अपने माता पिता का सम्मान करने के 35 तरीके

(मालिक … हमें इन दिशा निर्देशों का पालन करने की क्षमता व भावना दे) 1. उनकी उपस्थिति में अपने फोन को दूर रखो 2. वे क्या कह रहे हैं इस पर ध्यान दो 3. उनकी राय स्वीकारें 4. उनकी बातचीत में सम्मिलित हों 5. उन्हें सम्मान के साथ देखें 6. हमेशा उनकी प्रशंसा करें 7. … Read more

चाचा मोदी का ”गुरुमंत्र“ और शिक्षक

देश भर में भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 126वें जन्म दिन को नया नाम ”गुरु पर्व“ देकर नये कलेवर में 5 सितम्बर, 2014 को मनाया गया। जिसे ”शिक्षक दिवस“ के रूप में मनाया जाता रहा है। 1962 से प्रतिवर्ष जारी इस कार्यक्रम में भारत के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार सम्पूर्ण देश … Read more

जान सिर्फ कश्मीर के लिए कश्मीरियों के लिए नहीं

-गौरव अवस्थी– कश्मीर पर बड़ा हो-हल्ला सुनते  रहे हैं। इसी कश्मीर के लिए आतंकवादी कभी हमला करते हैं। कुछ काश्मीरी -कुछ खास वर्ग समुदाय के लोग कश्मीर में जनमत संग्रह का राग अलापते हैं। एक वर्ग विशेष इसका विरोध करता है। धरती के इस जन्नत के चाय के प्याले में तूफान भारत -पाकिस्तान दोनों देशों में उठाये … Read more

भारतीय मीडिया में खबरों का ज्वार – भाटा…!!

-तारकेश कुमार ओझा-  पता नहीं क्यों  मुझे भारतीय मीडिया का मिजाज भारत – पाकिस्तान  सीमा की तरह विरोधाभासी व अबूझ प्रतीत होता है। भारत – पाक की सीमा में कब बम – गोलियां बरसने लगे और कब दोनों देशों के सैन्य अधिकारी आपस में हाथ मिलाते नजर आ जाएं, कहना मुश्किल है। अभी कुछ दिन पहले … Read more

पंचगव्य सेवन धार्मिक और वैज्ञानिक रहस्य

-डा. लक्ष्मीनारायण वैष्णव-  सनातन धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म बतलाया गया है सनातन और सत्य के साथ ही लोक परलोक के साथ स्वास्थ्य और वैज्ञानिक रहस्यों से भरा पडा है। जिन रहस्यों को वैज्ञानिक आज भी सुलझाने से कोसों दूर दिखलायी देते हैं उनको कडोरों बर्ष पूर्व ही हमारे ऋषि मुनियों ने समझ लिया था। … Read more

पारू चावला की सिंधी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: पारू चावला ख्वाब ऐं हक़ीक़त तूँ ऐं माँ प्यार जा साथी राह ते हलंदे हिक ब्ये जा रहबर कडहिं तो मुखे सँभालियो – कडहिं मूँ तोखे झले वरतो ख़्वाब त रहियो ख़्वाब हक़ीक़त में छा ईंअ जियूँ था? पता: माहिम नवजीवन सोसाइटी, मुंबई। हिन्दी अनुवाद: देवी नागरानी ख़्वाब और हक़ीक़त मैं और तुम प्यार … Read more

दिमागी उपज…या कुछ और…!!

-अश्वनी कुमार- बंगलौर… सुबह के लगभग 8 बज रहे होंगे… शर्मा जी रोज़ की ही तरह आज भी अपने बैंक की ओर अपनी गाडी लेकर चल पड़े… शर्मा जी एक सरकारी बैंक में मैनेजर के तौर पर कार्यरत हैं. बैंक 9 बजे के आसपास खुलना था आम लोगों के लिए, तो वह बैठकर अपने साथ … Read more

दुराचार के बाद की सच्चाई

-अश्वनी कुमार- दुनिया भर में महिलाओं कि स्थिति को देखकर आज राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त द्वारा लिखी गई कविता “अबला जीवन तेरी यही कहानी, आंचल में है दूध और आंखों में पानी” याद आ गयी, कितनी प्रासंगिक लगती है ये कविता आज भी, जिस समय लिखी गयी थी उस समय कि बात तो समझ में आती है … Read more

बबुआ से महंगा न हो जाए झुनझुना…!!

-तारकेश कुमार ओझा- तब हमारे लिए​‘ देश ‘ का मतलब अपने पैतृक गांव से होता था। हमारे पुऱखे जब – तब इस ‘ देश  ‘  के दौरे पर निकल जाते थे। उनके लौटने तक घर में आपात स्थिति लागू रहती । इस बीच  किसी आगंतुक के पूछने पर हम मासूमियत से जवाब देते… मां – पिताजी तो घर पर नहीं हैं…। वे … Read more

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