मानव कर्मे से भूत, बर्तमान व भविष्य का निमार्ण कर सकता है
यह संसार असंख्य जीव जन्तुओं प्राणिओं से भरा है, प्रकृति की इस तरह की व्यवस्था चली आ रही है कि जिस योनी में जो जींव पैदा होता है उसी में वह मग्न प्रषन्न रहता है, प्रकृति के नियम के अनुसार जल, थल, नभ में जितने भी जींव प्राणी है उन सभी में मानव योगी सर्वोपति … Read more