धरी रह गई ब्रम्हा मंदिर की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था

एके 47 जैसे आधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा कर्मी होने के बावजूद मंदिर में हथियार लेकर घुसे सनकी ने सेवादार पर किया जान लेवा हमला
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पुष्कर यात्रा को विवादित बनाकर सोशल मीडिया पर फैलाये जा रहे मेसेज का दिखा असर

राकेश भट्ट
मंदिर के बाहर ए के 47 से लैस हथियार बंद सुरक्षा कर्मी , जगह जगह श्रद्धालुओ के सामान की जांच करते पुलिस के जवान , मंदिर आने जाने वाले हर संदिग्ध पर नजर रखे हुए मुस्तैद •••• लेकिन मंदिर की इतनी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद CCTV फुटेज में मंदिर के सेवादार महादेव बाबा पर धारदार हथियार से हमला करता सिरफिरा व्यक्ति , मंदिर परिसर में जगह जगह बिखरे खून के धब्बे , और घटना के बाद श्रद्धालुओं में मची अफरा तफरी का माहौल •••• यह नजारा था विश्व के एकमात्र कहे जाने वाले जगत पिता ब्रम्हा जी के मंदिर का ।*

*राजस्थान के पुष्कर में स्थित भगवान ब्रम्हा के इस मंदिर में इसी महीने 14 मई को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने परिवार के साथ मंदिर दर्शन के लिए आये थे । परंतु पत्नी सविता कोविंद के पैरों में तकलीफ होने के चलते उन्होंने मंदिर में बनी 40 सीढियां चढ़ने से मना कर दिया था। राष्ट्रपति ने अपनी इच्छा से मंदिर की सीढ़ियों पर बैठकर ब्रम्हा जी की पूजा अर्चना की थी । परंतु कुछ देश विरोधी ताकतों ने दलित और ब्राम्हण समाज मे खाई पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रपति की इस निजी यात्रा को भी विवादित बना दिया । सोशल मीडिया पर ब्राम्हण पुजारियों द्वारा राष्ट्रपति कोविंद के दलित होने के चलते उन्हें मंदिर में प्रवेश नही दिए जाने का मैसेज वायरल करके लोगो के मन मे जहर भरा जा रहा है ।*

*उसी का नतीजा रहा कि आज मंदिर की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद पुलिस जाप्ते की आंखों में धूल झोंककर जोधपुर का रहने वाला डॉ अशोक मेघवाल नाम का सिरफिरा व्यक्ति ना सिर्फ मंदिर के अंदर धारदार हथियार लेकर प्रवेश कर गया बल्कि मंदिर के सेवादार महादेव बाबा पर जानलेवा हमला करके मंदिर परिसर को लहू लुहान कर दिया । मंदिर परिसर में अचानक हुए इस हमले से ना सिर्फ सेवादार और पुजारीयो में हड़कंप मच गया बल्कि देश के कोने कोने से दर्शन करने आये श्रद्धालुओ में भी अफरा तफरी मच गई ।*

*CCTV फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि आरोपी ने हमला करने के बाद काफी देर तक हथियार हवा में लहराया और मंदिर में तोड़फोड़ भी की । वही हमले में घायल सेवादार ने मंदिर के गर्भगृह में छुपकर अपनी जान बचाई जिसके चलते मंदिर का गर्भगृह भी इतिहास में पहली बार लहू लुहान हो गया । बड़ा सवाल यह है कि मंदिर की यह कैसी सुरक्षा व्यवस्था है जिसमे आरोपी व्यक्ति ना सिर्फ मेटल डिटेक्टर वाले सुरक्षा कर्मियों को धोखा देने में कामयाब रहा बल्कि मुख्य दरवाजो पर तैनात हथियार बन्द जवानों की आंखों में भी धूल झोंक अंदर पहुंच गया ।*

*मंदिर की सुरक्षा पर हर महीने आम जनता के खून पसीने की कमाई के लाखो रुपयों का खर्चा करने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था के हालात इतने बदतर है तो स्थिति बहुत ही शर्मनाक है । इतने हथियारबंद जवान मिलकर भी जब एक सनकी को वारदात अंजाम देने से नही रोक पाए तो इनसे किसी आतंकी वारदात को रोककर आम लोगो की जाम बचने की तो उम्मीद भी कैसे की जा सकती है । जब एक अकेला व्यक्ति मंदिर मेंएक पुराने हथियार से इतनी दहशत फैला सकता है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाथ मे ए के 47 लेकर आने वाले दहशतगर्द क्या हाल कर सकते है ।*

*अभी भी वक्त है , इस घटना से सबक लेकर मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को दिखावटी स्तर पर नही बल्कि अंदरूनी स्तर पर और बेहतर किया जाना आवश्यक है । फिलहाल इस घटना के बाद मंदिर के पुजारियो सहित सेवादारों में डर का माहौल व्याप्त है वही पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करके जांच शुरू कर दी है । उम्मीद है कि इस घटना से प्रशासन सबक लेगा और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो यह भी सुनिश्चित करेगा ।*

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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