तो आप अपने पिता की कैसी संतान है

यूएनओ के प्रस्ताव पर प्रतिवर्ष 21 जून को भारत में फादर्स डे मनाया जाता है। यानि पिता का दिन। हालाकि फादर्स डे की संस्कृति पश्चिमी देशों की है, क्योंकि हमारी संस्कृति तो भगवान राम और भक्त श्रवण कुमार की है। पिता दशरथ के वचन के खातिर भगवान राम चौदह वर्ष के लिए वनवास चले गए … Read more

प्रजातंत्र की सुरक्षा, पुलिस कार्य प्रणाली पर निर्भर है..?

पुलिस का सीधा अर्थ सुरक्षा ऐजेन्षी से है । किसी भी देष की समाज की सुरक्षा केलिए समाज से ही प्रजातंत्र की रक्षा व जनता के न्याय केलिए कानून का पालन कराने केलिए जो दायित्व विभाग को दिया जाता है उसे हमे पुलिस बिभाग कहते हैं । पुलिस की परिभाषा अलग-अलग राष्ट्र में अपने तरह … Read more

यौन रोगो की बढ़ती समस्यायें

प्रकृति ने जींव की संरचना करते समय प्रत्येक जींव के निमार्ण करते समय उसके मुॅह नाक खान की व्यवस्था की है, जींव को जीवन जीने केलिए उसे हवा पानी भोजन की आवश्यकता होती है यह जरूर है कि कौन कौन जींव किस तरह से अपना जीवन व्यतीत कर लेते है लेकिन हम मानव है और … Read more

मौसम अपना – अपना …!!

-तारकेश कुमार ओझा- इस गलतफहमी में आप कतई न पड़ें कि मैं किसी समाजवादी आंदोलन का सिपाही हूं। लेकिन पता नहीं क्यों मुझे अपनी खटारा साइकिल से मोह बचपन से ही है। उम्र गुजर गई लेकिन आज न तो साइकिल से एक पायदान ऊपर उठ कर बाइक तक पहुंचने की अपनी हैसियत बना पाया और … Read more

छोटे साहब की शान में …….

छोटे साहब की शान में ……. देख लो अभी कुछ कुछ बढ़ने लगा हूं कदम दो कदम मैं भी चढ़ने लगा हूं चमक भले ही हो जुगनू जितनी हमारी बन के तूफान अंधेरों से लड़ने लगा हूं तकलीफों का खौफ न हमको दिखाओ नसीबा में अपने सितारे जड़ने लगा हूं हर तरफ देख के चालाकियों … Read more

कोई सपना आंखों में तैर गया है

कोई सपना आंखों में तैर गया है रोज मिलती हूं फिर भी बिखर गया है अक्सर तो होती नहीं मुलाकातें उनसे फिर भी एक ही चेहरा दिल में उतर गया है आसपास होती है मेरे कितनी ही हलचल पल पल मुझमें भी कोई संवर गया है जिंदगी भर ढूंढ़ा है मैने जिसे आजकल न जाने … Read more

जनप्रतिनिधि ख़ास आदमी बन जाते हैं

हमारे देश की व्यवस्था की विडम्बना ये ही है कि जनता के वोट से जीत कर कार्यसम्पादन हेतु चुने गए जनप्रतिनिधि ख़ास आदमी बन जाते हैं … माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कुछ गिनती के ही जनसेवक व जनप्रतिनिधि लाल बत्ती का उपयोग कर सकते हैं … कोटा के कुछ साथियों ने एक … Read more

पत्रकार की व्यथा , जान हथेली पर नजर समाचार पर

हर खुशी और गमीं की खबर में साथ निभाने वाला मीडिया जिस पर राजनीतिज्ञ, सरकारी नौकर , व्यवसायी सभी मीडियाकर्मीयों के हाथ धोकर पिछे लग गये हैं । जंहा देखों वही मीडिया को नीचा दिखाना , पत्रकारों को जान से मारना या मारने की कोशिश करना तो कभी मीडियाकर्मी को अपशब्द कहने जैसी घटनायें हो … Read more

दिल्ली मे मोदी या केजरीवाल

दिल्ली मे केन्द्र और केजरीवाल सरकार मे विवाद जगजाहिर है कुछ हद तक दोनो सही है तो कुछ हद तक दोनो गलत । बात सही है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नही है ईसलिये कई शक्तिया केन्द्र सरकार के पास है लेकिन तब उचित नही होगा जब ईन शक्तिया का दुरूपयोग करके मोदी … Read more

एक हसीन ख्वाब जो पलकों में ठहर गया

एक हसीन ख्वाब जो पलकों में ठहर गया आया तो चेहरा मेरा फूलों सा निखर गया नाम लिख दी है मैने उसके कई गजल जिक्र उसका हुआ तो हर शेर बदल गया जब भी आती है ख्यालों से खुशबू गुलाब की लगता है वादियों में अवारा बिखर गया शब्दों में न ढूंढ़ो उसे हर हर्फ … Read more

अजनबी होके दोस्त वो मेरा जब मुझसे मिला

अजनबी होके दोस्त वो मेरा जब मुझसे मिला लगा पहचान था जो मेरा बेगाना सा मिझसे मिला आसमान से भी मिलता है वो बड़े ताव से जर्रा था मगर खुद को खुदा कहता मिला छूके जब आयी हवाएं उसे ये पुरवाई भी मुझको अपना कहता मिला ख्वाब के संदूक में बिखरी पड़ी थी यादें याद … Read more

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