सदमें से किसान की मौत : मरता है कोई तो मर जाए………

अपने देश में प्राकृतिक(दैवीय) आपदा से त्रस्त लोग मानवजनित आपदाओं के प्रकोप की पीड़ा सहज नहीं कर पा रहे हैं-परिणाम यह हो रहा है कि वह आत्महत्या करने लगे हैं। उत्तर प्रदेश सूबे में गत महीनों चक्रवातिक बरसात से किसानो की फसल बरबाद हो गयी थी। सरकार ने रहम कर पीड़ितों को क्षतिपूर्ति देने का … Read more

सोशल मीडिया पर इमोशनल जंग

देश में कहीं भी आरक्षण को ले कर आंदोलन होता है , उसे लेकर सोशल मीडिया पर इमोशनल जंग शुरू हो जाती है . आरक्षण के समर्थन और विरोध का हर शब्द व तर्क नयी लकीर खींच जाता है . गुर्जर आरक्षण को लेकर भी यही हो रहा है . आरक्षण को लेकर अब तर्क … Read more

पर्यावरण एवं जल संरक्षण के लिए मानसून पूर्व करे श्रमदान

हम सभी एवं हमारा यह संसार आकाश, वायु, जल, पृथ्वी, अग्नि तथा वन, वृक्ष, नदी, पहाड़, समुद्र एवं पशु-पक्षी आदि से आवृत है। उपर्युक्त समस्त तत्वों तथा पदार्थों का समग्र रूप अथवा समुदित रूप जो पर्यावरण है, उसी में सब पैदा होते हैं, जीवित रहते हैं, साँस लेते हैं, फलते-फूलते हैं और अपने समस्त कार्यकलाप … Read more

‘अच्छे दिनों ‘ में आम – आदमी …!!

-तारकेश कुमार ओझा- पता नहीं क्यों तथ्यों व आंकड़ों के खेल से मुझे शुरू से ही एलर्जी सी रही है। गाहे – बगाहे खास कर बजट के दिनों में प्रबुद्ध लोग जब आंकड़े देकर बताते हैं कि पिछले साल के बनिस्बत इस बार विकास दर इतना बढ़ा या इतना गिरा तो मेरे पल्ले कुछ नहीं … Read more

मोदी अब वह मोदी नही रहे

वास्तव में श्री मान नरेन्द्र दामोदर भाई मोदी अब वह मोदी नही रहे जो छवि उनहोने अपने लिए घडी थी एक अति पिछडी   घाँची (तेली)जाति और एक गरीब चाय वाले का बेटा जो दे श भर में घूम घूम कर मतों (वोटों )की भीख मागँकर  जनता से  देश सेवा का व्रत लेकर  वायदे पर वायदे  … Read more

अंग्रेजी तालीम : दैट व्हिच आल ग्लिटर्स इज नाट गोल्ड

नन्हे-मुन्नों के विद्यालय खुल गये। हमारे ऊपर नन्हे-मुन्नों की किताबों से भरे झोलों से कई गुना बोझ लद गया, क्योंकि हम सरकार की नीतियोें के सख्त विरोधी जो ठहरे। घर में बच्चों की फौज तैयार कर लिया है। आज वही बच्चे हमारे लिये सिर दर्द हो गये है। काश! हमने अपने पड़ोसी पट्टीदार से भविष्य … Read more

जीवन को खुशहाल बनाने के लिये तीन “C” के स्थान पर तीन “A” के नियम की पालना करें

अपने बच्चों के साथ ही नहीं किन्तु मित्र अथवा पड़ोसी, आम आदमी या सहकर्मी के साथ भी हमारा व्यवहार सोहार्दपूर्ण एवं स्नेहपूर्ण होना चाहिए | सोहार्दपूर्ण एवं स्नेहपूर्ण जीवन जीने के लिये निम्न विचारों पर ध्यान दें—- COMPARISON या  तुलना  नहीं करें—–  अक्सर हम अपने स्वजन या सहकर्मी से कहते हैं देखो फला आदमी ने तो सीमित … Read more

लावण्या शाह की हिंदी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: लावण्या शाह इन्सां तपती हुई धरती से ठहरे हुए सहरा से मुश्किल हर लम्हे से इन्सां ही निकालता है हर राह नई नई जिन पर चलकर आई हैँ, पीढ़ियाँ इतिहास नया रचने सेतु समय पर बांधने इस २१ वीँ सदी मेँ ! पता : ७०६२, मिडलटन वे, मेसन, ओहायो ४५०४०, यु. एस. ए. सिन्धी … Read more

दिल्ली पुलिस प्रधान मंत्री की या मुख्यमंत्री की

यूँ तो पूरे देश मे ही पुलिस की छवि अभी भी वैसी ही है जैसी आज से ६८वर्ष पहले थी यानि कि जब हम गुलाम थे और अंग्रेजो ने अपनी धमक कायम रखने  के  लिए मन चाहे ढंग से पुलिस का इस्तमाल करने के लिये बाकायदा आपराथिक दँड प्रक्रिया यानि सी०आर०पी सी कानून  १८६० मे … Read more

कांग्रेस समर्थको को हिचकिचाने की ज़रा भी ज़रूरत नही

हम कांग्रेस समर्थक है और मुझे इस पैर गर्व है आज हम याद करना चाहेंगे की १. कांग्रेसियो ने ही देश की आजादी की लड़ाई लड़ी २.कांग्रेसियो ने ही देश के लिये अपने सीने पर गोली खाए. ३. कांग्रेसियो ने ही लाठियां खाई और अपने प्राणो की आहुति दी. ४. कांग्रेसियो ने ही अपने जवानी … Read more

प्राकृतिक आपदा और इंसानी हैवानियत

इंसान भी कितना स्वार्थी हैं अपने स्वार्थ के लिये कुछ भी कर सकता हैं यहंा तक की प्राकृतिक आपदा , किसानों की आत्महत्या या कोई एक्सिडेन्ट होने पर भी कुछ लोग गिद्व के जैसी नजर गडाये रहते हैं जैसे ही कोई घटना घटती हैं ये लोग अपना स्वार्थ साधने लगते हैं , राजनेता अपनी राजनीति … Read more

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