सचमुच निराली है महिमा चुनाव की …!!

-तारकेश कुमार ओझा- वाकई हमारे देश में होने वाले तरह – तरह के चुनाव की बात ही कुछ औऱ है। इन दिनों समूचे देश में सबसे बड़ा यानी लोकसभा का चुनाव हो रहा है। इस दौरान तरह – तरह के विरोधाभास देखने को मिल रहे हैं। पता नहीं दूसरे देशों में होने वाले चुनावों में एेसी … Read more

आजाद भारत की पत्रकारिता का गिरता स्तर, कौन संभालेगा?

-संतोष गंगेले- आजादी के बाद भारतीय पत्रकारिता ने जिस प्रकार की उड़ान भरी उसकी कल्पना नही की जा सकती थी, बैसे अंग्रेजी ष्षासन के दौरान जिन्होने पत्रकारिता की ष्षुरूआत की थी, देष के सबसे बड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वह भी लेकिन अंग्रेजो के बाद आजाद भारत में ऐसे पत्रकारों को संविधान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी … Read more

धमकाया जा रहा है मतदाता को और चुनाव आयोग खामोश

जब बात सत्ता पाने की राजनीति को लेकर हो तो उसमें अच्छी नीति की संभावना न के बराबर ही होती है। राजनीति और झूठ का रिश्ता इतना गहरा हो गया है कि सत्ता सुख के लिए जनता को ललचाना, बहकाना, खरीदना, झूठे वादे करना ये सब राजनीति की प्रवृत्ति बन चुकी है, और एसे में … Read more

राजस्थान: जाति, धर्म और लोकसभा चुनाव, 2014

राजस्थान में पहली बार महिला सांसद 1962 में तीसरी लोक सभा में पहुँची थी। 1962 के इस चुनाव में 6 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी। इसी तरह 2009 के चुनाव में 31 महिला प्रत्याशियों में से मात्र 3 निर्वाचित हुई थी। इनमें से दो केन्द्रीय मंत्री बनी। महिलाओं की संख्या प्रत्याशियों के रूप में … Read more

खाली पेट

  तुमने इन्सानों को खाली पेट दिया अच्छा किया ! पर एक सवाल है ऐ क़िस्मत! खाली पेट वालों को तूने आँसू क्यों दिये? उन तक पहुँचने वाले हाथ क्यों दिये? साभार: हिन्दी की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कवितायें लेखक :अभिमन्यु अनंत, संपादक: बच्चन   सिन्धी अनुवाद: तो मांणहुन खे खाली पेटु डिनो सुठो कयुइ ! पर हिकु … Read more

तुम मेरे साथ चलो…

तुम फिर से चले आये सोई हुई श्वेताम्बरा को जगाने जबकि कब का बंद कर लिया है द्वार उसने अपने अंतर्मन का रंग- मौसम, ओस, खूश्बू सब सूख कर परत दर परत अंकित हो गये हैं चेहरे पर क्या अब भी तुम कविता की उगाना चाहते हो फसलें क्या अब भी तुम मौसम को निचोड़ना … Read more

आप सब के पास एक मौका है

1 . थोपे हुए प्रतियाक्षी को बहार का रास्ता दिखने का ! 2 . भ्रस्टाचार ,बलात्कारी , गुंडों को राजनीती से बहार करने का ! 3 . जो भ्रस्टाचार दूर कर महंगाई को कम करे सरकारी अफसरों को रिश्वत न लेने दे ! 4 . कानून व्यवस्था व् सरकारी नीतियों को आम लोगों के लिए … Read more

अमरु गीत

हालिया छप्यलि सिंधी कविता संग्रह ‘‘हालात’’ मूं चूंड्यलि हिकु गीत ऋषिनि मुनिनि देवनि जी भूमि भारत जो उपखंड चवायो 23‘35’ उत्तरु ऐं 28’30’ उत्तरु अक्षांसु ऐं 67’70 ओभरु देशांतरु जे विचु सिंधु जे बेट सां ठहयलि सैलाबी मैदानु ओलह में बलूचिस्तानु विच में पहाड़ ओभर में राजस्थानु विच में रेगिस्तानु डखण मंे कच्छ जो रणु … Read more

मुहिंजों पतो

अजु मूँ घर जो नम्बर मटायो आहे ऐं घिटीअ जे मथे ते लगलु घिटीअ जो नालो हटायो आहे ऐं हर हिक रस्ते जी दिशा खे, उघी छडियो आहे पर, जे तव्हांखे मुखे हरू-भरू पाइणों आहे त हर देश जे , हर शहर जे हर घिटीय जो दरु खड़खड़ायो, हीऊ हिकु परातो आहे ऐं जिते बि … Read more

उनके लिए जो अखबार नहीं पढ़ते , खबरें नहीं देखते…!!

-तारकेश कुमार ओझा- अपने देश में चर्चा व बहस के कई मुद्दे हैं। मोदी प्रधानमंत्री बनने योग्य हैं या नहीं, या फिर शाहरुख खान की नई फिल्म कब रिलीज हो रही है। महेन्द्र सिंह धौनी भारतीय किक्रेट टीम के सर्वकालिक श्रेष्ठ कप्तान हैं या नहीं। लेकिन अपने देश में गरीब का स्वास्थ्य भी क्या सार्वजनिक बहस … Read more

नन्दू ही नन्दू

वो क्या है कि चुनावी महाभारत शुरू होते ही एक जगह एक दल ने अपने नन्दू को रण में उतार दिया. जब इस बात की खबर विरोधी दल के नेता को लगी, जिसने कभी फिल्म शोले देखी हुई थी और जिसे आज भी वीरू उर्फ धर्मेन्द्र का डॉयलॉग याद था, जिसमे वह कहता है, तुम … Read more

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