सचिन पायलट ने बढ़ाया अजमेर का गौरव

अजमेर के कांग्रेस सांसद व केंन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी व संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने प्रादेशिक सेना में नियमित लैफ्टिनेंट के रूप में शामिल हो कर अजमेर जिले का गौरव बढ़ाया है। वे देश के पहले ऐसे मंत्री व सांसद हैं, जिन्होंने बाकायदा संबंधित परीक्षा उत्तीर्ण कर टेरिटोरियल आर्मी में लैफ्टिनेंट के रूप में पद स्थापित हुए हैं। उन्होंने पिछले माह ही इलाहाबाद में सर्विस सेलेक्शन बोर्ड के इंटरव्यू को भी पास किया। आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह और टेरिटोरियल आर्मी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ए. के. सिवाच ने एक संक्षिप्त कार्यक्रम में पायलट को बतौर लेफ्टिनेंट नियुक्त किया। पैंतीस वर्षीय पायलट की ट्रेनिंग देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकेडमी और महाराष्ट्र के देवलाली स्थित टेरिटोरियल आर्मी अकेडमी में होगी। पायलट को सिख रेजिमेंट की 124 टीए बटालियन में नियुक्त किया जाएगा।
यहां ज्ञातव्य है कि भारतीय सेना के तहत टेरिटोरियल आर्मी जॉइन करने वालों को हर साल कुछ समय के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग करनी पड़ती है। इसे जॉइन करने वाले साथ-साथ दूसरे पेशे में भी सेवाएं दे सकते हैं। प्रादेशिक सेना का उद्देश्य मिलिट्री इमरजेंसी के दौरान रेलवे, ऑयल एंड नैचुरल गैस, अस्पताल और टेलिकॉम जैसे बुनियादी चीजों का ख्याल रखना है। प्रादेशिक सेना में करीब 40 हजार लोग तैनात हैं।
प्रादेशिक सेना में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपनी सैन्य पारिवारिक पृष्ठभूमि का जिक्र किया और युवा वर्ग से अपेक्षा की वह देश की बहबूदी की खातिर आगे आए।
आइये कुछ जानें सचिन पायलट के व्यक्तिगत जीवन के बारे में:-
अपनी सदृढ़ पारिवारिक पृष्ठभूमि और साफ-सुथरी छवि के साथ ऊर्जावान युवा नेता के रूप में स्थापित सचिन पायलट पिछले लोकसभा चुनाव में अजमेर से निर्वाचित हुए और वर्तमान में केन्द्र सरकार में संचार व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री हैं।
पायलट कम उम्र में ही कुशल राजनीतिज्ञ की भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। उनका जन्म दिग्गज किसान नेता और केन्द्र सरकार में तत्कालीन मंत्री स्वर्गीय राजेश पायलट और श्रीमती रमा पायलट के घर 7 सितंबर, 1977 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर में हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के एयर फोर्स स्कूल में अर्जित की और उसके बाद नई दिल्ली में ही दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध सेंट स्टीवंस कॉलेज से बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल की। उन्होंने आजीविका के लिए सबसे पहले बीबीसी के दिल्ली ब्यूरो में काम किया। जनरल मोटर्स कारपोरेशन में भी काम किया। इसके बाद एमबीए की डिग्री के लिए यूएसए के फिनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से संबद्ध व्हारटन बिजनेस कॉलेज में अध्ययन किया। उन्होंने मल्टीनेशनल मैनेजमेंट व फाइनेंस में विशेषज्ञता हासिल करते हुए अपना कोर्स पूरा किया। उनका मुख्य व्यवसाय खेती है। उन्होंने 15 जनवरी, 2004 को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की पुत्री सारा से विवाह किया। वे 13 मई, 2004 को चौदहवीं लोकसभा के लिए दौसा संसदीय क्षेत्र से चुने गए। मात्र 26 वर्ष की उम्र में वे देश के सबसे युवा सांसद बने। उन्होंने यह चुनाव 1.2 लाख वोटों के अंतर से जीता।
वे नागरिक उड्डयन मंत्रालय की स्टेंडिंग कमेटी और संसद की एस्टीमेट्स कमेटी के सदस्य रहे। सचिन पायलट को उड़ान का बहुत शौक है और उन्होंने 1995 में अमेरिका में प्राइवेट पायलट लाइसेंस हासिल किया है। उन्हें खेलने की भी खासा शौक है और कई बार दिल्ली राज्य की ओर से राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। वे चार साल तक पिस्तौल व राइफल शूटिंग में नेशनल चैंपियन रहे हैं। उनको स्पोर्ट्स, भारतीय लोक संगीत व खेती का भी बहुत शौक है। उन्होंने एक पुस्तक भी लिखी है, जिसका नाम है:-राजेश पायलट, इन स्पिरिट फोरएवर।
दौसा संसदीय क्षेत्र के आरक्षित घोषित होने के बाद उन्होंने अजमेर से भाग्य आजमाया और 2009 के आम चुनाव में जीते। सृदढ़ पारिवारिक पृष्ठभूमि व जातीय समीकरण के साथ कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से नजदीकी के कारण उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी व संचार राज्य मंत्री पद से नवाजा गया। केन्द्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होने वाले वे अजमेर के पहले सांसद हैं। इसी कारण अजमेर वासियों को उनसे अनेक आशाएं हैं। उन आशाओं के अनुरूप वे काम भी करते दिखाई देते हैं।
-तेजवानी गिरधर

2 thoughts on “सचिन पायलट ने बढ़ाया अजमेर का गौरव”

  1. वैसे तो सचिन जी ने अजमेर के लिए बड़े काम किये है अब वक़्त है की अजमेर की जो छोटी छोटी समस्याएँ हैं उनके लिए भी वक़्त निकले.
    जन्मदिन पर बधाई और फ़ौज में जाने पर शुभकानाए.

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