किशनगढ शहर में नही चुनावी रंगत

kishangarh election 450मदनगंज-किशनगढ। प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव आगामी एक दिसम्बर को होने जा रहे है, जिसमें अजमेर जिले के सबसे अधिक मतदाता वाले विधानसभा क्षेत्र किशनगढ़ के चुनाव में इस बार जीत किसकी होगी यह कहना मुश्किल है, परन्तु मतदाताओं ने यह जरूर ठान ली है कि पिछले पांच सालों से जिस प्रत्याशी का जुड़ाव उनसे रहा है उसी को ही भारी मतों से जिताकर विधानसभा में भेजेगें।
कांग्रेस से जहां निवर्तमान विधायक नाथुराम सिनोदिया चुनाव मैदान में है, वहीं भाजपा से पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी है। दोनों ही पार्टियों ने पुराने जंगबाजों को मैदान में उतारा है, इसके चलते दोनों ही प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। हालांकि चुनावी मैदान में अन्य राजनैतिक दलों व निर्दलिय के रूप में आठ प्रत्याशियों के होने के कारण दोनों के जीत का अंतर कमत्तर माना जा रहा है। भाजपा व कांग्रेस दोनों को ही बिगड़ रहे वोटों के समीकरणों को सुलझाने में काफी मशकत करनी पड़ रही है चुनावी मैदान में भले ही पार्टी से बागी होकर नही है, लेकिन अन्दरूनी तौर पर पार्टियों में कार्यकर्ता बागी का रूप अपनाकर प्रत्याशी को कमजोर बनाने में लगे है। जिसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होना है।
शहर में कार्यकर्ता चुनावी माहौल नही बना पाने से रगंत नही बन पा रही है जबकि प्रत्याशी गांवों के दौरे पर चल रहे है। हालांकि भाजपा व कांग्रेस दोनों के कार्यकर्ता उपरी मन से शहर के वाडऱ्ो में प्रचार कर माहौल बनाने का प्रयास कर रहे है। भाजपा में जरूर गुरूवार से चुनावी रंग चढऩा शुरू हो गया है।
-राजकुमार शर्मा

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