डॉ. बाहेती ने तो शुरू भी कर दी चुनाव की तैयारी

18920713_1067727196662302_3291207990035947940_nपुष्कर के पूर्व विधायक व अजमेर नगर सुधार न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने दो बार अजमेर उत्तर से हारने के बाद अब पुष्कर विधानसभा क्षेत्र पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। वे इस भीषण गर्मी में भी इलाके के जिस प्रकार दौरे कर रहे हैं, उससे तो लगता है मानो वे चुनावी जाजम बिछाना शुरू कर चुके हैं। रेखांकित करने वाली बात ये है कि उन्हें गांवों में जनता का पूरा रेस्पोंस भी मिल रहा है। छवि उनकी साफ-सुथरी है, इसमें कोई दोराय है ही नहीं। ऐसा प्रतीत होता है कि वे पुष्कर से टिकट लेने के लिए एडी चोटी का जोर लगा देंगे। रहा जीतने की संभावना का सवाल तो वह आसान नहीं है। पिछली बार जब से यहां से जीते थे तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। इस बार क्या होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है। बात भाजपा की करें तो यहां से मौजूदा विधायक व संसदीय सचिव सुरेश रावत ने भी इलाके पर अच्छी पकड़ बना रखी है। अगर डॉ. बाहेती से उनकी भिड़त होती है तो मुकाबला कांटे का होगा।
बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती। इसी इलाके की पूर्व विधायक व शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ ने भी जमीन पर पूरी पकड़ बना रखी है। चुनाव हारने के बाद से वे लगातार सक्रिय हैं। इतना ही नहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के अजमेर दौरे के हर कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। अर्थात उनकी भी पुष्कर से टिकट लेने की पूरी तैयारी है। उनका दावा इस दम पर है कि वे एक तो मुस्लिम हैं और दूसरा महिला कोटे को भी पूरा करती हैं। अजमेर जिले में दूसरी मुस्लिम बहुल सीट मसूदा की मानी जाती है। अगर वहां से किसी मुस्लिम को टिकट नहीं मिल पाती तो उनका पुष्कर का दावा मजबूत हो जाएगा। यहां बता दें कि मसूदा से इस बार टिकट के लिए पूर्व विधायक हाजी कयूम खान पूरी ताकत झोंक देने वाले हैं। उनके भी जयपुर-दिल्ली तक जबरदस्त ताल्लुकात हैं।
मुद्दे की बात पर आते हैं। हालांकि पुष्कर से कोई और भी दावा कर सकता है, या रावत वोट बैंक के आधार पर कोई नया प्रयोग भी हो सकता है, मगर फिलवक्त राजनीतिक दमदारी डॉ. बाहेती व श्रीमती इंसाफ की ही मानी जाएगी। यहां, बता दें कि डॉ. बाहेती पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे से हैं, जबकि श्रीमती इंसाफ सचिन पायलट की करीबी। जैसे कि गहलोत व डॉ. बाहेती के ताल्लकात हैं, उससे लगता है कि गहलोत उन्हें टिकट दिलवाने के लिए अड़ ही जाएंगे। पहले भी सिंधी समाज के विरोध को दरकिनार करते हुए उन्हें अजमेर उत्तर से टिकट दिलवा चुके हैं। श्रीमती इंसाफ के लिए पायलट कितना अड़ते हैं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। एक रोचक बात भी जान लीजिए। किसी जमाने के में श्रीमती इंसाफ के पति हाजी इंसाफ अली डॉ. बाहेती के खासमखास हुआ करते थे। आज स्थिति ये है कि टिकट के लिए डॉ. बाहेती को अपने ही शागिर्द की पत्नी से प्रतिस्पद्र्धा करनी होगी।
चूंकि पुष्कर अजमेर से सटा हुआ ही है, तो चलते रस्ते बता दें कि लगातार दो बार हारने के बाद डॉ. बाहेती का अजमेर उत्तर पर दावा पूरी तरह से खत्म ही माना जाना चाहिए। ऐसे में पूर्व शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता ही एक मात्र ऐसे दमदार दावेदार हैं, जो गैर सिंधी के रूप में इस सिंधी बहुल सीट पर दावा ठोकेंगे।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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