मौत के बाद भी दो दिन तक वेंटिलेटर पर रखा?

मित्तल अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज। डॉक्टर गिरफ्तार
mittal hospitalमौत के बाद भी दो दिन तक मृतक को वेंटिलेटर पर रखने के मामले में पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ क्रिश्चियनगंज स्थित पुलिस स्टेशन पर मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही मित्तल अस्पताल के डॉ.प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि आरोपी डॉक्टर सूर्य फरार हो गया है। बी के कौल नगर निवासी जसदीप सिंह ने रिपोर्ट में कहा है कि उसके 61 वर्षीय पिता नरेन्द्र पाल सिंह की हार्ट सर्जरी 18 नवम्बर को मित्तल अस्पताल में करवाई गई थी, लेकिन ऑपरेशन के बाद से किसी भी परिजन को मरीज से मिलने नहीं दिया गया। डॉक्टरों का कहना रहा कि तबीयत खराब होने की वजह से नरेन्द्र सिंह को वेंटिलेटर पर रखा गया। पहले तो परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की बात पर भरोसा किया, लेकिन 21 नवम्बर को जब सब्र का बांध टूट गया तो परिजनों ने हर हाल में नरेन्द्र सिंह से मिलने की जिद्द की। इस पर डॉक्टरों ने कह दिया कि नरेन्द्र पाल की मृत्यु हो गई है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि 18 नवम्बर को ऑपरेशन बिगडऩे की वजह से ही नरेन्द्र पाल की मौत हो गई लेकिन इसके बावजूद भी दो दिनों तक मृतक को वेंटिलेटर पर रखा गया। हालांकि पुलिस ने पहले तो रिपोर्ट लिखने से ही इंकार कर दिया, लेकिन जब सिक्ख समुदाय के सैकड़ों लोग अस्पताल में हंगामा करने लगे तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और साथ ही डॉ.प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि दूसरा डॉक्टर सूर्य फरार हो गया है।
अस्पताल की सफाई :
नरेन्द्र पाल सिंह की मौत पर मित्तल अस्पताल के प्रबंधन और डॉ.सूर्य ने सफाई दी है। इसमें कहा गया कि 18 नवम्बर को हार्ट का ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा, लेकिन मरीज रक्तचाप की बीमारी से ग्रसित था और तीनों नसों में रूकावट थी इसलिए मृत्यु हुई। मृतक के परिजनों को समय-समय पर सभी गतिविधियों से अवगत कराया गया। यह आरोप गलत है कि मौत के बाद भी नरेन्द्र पाल को वेंटिलेटर पर रखा गया।
(एस.पी. मित्तल)
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