पुष्कर की आम जनता से जनप्रतिनिधियों को नही है कोई सरोकार

*20 वार्डो में से एक भी पार्षद जन सुनवाई में नही पहुंचा , अधिकारियों से कहा – नही है वार्ड में पानी की समस्या •••*

राकेश भट्ट
बीते लगभग दो महीनों से भीषण गर्मी के चलते पुष्कर कस्बे सहित आसपास के इलाके में रहने वाले आम नागरिक हर रोज पानी की किल्लत से जूझ रहे है । कई इलाके के लोगो को 4 , 5 दिन तक पीने का पानी भी नसीब नही हो रहा है । ऊँचाई पर रहने वाले लोग तो अपनी जेब से टेंकर डलवाकर पानी का इंतजाम कर रहे है । तो कोई आधे आधे घंटे इंतजार करने के बाद एक घड़ा पानी भर पा रहे है । हालात इतने खराब है कि अभी 3 दिनों पूर्व ही नाराज महिला पुरुषों ने जलदाय विभाग पर उग्र प्रदर्शन करके सहायक अभियंता एस के माथुर को चूड़ियां तक पहनाई है ।

लेकिन ताज्जुब की बात है कि एक और पुष्कर के हर मोहल्ले , कॉलोनी और कच्ची बस्तियों के लोग पानी से परेशान है और वही दूसरी और आपके और हमारे वोट से जीतकर सत्ता की मलाई खा रहे सभी 20 वार्डो के पार्षदों को जनता की इस परेशानी से कोई लेना देना नही है । यह बात आज उस वक्त देखने को मिली जब एसडीएम कार्यालय में केवल पानी की समस्या को दूर करने के लिए आज एक जनसुनवाई रखी गई ।

उपखंड अधिकारी विष्णु कुमार गोयल की अध्यक्षता में शुरू हुई इस जन सुनवाई में पुष्कर तहसीलदार विमलेंद्र राणावत , अधिशाषी अधिकारी विकास कुमावत , जलदाय विभाग के सहायक अभियंता एस के माथुर तय समय 12 बजे जनसुनवाई कक्ष में जाकर बैठ गए । परंतु उनके सामने रखी गई सारी कुर्सियां खाली पड़ी रही । एक घंटे तक चली जनसुनवाई में केवल एक व्यक्ति कांग्रेस नेता जगदीश कुर्डिया ही मौजूद रहे या फिर कुछ मीडियाकर्मी इसका कवरेज करने गए वो मौजूद थे ।

एसडीएम विष्णु गोयल ने बताया कि उनके विभाग की और से सभी निर्वाचित 20 पार्षदों तक इसकी सूचना भिजवा दी गई थी तो जनप्रतिनिधियों की और से उन्हें यह बताया गया कि उनके वार्ड में पानी की कोई समस्या ही नही है । यहां सब राम राज्य है इसलिए हमारे में से कोई भी पार्षद नही आ सकेगा । अब यह तो आम जनता ही तय करे कि या तो पूरे पुष्कर में पानी की किल्लत झेल रहे सारे लोग झूठ बोल रहे है या फिर वो सभी पार्षद झूठ बोल रहे है जिन्हें आम जनता ने वोट देकर 5 सालो तक उन पर राज करने और सत्ता का सुख भोगने के लिए चुना था ।

कुल मिलाकर एसडीएम कार्यालय में आयोजित हुई जनसुनवाई केवल अधिकारियों की आपसी मीटिंग बनकर रह गई । क्यों कि इसमें आम जनता को तो बुलाया ही नही गया था । इसमे शामिल होने के लिए कुछ अधिकारियों , पालिका के सभी 20 पार्षदों , कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और कुछ सामाजिक संस्थाओं को ही आमंत्रित किया गया था । लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि इनमें से मीटिंग में शामिल होने के लिए कोई भी नही पहुंचा । ऐसा लगता है कि किसी को भी पानी की परेशानी से जूझ रही जनता से लेना देना नही है ।

फिलहाल हमारे सभी नेता मस्त है , रोजमर्रा की परेशानियों के चलते आम जनता त्रस्त है और यहां के अधिकारी मीटिंगे लेने में व्यस्त है ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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