पंडितों को कश्मीर में बसाने के लिए मुसलमान आगे आए

कोई चार लाख कश्मीरी पंडित पिछले कई वर्षों से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। बच्चे, महिलाएं, बूढ़े आदि खानाबदोश की जिन्दगी जीने को मजबूर हैं। जम्मू कश्मीर में पिछले दिनों जब भाजपा और पीडीपी की गठबंधन की सरकार बनी थी, तब उम्मीद जगी कि कश्मीरी पंडितों की घर वापसी हो जाएगी, लेकिन घर वापसी … Read more

भाजपा और कांग्रेस के राज्य में भ्रष्टाचार एक समान

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नाम खुला पत्र वसुंधरा जी राजे मुख्यमंत्री राजस्थान, जयपुर। इस खुले पत्र के माध्यम से एक गंभीर मामला आपके समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। यह मामला जाहिर करता है कि भ्रष्टाचार पर कांग्रेस और भाजपा के राज में कोई फर्क नहीं है। भ्रष्टाचार करने वालों को इस बात से कोई … Read more

नेता वही जो युवा मन भाये

इन दिनों देश के युवाओ  में एक ही नाम बहुत लोकप्रिय है “मोदी” । ऑफिस हो या  चाय की थड़ी,शादी समारोह हो या कॉलेज कैंपस  सभी जगह इन्ही  की चर्चा है.उनका प्रभावी व्यक्तित्व, सकारात्मक एटीट्यूड  युवाओ को बहुत आकर्षित करता है. यहाँ तक की उनके हाथ जोड़ने, अभिवादन करने का ,हर अंदाज अपने आप में  … Read more

जीवन व्यस्त भले ही होे, लेकिन अस्त-व्यस्त नहीं

-ललित गर्ग- वर्तमान जीवन का हाल यह है कि यहां चीजें सरपट भाग रही हैं। लोग जल्दी में हैं। उन्हें डर है कि कहीं धीमें पड़ गए तो आगे बढ़ने की रेस में पीछे न छूट जाएं। इस आपाधापी में वे तमाम तरह की गड़बडि़यों में शामिल हैं। इसी तरह के जीवन ने व्यक्ति को … Read more

लेट आए ‘लतीफ़’ आए – इसरार अहमद

वक़्त के पाबंद इसरार अहमद पर लेट-लतीफ़ का आरोप लगना सही हो न हो,लेकिन इस बार वह लेट है और कुछ ज्यादा ही लेट हो गए है.पूरे छह वर्ष .इसरार अहमद ने एक फिल्म शुरू की थी-‘फैक्ट’.इस फिल्म में कई स्थापित कलाकार थे,पर उनसे इतर एक सुविधा नया चेहरा भी था,जो सबको प्रबावित कर रहा … Read more

क्या आध्यात्मिकता (Spirituality) ईगो-स्वअंहकार पर नियन्त्रण रखने में सहायक होती है ?

क्या इन्सान अपने आप को मैं-मैं-मैं और मेरा-मेरा के माया जाल से मुक्त कर सकता है ? अपने आप को मैं-मैं एवं मेरा-मेरा के माया जाल से मुक्त करना बहुत आसान तो नहीं है किन्तु ऐसा करना असंभव भी नहीं है | आत्मानुभव या स्वज्ञान के द्वारा हम अपने आप को मैं-मैं एवं मेरा-मेरा के … Read more

मजीठिया से अखबार मालिकों को घबराहट क्यों?

मजीठिया वेज अर्थात् कम से कम 40 हजार वेतन, इतनी बड़ी राशि सुनने के बाद अधिकांश लोगों की जुबान से यही बात निकलती है कि इतना वेतन कोई नहीं दे पाएगा, प्रेस बंद हो जाएगे। जो मिथ्था सोच से बढ़कर कुछ नहीं है। हाल में पेश समाचार पत्रों के सरकुलेशन रिपोर्ट को सभी समाचार पत्रों … Read more

सीएम साहिबा ने जापान से की राहत की घोषणा

राजस्थान के मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काम करने का भी जवाब नहीं है। इधर, जब प्रदेश में बेमौसम की बरसात और ओलावृष्टि से त्राहि-त्राहि मची हुई है, तब सीएम साहिब एक सप्ताह के लिए जापान के दौरे पर चली गई है। सरकार का दावा है कि सीएम जापान में उद्योगपतियों से बात कर राजस्थान में … Read more

स्वराज का यथार्थ

स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे ले कर रहूँगा …. भारतवर्ष के हर पढ़े लिखे व्यक्ति को ये वाक्य जोश में भर देता है …. आज भी इस वाक्य का एक शब्द ज़ोर शोर से उठ रहा है …. कुछ इस पर काम कर रहे हैं और कुछ इस पर अपने नव राजनैतिक … Read more

बोली पर ब्रेक….!!​

-तारकेश कुमार ओझा-  चैनलों पर चल रही खबर सचमुच शाकिंग यानी निराश करने वाली थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मातहतों को आगाह कर दिया था कि गैर जिम्मेदाराना बयान दिए बच्चू तो कड़ी कार्रवाई झेलने को तैयार रहो। मैं सोच में पड़ गया। यदि सचमुच नेताओं की जुबान पर स्पीड ब्रेकर या ब्रेक लग गया तो … Read more

भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर इतनी अफ़रा तफरी क्यों?

आदरणीय प्रधानमंत्रीजी, आप सदैव यह कहते है कि आप देश के लिए जीते है देश के लिए सोचते है व देश के लिए काम करते है। गांधी लोहिया जयप्रकाश की आप बार बार दुहाई देते है। ऐसे में निश्चय ही प्रधानमन्त्री कार्यालय जनता के हक में ही काम कर रहा होगा व आपका नारा सबका … Read more

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