महिलाएं अंतिम संस्कार में शामिल क्यों नहीं होती?

हालांकि परिजन के निधन पर विशेष परिस्थितियों में महिलाएं शवयात्रा और अंतिम संस्कार के दौरान श्मशान स्थल पर मौजूद रहती हैं, मगर आमतौर पर केवल पुरुष ही अंत्येष्टि में शामिल होते हैं। महिलाओं के लिए श्मशान स्थल वर्जित होने के पीछे जरूर कोई कारण होंगे। आइये, उन्हें समझने की कोशिश करते हैं। ऐसी मान्यता है … Read more

सूफी चक्कर नृत्य क्यों करते हैं?

आपने देखा होगा कि बच्चों को खेलते खेलते अपने स्थान पर खडे हो कर चक्कर लगाने की इच्छा होती है। लेकिन हम उसे यह कह कर रोक देते हैं कि आपको चक्कर आ जाएगा। और यह सही भी है। नृत्य के दौरान भी चक्कर लगाया जाता है, लेकिन उतनी ही देर, जब तक चक्कर न … Read more

क्या यह धरती ही नर्क है?

एक उक्ति है नानक दुखिया सब संसार। अर्थात पूरा संसार दुखी है। यहां हर व्यक्ति दुखी है। चाहे बहुत धनवान हो या सत्ताधीष, दिखता भले ही सुखी हो, मगर उसके भी अपने दुख होते हैं। कोई विपन्नता के कारण परेषान है, तो कोई औलाद न होने के कारण, कोई औलाद के नालायक होने से दुखी … Read more

खाना खाते वक्त जीभ या गाल क्यों कट जाते हैं?

एक परिवार के सदस्य आपस में कितने गहरे जुडे होते हैं और उनके अस्तित्व के बीच कितना अंतरसंबंध होता है, एक इसका एक रोचक उदाहरण मेरे ख्याल में आता है। जिसका जिक्र मेरी माताजी किया करती थी। आपने देखा होगा कि जब भी खाना खाते वक्त अचानक जीभ दांत की चपेट में आ जाए या … Read more

क्या शिव और शंकर अलग-अलग हैं?

हमारी जनचेतना में यह बात गहरे बैठी है कि शिव और शंकर एक ही हैं। इन दोनों में कोई भेद नहीं समझा जाता। जब भी शिव लिंग पर जल चढ़ाते हैं तो मन में त्रिशूलधारी, त्रिनेत्र व नील कंठ की प्रतिमा होती है, जिनकी जटा से गंगा निकलती है। शंकर भगवान का वाहन नंदी को … Read more

अल्लाह से जुडे नायाब लफ्ज

आपने अल्लाह से जुडे ये लफ्ज सुने होंगे। माषाअल्लाह, जजाकअल्लाह, सुभानअल्लाह, इंषाअल्लाह आदि। इनका उपयोग भिन्न प्रसंगों में किया जाता है। आम तौर पर लोग इनके ठीक मायने नहीं जानते। आइये, समझने की कोषिष करते हैंः- माशाअल्लाह एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है जो अल्लाह ने चाहा या अल्लाह की मर्जी से। इसे … Read more

प्रार्थना या दुआ के वक्त सिर क्यों ढ़कते हैं?

आपने देखा होगा कि दरगाहों, गुरुद्वारों व सिंधी दरबारों में सिर ढ़कने की परंपरा है। इस परंपरा का सख्ती से पालन भी किया जाता है। दरगाहों में अमूमन टोपी पहनने की परंपरा है। टोपी न हो तो रुमाल से सिर ढ़कते हैं। गुरुद्वारों में पगड़ी न होने पर रुमाल का इस्तेमाल किया जाता है। कई … Read more

ये डंकी रूट क्या है?

इन दिनों अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी भारतीयों को भारत लौटाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वे डंकी रूट से अमेरिका गए थे। डंकी रूट के मायने क्या हैं? कम ही लोगों को इसकी जानकारी होगी। इस सिलसिले में किसी समय अजमेर में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सेवानिवृत्त अधिशाषी … Read more

असुरों को वरदान देते ही क्यों हैं त्रिदेव?

सवाल ये है कि त्रिदेव या देवता असुरों को ऐसे वरदान देते ही क्यों हैं कि वे उसका दुरुपयोग कर सकें? क्या उन्हें इस बात का अहसास और इल्म नहीं कि असुर उस वरदान को दुनिया पर जुल्म ढ़हाने के लिए उपयोग करेगा? क्या किसी को आराधना, कठोर साधना व तप करने के बाद वरदान … Read more

दैनिक राषिफल पर अविष्वास क्यों?

हर आम ओ खास की दैनिक राषिफल देखने में रूचि होती है। चाहे उस पर विष्वास हो या नहीं। यकीन न हो तो भी एक बार देख ही लेते हैं। यकीन न होने के पीछे तर्क यह होता है कि अमुक राषि का दिनमान पूरी दुनिया के लोगों पर कैसे लागू हो सकता है? जैसे … Read more

श्रीमद्भागवत कथा में तोता क्यों रखा जाता है?

हालांकि आकाश में स्वछंद विचरण करने वाले किसी पक्षी को पिंजरे में कैद रखना उचित प्रतीत नहीं होता, लेकिन हमारे यहां तोते को पालने का प्रचलन रहा है। उसे शुभ माना जाता है। चूंकि तोते की आवाज मीठी होती है और वह राम-राम जैसे कुछ शब्द आसानी से सीख लेता है, इस कारण कुछ लोग … Read more

error: Content is protected !!