसों से न्यायालयों में पड़े मुक़दमे राजनीती में गुंडा तत्वों की घुसपैठ ।भरस्टाचार की बरगद सी गहरी और फलती फूलती जड़ें । अपहरण,चोरी,लूट,नन्ही बच्चियों से बलात्कार जैसे अपराधों का दिनों … Read more

रेल बजट आने वाला है, जरा ध्यान दीजिए इन सुझावों पर

आदरणीय बन्धुओ, संस्थाओं, मंदिर/मस्जिद/गुरुद्वारों के पदाधिकारियों, आप सभी को विदित है कि फरवरी 2016 में रेल बजट आने वाला है। सभी संस्थाएं व जागरूक बन्धु जनता की सहूलियत हेतु अपने-अपने सुझाव रेल मंत्रालय को भेजते हैं। अजयमेरु नागरिक अधिकार एवं जन चेतना समिति, नाका मदार, अजमेर ने जनता के हितार्थ समय-समय पर विभिन्न बिन्दुओं पर … Read more

न्यूज चैनल्स को पाबंद करना चाहिये

पिछले लगभग 6 माह से लगातार देख रहा हूं देश के लगभग सभी न्यूज चैनल आतंकी संगठन आईएस पर घण्टों की स्टोरीज चला रहे हैं ऐसा नहीं कि सिर्फ एक दिन रोजाना ये स्टोरीज चला रहे हैं और इस संगठन को ऐसा दिखाने की कोशीश कर रहे हैं कि बस अब दुनिया पर इसी संगठन … Read more

असहिष्णुता के मुद्दे पर राष्ट्रपति हमें हमारी ही तरह चिंतित जान पड़े

कल रात हम लोग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले – साहित्यकार अशोक वाजपेयी, कलाकार विवान सुंदरम और मैं नाचीज। पहली नवम्बर को हमने कांस्टीट्यूशन क्लब में मावलंकर सभागार में जो लेखकों, कलाकारों, इतिहासकारों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों आदि का “प्रतिरोध” आयोजित किया था, उसमें पारित प्रस्ताव राष्ट्रपति को हमने ज्ञापन के रूप में पहुँचाने का जिम्मा लिया … Read more

वे कलम का कागज से, दंगा करवाने वाले हैं

वे कलम का कागज से, ैदंगा करवाने वाले हैं, लेकिन हम दंगाइयों को अब नंगा करने वाले हैं। सोशल मीडिया की आड़ में, वे छद्म राष्ट्रीयता ग़ढ़ते हैं, मोदी हैं विकास पुरुष, इसका दम्भ वे भरते हैं। सत्ता उनके लिये भाई, वेश्या सा किरदार है, साम्प्रदायिकता का दावानल, हर गली-बाजार है। दाल में काला होता … Read more

गिरमिटिया मजदूर बनाम हाईटेक श्रमिक

उन्नीसवीं शताब्दी में विश्व तेज़ी से आर्थिक उन्नति की और बढ़ा पर इसका एक बड़ा शिकार उस समय उपनिवेशों के गिरमिटिया मजदूर हुए जिन्हें अनुबंध के तहत दूर देशों में बागानों ,खदानों और सड़क व रेलवे निर्माण परियोजनाओं में काम करने के लिए ले जाया जाता था . जैसा की उस समय उपनिवेशों में गावों … Read more

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