क्या अजमेर के नए एसपी अपना डर बनाए रखेंगे

पद संभालते ही जुआ-सट्टा और अवैध शराब की बिक्री बंद
vikas kumar 1युवा आईपीएस विकास कुमार ने 24 जून को अजमेर के जिला पुलिस अधीक्षक का पद संभाल लिया है। इधर एसपी ने पद संभाला और उधर जुआ-सट्टा, अवैध शराब की बिक्री आदि के अपराध भी बंद हो गए। थानाधिकारियों के सरंक्षण में जुए-सट्टे और अवैध शराब की बिक्री करने वालों को अब नए एसपी के कामकाज शुरू होने का इंतजार है। पुलिस महकमें में विकास कुमार की छवि सख्त अधिकारी की मानी जाती है। इससे पहले अलवर के एसपी के पद पर रहते हुए विकास कुमार ने कोबरा टीम बनाई थी। राजनेताओं की सिफारिशों से नियुक्त होने वाले थानाधिकारियों को दर-किनार कर कोबरा टीम ने अलवर में अपराध पर अंकुश लगाया था। एसपी के अजमेर आने से पहले ही कोबरा टीम की दस्तक अजमेर में सुनाई दे गई। अजमेर में भी ऐसे अनेक थानाधिकारी है,जिन्हें जिले के मंत्रियों, विधायकों और भाजपा के प्रभावशाली नेताओं का सरंक्षण है। ऐसे थानाधिकारियों को भी पता है कि विकास कुमार उन्हें हटवा तो नहीं सकते है। अजमेर के थानाधिकारी इतने घाघ है कि नए एसपी का रुख भांपने की कोशिश में लगे है। हालांकि कई थाना अधिकारी तो डीएसपी के पद पर पदोन्नत हो गए है, लेकिन अभी भी इंस्पेक्टर का ही काम कर रहे है। नए एसपी की यह भी सोच है कि जो इंस्पेक्टर डीएसपी बन गए है, उन्हें जल्द से जल्द अजमेर से रुखसत करवा दिया जाए। विकास कुमार राजनीति के सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हंै, उन्हें यह भी पता है कि थानों पर नेताओं की सिफारिश वाले इंस्पेक्टर ही लगेंगे। 24 जून को पद संभालने के बाद विकास कुमार ने पत्रकारों से कहा कि अभी अजमेर को समझने की जरुरत है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि विकास कुमार सबसे पहले पुलिस और अपराधियों की कथित सांठगांठ का अंदाजा लगाएंगे। उन पुलिस कर्मियों का भी चयन किया जाएगा जो कोबरा टीम में शामिल हो सकते है। जहां तक अजमेर में अपराध रोकने का सवाल है तो पुलिस पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। आए दिन हो रही चोरी की घटनाओं से जाहिर है कि प्रभावी तरीके से रात्रि गश्त नहीं हो रही है। अजमेर शहर ही नहीं बल्कि ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद, केकड़ी आदि शहरी क्षेत्रों में जिस प्रकार खुलेआम जुआ-सट्टा हो रहा था, उससे भी पुलिस की मिलीभगत जगजाहिर थी। अवैध शराब की बिक्री तो खुलेआम हो रही थी। लाइसेंसधारी शराब की दुकानों पर रात्रि 8 बजे बाद भी बिक्री करवाकर अजमेर पुलिस मालामाल हो रही है। इसमें कोई दोराय नहीं कि 24 जून की दोपहर 12 बजे से जुआ-सट्टा और अवैध शराब की बिक्री पूरी तरह बंद हो गई। अब सभी थानाधिकारी नए एसपी के सामने सीना तानकर खड़े है। ऐसा प्रदर्शन कर रहे हैं जैसे वो राजा हरीशचन्द्र के वंश के ही हैं। देखना होगा कि विकास कुमार अपने इस डर को कब तक कायम रख पाते है। यह वहीं अजमेर है, जिसके एसपी थानाधिकारियों से मंथली वसूली करने के आरोप में एक साल से भी ज्यादा समय तक जेल में रह चुके है।
(एस.पी. मित्तल) M-09829071511

1 thought on “क्या अजमेर के नए एसपी अपना डर बनाए रखेंगे”

  1. अजमेर को सुधारने मे ऐसे ही एसपी की आवशकता है

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