हां में जगतपिता ब्रम्हा का एक मात्र मंदिर हूँ

bramha mandir 7हिन्दू धर्म के करोड़ों श्रद्धालुओं , लाखो संत महात्माओ , हजारो तीर्थ पुरोहितो , और सत्ता के शिखर पर बैठे राजनेताओ द्वारा मेरे प्रति अटूट आस्था रखने के बावजूद भी आज में विश्व का एकमात्र ब्रम्हा मंदिर बेहद दुःखी हूँ । बीते 10 दिनों से हर कोई यहाँ का महंत बनने के लिए लालायित है लेकिन किसी को भी सरेआम नीलाम की जा रही मेरे मंदिर की प्रतिष्ठा और इज्जत का ज़रा भी ख़याल नहीं है ।
बीती 11 जनवरी को महंत सोमपूरी के निधन के बाद ना जाने कितने लोग मेरे यहाँ महंत बनने के लिए आ गए है । ना जाने कितने अखाड़े , सम्प्रदाय , मंदिर के ट्रस्ट और अन्य सामाजिक संस्थाएं यहाँ की गद्दी पर बैठने के लिए चौबीसो घंटे अलग अलग तरीको से षड़यंत्र रच रहे है । कुछ ने तो मंदिर में डेरा जमाकर अभी से ही सब कुछ हथिया लेने की योजना बनाकर अपने समर्थको को बुलवाना शुरू कर दिया है तो कुछ मीडिया में अपने नामा की मुहीम चलाकर प्रशासन पर दबाव बना रहे है । कुछ लोग कौर्ट में जाने की सोच रहे है तो कुछ साम दाम दंड भेद सब कुछ लगाकर भी इसे पाने का जुगाड़ लगा रहे है । तो वही राज्य सरकार ने भी अब प्रशासनिक अधिकारियो की कमेटी बना कर सब कुछ अपने हाथ में ले लिया है ।
क्या कोई है जो इन सभी से पूछ सके की आखिर इन्हें किसने अधिकार दिया मेरे मंदिर की प्रतिष्ठा को हर रोज धूमिल करने का , महानिर्वाणी अखाड़े को किसने अधिकार दिया मंदिर को ही अखाड़ा बनाकर रख देने का , दोनों ट्रस्ट के इन ट्रस्टियों को किसने अधिकार दिया अलग अलग महंत बनाने का , षड्दर्शन साधू समाज को किसने अधिकार दिया इस पर अपना हक़ जताने का , शायद आज की तारिख में कोई नहीं है जो इन सभी से यह सवाल पूछ सके । क्यों इतना सब कुछ होने के बावजूद सभी श्रद्धालु , सभी तीर्थ पुरोहित और सभी जनप्रतिनिधि मौन होकर बैठे है ।
इतिहास गवाह है आज तक जो भी यहाँ महंत बनकर बैठे है वो सभी कम पढ़े लिखे ही बैठे है । फिर चाहे हो परमेश्वरपुरी जी हो , लहरपुरी जी हो या फिर दिवंगत सोमपूरी जी । तो क्या आगे भी इसी तरह कम पढ़े लिखे यहाँ पर महंत बनते रहेंगे । बीते समय में भी कई बार मेरे अस्तित्व को चुनोती दी गई , कई बार गलत लोगो के हाथो में मंदिर की व्यवस्थाये जाने से मंदिर की बदनामी हुई , कई बार मुझे कौर्ट में भी घसीटा गया , आखिर कब तक मेरे मन्दिर को यूँ ही विवादित बनाया जाता रहेगा ।
में चाहता हूँ यहाँ पर ऐसा योग्य और विद्वान् व्यक्ति महंत बने जो ना सिर्फ मंदिर की गरिमा के अनुरूप आचरण करे , बल्कि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं , साधू संत महात्माओ , और देश विदेश से आने वाले लाखो लोगो का आदर सत्कार कर उनके सामने भी एक आदर्श स्थापित कर सके । जो हर रोज गऊओं की सेवा करे , दीन दुःखी और गरीबो की मदद करे , गरीब कन्याओ की शादियां करे , सभी जाती और धर्म के लोगो से समान व्यवहार करे , जिसके मन में केवल दया और परोपकार की भावना भरी हो , और सबसे बड़ी बात जिसे सभी लोगो का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त हो ।

राकेश भट्ट
राकेश भट्ट
*मेरी अपील है कि आप सभी श्रद्धालु मेरे अंतर्मन के दुःख को महसूस करके उसका समाधान करने के लिए आगे आये और मुझे इन स्वार्थी , लोभी , और केवल महंत बनकर यहाँ पर सुख भोगने की लालसा रखने वाले धूर्त और पाखंडी लोगो से मुझे बचाये । यह लोग यहाँ पर सेवा करने की भावना से महंत नहीं बन रहे है बल्कि यह भक्तो द्वारा चढाये जाने वाले लाखो रुपयो को नोंच नोंच कर खाने के मंसूबे पालकर गद्दी पर बैठना चाहते है ।*
याद रखना अगर यह हालात अभी नहीं बदले तो फिर कभी नहीं बदल पाएंगे । अब यह आपके ऊपर है की मुझे इन लालची और पाखंडी लोगो से कैसे बचाते है वरना फिर वही हाल होगा जो पिछले कई सालो से होता आया है ।
*आप सभी की आस्था का केंद्र – ब्रम्हा मंदिर •••*
*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ़ नेशन*
*मो 9828171060••*

error: Content is protected !!