सालेचा साहब, जरा इधर भी ध्यान दीजिए

नरेश सालेचा
नरेश सालेचा
अजयमेरु टाइम्स व अजयमेरु नागरिक अधिकार एवं जनचेतना समिति के माध्यम से मुद्दत से कहते आ रहे हैं पुन: कहना चाहते हैं:
1. रेलवे स्टेशन का द्वितीय निकास द्वार पाल बीचला की तरफ बनाने की योजना पर काम करें, इससे अजमेर की आधी आबादी को लाभ होगा और मेन स्टेशन रोड पर ट्रेफिक भी कम होगा।
2. मदार रेलवे स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के साथ इसका विस्तार भी किया जाय ताकि भविष्य में अजमेर मुख्य स्टेशन का भार कम किया जा सके। यदि मदार स्टेशन का विकास नहीं किया तो अजमेर को नई रेलगाडिय़ां भी मिलना मुश्किल हो जाएगीं। मुख्य स्टेशन पर पिटलाइनों का नितांत अभाव है अत: मदार स्टेशन पर इस कार्य की योजना बनाई जानी आवश्यक है।
3. अजमेर स्टेशन को सही मायने में वल्र्ड क्लास बनाना है तो प्लेटफार्म पर लगेज ट्राली की व्यवस्था की जानी आवश्यक है जैसे कि सभी एयरपोर्ट पर होती है और रेलवे ने सियालदाह स्टेशन पर की हुई है।
4. अजमेर अन्तर्राष्ट्रीय धर्मनगरी है। पुष्कर तीर्थ व ख्वाजा साहब की दरगाह वे पवित्र स्थान हैं, जहां देश से ही नहीं विदेश से भी लाखों धर्मपे्रमी बन्धु निरंतर आते हैं। एक धर्मनगरी का दूसरी धर्मनगरी के साथ सीधा सम्पर्क होना आवश्यक है। इस सिलसिले में अजमेर को सोमनाथ व मथुरा से सीधे जोडऩे के क्रम में दिल्ली-राजकोट ट्रेन का सोमनाथ तक तथा इलाहबाद-जयपुर ट्रेन का अजमेर तक बढ़ाया जाना आवश्यक है। इस सम्बन्ध में रेलवे बोर्ड को अब तक कोई प्रस्ताव भेजा गया है या नहीं, अजमेर वासियों को कोई जानकारी नहीं है। कृपया इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करें व इस कार्यवाही की जानकारी जनता को भी दें ताकि पता चल सके कि इन मांगों के सम्बन्ध में रेलवे का क्या नजरिया है।
5. अजमेर व श्री महावीरजी के बीच तीन ट्रेने हैं (अजमेर-पटना जियारत ए., उदयपुर-सियालदाह अनन्या ए., रांची-अजमेर ए.) जिनका ठहराव श्री महावीरजी स्टेशन पर नहीं है। अजमेर में एक के बाद एक कई डीआरएम आए, परन्तु अभी तक किसी के द्वारा भी इस ओर कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है। अनेक अवसरों पर सलाहकार समिति सदस्यों के साथ सम्पन्न मीटिंगों में इसकी मांग उठी है परन्तु सफलता नहीं मिल सकी है। अजमेर-जयपुर से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री प्रतिदिन श्री महावीरजी जाते हैं परन्तु इन टे्रनों का ठहराव न होने से उन्हें भारी असुविधा होती है। कृपया इस ओर भी ध्यान दें ताकि यात्रियों की कठिनाई कम हो सके और उन्हें तीर्थयात्रा में सुगमता हो सके।
एन के जैन सीए, वरिष्ठ पत्रकार

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