पुष्कर को ए डी ए की एक और सौगात

madhya pushkarमध्य पुष्कर (विष्णु पुष्कर ) का होगा काया कल्प – मध्य पुष्कर तक सी सी रोड़ व वहाँ बरामदा निर्माण हेतु 78 लाख की स्वीकृति ।
मध्य पुष्कर (विष्णु पुष्कर ) के शास्त्रों अनुसार ऐसी मान्यता हैं कि इसका जब ब्रह्मा जी ने ब्रह्म लोक से सृष्टी रचना कार्य हेतु अपने कर (हाथ ) से जो कमल पुष्प पृथ्वी पर गिराया था वह पुष्प उछ्ल कर तीन स्थानों पर गिरा जिन जिन स्थानों पर वह पुष्प गिरा वहाँ पाताल छेदन होकर तीन सरोवरों का निर्माण हुवा प्रथम ज्येष्ठजिसेब्रह्म पुष्कर सरोवर से जाना जाता हैं । द्वीतीय मध्य जिसे विष्णु पुष्कर सरोवर से जाना जाता हैं और तृतीय कनिष्ठ रूद्र पुष्कर सरोवर से जाना जाता हैं । इसी मान्यता से इन्हें त्रिपुष्कर के नाम से भी पुकारा जाता हैं ।
इसी प्रधानता को ध्यान में रखते हुवे ही त्रिपुष्कर का समान रूप से विकास किये जाने के लक्ष्य को आधार मानकर पिछले तीन वर्षो से श्री पुष्कर सरोवर सम्वर्धनी समिति के द्वारा मध्य पुष्कर तीर्थ जो कि लुप्त ही हो चूका था को पुन: जागृत करने का बीड़ा उठाया गया इसके लिए समिति ने विश्व जल दिवस का शुभ दिन चुन कर इस दिन मध्य पुष्कर जल बावड़ी जो कि पूर्ण रूपेण जल विहीन थी में ट्यूब वैल द्वारा जल भरवा व वहाँ की पूर्ण सफाई करवा समिति के पदाधिकारियों तथा पुष्कर तीर्थ के सेकड़ो तीर्थ पुरोहितों व गण मान्य नागरिकों की उपस्थिति में इस तीसरे वर्ष भी विष्णु पुष्कर सरोवर पर महा आरती का आयोजन किया गया । गत वर्ष इस महा आरती के पावन अवसर पर हमारे लोक प्रिय विधायक श्री सुरेश सिंह जी के सानिध्य में तथा इस वर्ष ये पावन कार्य कानस के सरपंच के पति के मुख्य आथित्य में सम्पन्न हुवा । इस वर्ष भी इस भव्य महा आरती के समय भी पुष्कर के सेकड़ो गण मान्य महानुभाव उपस्थित थे।
अब मुख्य बात इस तीर्थ को निरंतर जागृत रखने के लिए व इसका धीरे ही सही मगर काया कल्प तो होना चाहिए ये विचार महा आरती के अवसर पर उपस्थित पुष्कर के सभी गण मान्य सज्जनों जिनमें श्री मान सूरज नारायण जी पाराशर राकेश पाराशर जय नारायण द्ग्दी वीर शंकर जी ठाकुर प्रसाद जी पराशर  पुष्कर नारायन काका जी वैभव गुरु जी राजेंद्र महावर केलाश रेनबो सुभाष पाराशर कमल पाराशर पवन जोशी राजू रांकावत पंडित केलाश नाथ जी दाधीच आदि के थे।
अब इसी कड़ी में सभी के विचार और सकारात्मक सुझावों को लेकर प्राथमिक रूप में किन किन विकास कार्यो को पहले पहल किया जाना चाहिए उनमें मुख्य रूप से  बावड़ी में सदेव जल भरा रहे जिसमे यहाँ आने वाले श्रद्धालु स्नान पूजा इत्यादि कर सके । दूसरी आगन्तुक के विश्राम तथा कर्म कांड आदि के लिए कम से कम एक बरामदे का निर्माण व सुगम आवागमन के लिए पक्की सड़क का निर्माण आवश्यक रूप से महत्व पूर्ण हैं ।  इन तीनों कार्यों को करवाने के लिए पुष्कर सरोवर सम्वर्धनी के पदाधिकारियों ने फरवरी माह में माननीय विधायक महोदय जी से अजमेर सर्किट हॉउस में जाकर व्यक्तिगत भेंट कर उनसे  मध्य पुष्कर के काया कल्प के प्रारम्भ में इन तीन मुख्य कार्यों को करवाएं जानें की आवश्यकता का सादर निवेदन किया जिसका उन्होंने त्वरित एक्शन लेते हुवे सर्किट हॉउस पर ही ए डी ए के इंजीनियरों को बुला मध्य पुष्कर में सी सी रोड़ व बरामदा निर्माण के प्रस्ताव बना इसे आगामी ए डी ए की मीटिंग में रखे जाने के निर्देश दे दिए। और ट्यूब वैल के लिए पीसागन बी डी ओ को फोन पर ही मध्य पुष्कर में कानस पंचायत में प्रस्ताव लेकर ट्यूब वैल लगाने का निर्देश दे दिया ।
हमारी विधायक जी से सीधी वार्ता का असर इतना जल्दी हुआ की आज मध्य पुष्कर में जल हैं । और सडक और बरामदे के लिए ए डी ए ने इन दोनों प्रस्तावों को दिनांक 12/ 3/ 2015 की बजट मीटिंग में लेकर इन कार्यों के लिए 78 लाख की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति दे दी हैं। अब बहुरेंगे मध्य पुष्कर के दिन – पुष्कर तीर्थ व् बुढा पुष्कर तीर्थ के साथ साथ मध्य पुष्कर का भी विकास ।
अब अंत में – किसी भी सद कार्य को दिल पर लेकर निष्ठा से भाग दौड़ और मेहनत से किया जाये तो परिणाम भी अच्छा ही आता है।
अंत भला तो सब भला

arun parashar
arun parashar

मेरी भी भलाई इसी में हैं की ऊपर इतनी बातें इधर उधर की बताई – हकीकत में सार बात यह हैं की में कोई ए डी ए का प्रवक्ता तो हूँ नहीं जो सीधे सीधे एक लाईन में यह बता देता कि ए डी ए ने पुष्कर विकास में तीन करोड़ दिए? आज का जमाना सोशल मिडिया का हैं । हर कोई अंदर की बात भी जानने की इच्छा रखता हैं कि हकीकत क्या हैं । अब हकीकत भी बता दूँ वास्तव में ये हमारे जेसे फालतू लोगों की बेफिजूल की भाग दौड़ का पूरा सच हैं। और इसका पूरा श्रेय विधायक जी के दिल में पुष्कर तीर्थ के प्रति जो ईमानदारी पूर्ण निष्ठा हैं उसको जाता हैं । श्रेय तो जमाने का दस्तूर हैं जिसके हाथ सत्ता की कलम होगी श्रेय उसी को जाता हैं ।
मजा तो हमे भी भौं – भौं करने में खूब जमके आता हैं । बस इतना कि तीर्थ में जन्म का थोड़ा तो ऋण चुक जाता हैं ।
हम तीर्थ के लिए भौंके इसमें किसी का क्या – मगर जो तीर्थ की पीठ में तीर मारे उनका क्या ।
गुस्ताखी माफ़ करना । कोई ये ना माने  कि में आपको ए डी ए का प्रवक्ता बन खबरों का निवाला आपके मुहँ में जबरदस्ती ठूँसे जा रहा हूँ । ए डी ए में जाकर खूब धक्के खाने के बाद सच्चाई को जीता कर बाहर ली जाती हैं तब ही सच को कोई दिल खोल कर परोसता हैं फिर भी किसी को सच परोसने से बदहजमी होती हो तो वो मुहँ में अंगुलिया डाल उल्टी कर ले ।
असली योग्यता सच्चे दिलों के आस पास होती हैं
धन सत्ता और झूठी ख्याति बेईमान और बेवकूफों के पास होती हैं । जय पुष्कर राज की ।
   अरुण पाराशर – सामाजिक कार्य कर्ता

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