पुष्कर सरोवर अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर में पहुंचा

मात्र डेढ़ से दो फीट पानी बचा , कई जगह दिखने लगी है मिट्टी , मछलियां तोड़ रही है दम
संसदीय सचिव , जिला प्रशासन , एडीए और पालिका के बीच तालमेल का अभाव , पूर्व कलेक्टर के 10 ट्यूबवेल के आदेश के बावजूद शिवशंकर हेड़ा ने केवल 2 की स्वीकृति जारी की

राकेश भट्ट
वो सरोवर जिसे धरती पर स्थित साढ़े तीन करोड़ तीर्थो का गुरू कहा जाता है , जहां पर स्वयं भगवान ब्रम्हा के साथ तैतीस करोड़ देवी देवता विराजमान रहते है , जहां पर हजारो सालो के दौरान ना जाने कितने करोड़ लोगों को मोक्ष की प्राप्ति हो चुकी है , जहां पर स्नान करके पूजा अर्चना करने के लिए करोड़ो श्रद्धालु हमेशा लालायित रहते है , जहां देश के राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री से लेकर हर खास और आम नागरिक श्रद्धा से शीश झुकाते है । वही पुष्कर सरोवर आज अपने इतिहास के सबसे बुरे हालात में पहुंच चुका है और पानी के लिए तरस रहा है ।

आलम यह है कि सरोवर में पुलिया के नजदीक से लेकर मध्य तक जगह जगह मिट्टी नजर आने लगी है , घाटों पर लगातार जलस्तर गिरता जा रहा है , घाट पर बने कुंडों का पानी बदबू मार रहा है , कई कुंड सूखे पड़े है , श्रद्धालुओ को स्नान करना तो दूर आराम से बैठकर पूजा अर्चना करने में भी दिक्कत आ रही है । बची कुची कसर सरोवर के जल में मछलियों के लिए दाना डालने वाले ग्रामीण श्रद्धालु पूरी कर रहे है जिसके चलते सरोवर का जल हद से ज्यादा प्रदूषित हो चुका है । यहां तक कि उसका आचमन करना भी मुश्किल होता जा रहा है ।

परंतु इतना सब कुछ होने के बावजूद ना तो स्थानीय विधायक सुरेश सिंह रावत चिंतित है और ना ही जिला प्रशासन , एडीए के चेयरमेन और पुष्कर पालिका प्रशासन चिंतित है । हालात इतने बुरे है कि सरोवर की ऐसी दुर्दशा पर यहां के तीर्थ पुरोहित और उनकी संस्था तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट तक चुप्पी साधे हुए है । हर मुद्दे को भुनाने में जुटी कांग्रेस भी इस मामले पर चुप है । ऐसा लगता है कि हर किसी ने पुष्कर सरोवर की हो रही दुर्दशा पर आंखे मूंद ली है ।

हकीकत तो यह है कि पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत , एडीए चेयरमैन शिव शंकर हेड़ा , जिला कलेक्टर आरती डोगरा , और पालिका प्रशासन में आपसी सामंजस्य ही नजर नही आता है । हर कोई दिखावटी तौर पर चिंता जाहिर करते है और इति श्री कर लेते है । इसकी बानगी इसी बात से पता चल जाती है कि 5 महीने पूर्व अजमेर के तत्कालीन जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने गिरते जलस्तर से चिंतित होकर सरोवर के किनारे तुरंत 10 ट्यूबवेल खोदे जाने के आदेश जारी किए थे । तब पुष्कर के जनप्रतिनिधियों से लेकर आम नागरिकों ने गोयल साहब को जमकर धन्यवाद भी दिया था साथ ही समाचार पत्रों सहित सोशल मीडिया पर भी जमकर वाहवाही लूटी गई थी ।

परंतु जिला कलेक्टर के आदेशों की फाइल जब अजमेर एडीए चेयरमैन शिवशंकर हेड़ा के पास पहुंची तो उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया । राष्ट्रपति की पुष्कर यात्रा के दौरान उनके पुरोहित सुरेंद्र राजोरिया ने भी ज्ञापन देकर इसके प्रति चिंता जाहिर की थी तो वही कुछ पुरोहितों द्वारा विधायक सुरेश रावत से उस वक्त पूनः आग्रह किया गया तब भी मामले को दिखवाने की बात कहकर टालमटोल हो गई । पालिका प्रशासन अपने स्तर सिवाय भामाशाहों के सहयोग से कुछ टेंकर पानी डलवाने से ज्यादा कुछ कर नही पा रही है । और यही वजह है कि सरोवर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है ।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जिला कलेक्टर गोयल द्वारा 10 ट्यूबवेल खोदे जाने की अनुशंसा करने के 5 महीनों बाद अब जाकर बीती 11 जून को एडीए चेयरमेन शिवशंकर हेड़ा की नीँद टूटी है । और अब भी उन्होंने 10 की बजाय मात्र 2 ट्यूबवेल खोदकर उसका पानी सरोवर में छोड़े जाने की स्वीकृति पी डब्ल्यू डी विभाग को दी है और अगले कुछ दिनों में ही इनका पानी सरोवर में छोड़ दिया जाएगा । यह बात स्वयं हेड़ा ने फोन पर मुझे बताई ।

बड़ा सवाल यह है की आखिर इस लापरवाही का दोषी कौन है , क्यों लाखो करोड़ों श्रद्धालुओ की भावनाओ को राज्य सरकार या जिला प्रशासन गंभीरता से नही लेता , क्यों सरोवर की इतनी दयनीय हालत होने के बावजूद किसी को भी जरा सी चिंता नही है । क्यों सरोवर से ही अपनी आजीविका चलाने वाले हजारो तीर्थ पुरोहित इसके लिए आवाज नही उठा रहे है । आखिर केंद्र सरकार इस सरोवर की हालत पर तरस खाकर इसे गंगा सफाई मिशन के तहत शामिल क्यों नही कर रही है । सवाल बहुत सारे है लेकिन जवाब सिर्फ एक है लापरवाही और सिर्फ लापरवाही ।

अब आसरा है तो सिर्फ इंद्रदेव का , आने वाले मानसून का , जिसकी मेहरबानी इस साल जमकर होनी चाहिए और ऐसी जबरदस्त बारिश हो कि आने वाले कई सालों तक पुष्कर सरोवर को इस नाकारा सरकारी सिस्टम और लापरवाह जनप्रतिनिधियों की सहायता का मोहताज न होना पड़े । इसमे हमेशा लबालब पानी भरा रहे , यही कामना है ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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