1 फरवरी को ब्यावर के 182वें स्थापना दिवस पर विषेष

वासुदेव मंगल की कलम से……..
ajmeryआज ब्यावर शहर की स्थापना को 181 साल पूरे हो चुके हैं और 182वां स्थापना दिवस है। इस खुषी के मौके पर वासुदेव मंगल व उसके परिवार की ओर से ब्यावर क्षेत्र के निवासियों को अनेकानेक बधाईयां व शुभकामनाएँ।
आज के दिन आप सभी क्षेत्रवासियों को राजस्थान प्रदेष की पिछले साठ वर्षों में चवदा सरकारों द्वारा ब्यावर क्षेत्र के विकास में ठहराव लाये जाने के बारे में चिन्तन और मन्थन करना परम आवष्यक है और वाट्स एप के जरिये राजस्थान प्रदेष की वर्तमान यषस्वी मुख्यमन्त्री माननीय वसुन्धरा राजेजी को ब्यावर को जिला बनाये जाने के सम्बन्ध में यह सन्देष देना है कि आखिर वे इस बारे में हमको और कितने समय तक इन्तजार करवायगें।
dixon photoबता दें कि भगवान राम ने तो 14 (चवदा) वर्ष ही वनवास किया परन्तु हम पिछले साठ वर्षों से चवदा सरकारों का वनवास भोग चुके है।
इस गणतन्त्र में अब तो हमारी भी सुनवाई होनी चाहिये और ब्यावर को उसका वाजिब हक देकर अब तो जिला बना दिया जाना चाहिये जिसके लिये यह पात्रता रखता है।
हम जानते हैं कि मेरवाड़ा प्रदेष को राजस्थान प्रदेष में मिलाये जाने के वक्त ही ब्यावर जिले की घोषणा तत्कालिन सरकार को कर देनी चाहिये थी लेकिन ब्यावर का दुर्भाग्य था कि इसके हक से वन्चित कर जानबूझकर हमारी चुनी हुई सरकार द्वारा इसे उपखण्ड इसलिये घोषित किया गया ताकि यह भविष्य में किसी प्रकार की भी तरक्की नहीं कर सके क्योंकि इस शहर और मेरवाडा प्रदेष को एक अंग्रेज सैन्य अधिकारी ने बसाया था। इस कसूर की राजनैतिक सजा आज तक पिछले साठ सालों से राजस्थान प्रदेष की चवदा सरकारें लगातार देती आई है।

वासुदेव मंगल
वासुदेव मंगल
अब वर्तमान में सन् 2013 में चुनी गई वसुन्धराजी के नेतृत्व में यह पन्द्रहवीं यषस्वी सरकार है। अब तो वनवास समाप्त होना चाहिये। अब इस सरकार को चौथा साल हैं अतः इस बजट सत्र में ब्यावर जिले की घोषणा करनी चाहिये की। इस आषय का सन्देष आज सभी नागरिकों को वाट्सएप एवं अन्य मिडिया के जरिये देवें। आपसे लेखक की विषेष प्रार्थना है।
ब्यावर को जिला बनाये जाने के समर्थन में ब्यौरेवार बिन्दुओं की सारणी संलग्न है जिसके कारण ब्यावर को जिला बनाया जाना है।

ब्यावर को जिला बनाये जाने के समर्थन में निम्न ब्यौरेवार बिन्दुः-
1. सौ साल तक मेरवाडा राज्य का मुख्यालय रहा – ब्यावर
2. सूती कपडे की तीन मीलों के कारण राजपूताना का मेनचेस्टर – ब्यावर
3. सूचना के अधिकार एवं ट्रेड यूनियन आन्दोलन का जनक – ब्यावर
4. सम्पूर्ण विष्व में क्रॉस की आकृति पर बसाया गया एक मात्र शहर – ब्यावर
5. अथाह भू-खनिज व वन एवं प्राकृतिक सम्पदा वाला क्षेत्र -ब्यावर
6. भारत के स्वतन्त्रता संग्राम का अग्रणी षहर- ब्यावर
7. केन्द्र व राज्य सरकार के भरपूर राजस्व का स्त्रोत -ब्यावर
8. देष व राज्य में यातायात व संचार का केन्दीय स्थान षहर -ब्यावर
9. राट्रीय राजमार्ग नंबर 14 का आरम्भ स्थल षहर -ब्यावर
10. मुगल कालीन गौरव बादषाह व इन्द्रधनुषि संस्कृति तेजा मेले का षहर -ब्यावर
11. विष्व प्रसिद्व व्यंजन तिलपपडी का षहर – ब्यावर
12. रण-बाँकुरे देष की सीमा प्रहरियों का क्षेत्र – ब्यावर
13. अरावली राट्रीय उद्यान का प्रवेष द्वार – ब्यावर
14. धार्मिक स्थलों मन्दिरों, मस्जिदों, गुरूद्वारों व चर्च का शहर -ब्यावर
15. राजनैतिक-प्रषासनिक प्रषिक्षण का स्थल – ब्यावर
16. कर्नल चॉर्ल्स जार्ज डिक्सन के सपनों का षहर – ब्यावर
17. बडे, मझँलें, छोटे, कुटीर एवं परम्परागत उद्योगों का षहर – ब्यावर
18. अतीत में ऊन, कपास, रूई, अनाज व सर्राफा व्यापार की राष्ट्रीय मण्डी का शहर- ब्यावर
19. सन् 1975 में नगर सुधार न्यास स्थापित कर तत्पष्चात् 1978 में इसे हटाये जाने वाला शहर – ब्यावर जिसे पुनः तुरन्त प्रभाव से स्थापित किया जाना है।
20. सन् 1956 मंे सी एम एच ओ कार्यालय स्थापित कर तत्पष्चात् 2006 में इसे हटाये जाने वाला षहर – ब्यावर जहां पुनः मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधि. कार्यालय स्थापित करना।
21. सन् 2002 में सहायक जिलाधीष का पद सृजित करने के बाद भी कोई नियुक्ति नहीं पाने वाला षहर -ब्यावर अतः ए.डी.एम. राजस्व की तुरन्त नियुक्ति हो।
22. एकीकृत उपखण्ड के वर्तमान में तीन उपखण्ड, चार तहसीलों दो पंचायत समितियों, बहत्तर ग्राम पंचायतों, तीन सौ पेंसठ राजस्व गाँवों करीब 8-10 लाख की जनसंख्या, 10-12 लाख मवेषियों की संख्या, करीब 10-12 थानों वाला – ब्यावर जिसे जिला बनाया जाना अत्यन्त आवष्यक है।
23. षिक्षा का केन्द्र जहां पर सभी प्रकार छोटी, मध्यम, उच्च तथा महाविद्यालय स्तर की करीब 135 यहां तक कि तकनीक षिक्षा स्तर की षिक्षण संस्थाएँ भी कार्यरत है।
24. आस-पास के करीब 50-75 गाँवों का ‘अ’ श्रेणी के अमृतकौर अस्पताल, ‘अ’ श्रेणी का आयुर्वेदिक औषधालय व करीब अन्य 30-40 अस्पताल कार्यरत है।
25. आस पास के 75-100 गांवों की व्यापार की मण्डी।
26. करीब 20 बैंक कारोबार में संलग्न।
27. रीको के छः सेक्टर। तीन सरकारी व तीन प्राईवेट।
28. 1750 वर्ग किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ एकीकृत ब्यावर उपखण्ड का क्षेत्रफल
29. स्मार्ट सिटी हेतु दक्षिण में दिवेर तक, ब्यावर विकास प्राधिकरण स्थापित कर फैलाव किया जा सकता है।
30. राजस्थान की सबसे पहीली ब्यावर नगरपरिषद् को 45 वार्डों के कारण जनसंख्या लगभग 4-5 लाख के कारण क्रमोन्नत कर ब्यावर नगर निगम बनाया जाना।
31. तकरीबन 300-400 कॉलोनिया वाला ब्यावर।

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