राजपूत समाज को मनानेे के लिए भाजपा कर रही है मशक्कत

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने से दोनों दलों के नेता मतदाताओं को लुभाने के हर सम्भव प्रयास कर रही है। एक ओर कांग्रेस आपस मे ही उलझ रही है वहीं भाजपा रूठों को मनाने की जुगत में है। ये चुनाव सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए प्रतिष्ठा बन गया है जिसकी वजह से उसे हर कदम फूंक फूंक के रखना पड़ रहा है। भाजपा की परेशानी ये है कि वह अपनी ही गलतियों से जातिवाद के भंवर में में उलझ गई है और उसे इससे उबरने का कोई आसान रास्ता नहीं मिल रहा है। भाजपा अपने ही बुने जाल से बाहर नहीं निकल पा रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गत महीनों विभिन्न समाज व जातियों के मतदाताओं को साधने के लिए जो जन संवाद अभियान शुरू किया था आज वो ही जन संवाद उसके लिए गले की हड्डी बन गया है। भाजपा की अलग अलग जातियों को साधने की रणनीति बुरी तरह फैल हो चुकी है जिसके चलते विभिन्न जातियों का भाजपा से विश्वास उठ गया है। कई जातियां बेवजह भाजपा के खिलाफ हो गई है। जहां एक ओर भाजपा का परम्परागत वोटबैंक माने जाने वाला राजपूत समाज भाजपा से नाराज चल रहा ह। राजस्थान में राजपूत समाज का अच्छा खासा वजूद है, राजपूत समाज राज्य की करीब 30-35 सीटों को प्रभावित करता है। अन्य समाजों में जाट, गुर्जर, दलित समाज सहित महाजन वर्ग भी भाजपा के हाथ से छिटकता नजर आ रहा है। सम्भवतः भाजपा इन्हें भी राजी करने की रणनीति तैयार कर रही होगी। जानकारों का कहना है कि समय रहते इन सभी को संतुष्ट नहीं किया गया तो भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं मगर राजपूत समाज को मनाने में भाजपा की अब तक कि तमाम कोशिशें असफल रही है। राजपूत समाज को राजी करने का एक बेहतरीन मौका भाजपा गंवा चुकी है, भाजपा को मौका मिला था कि वह अपनी ही पार्टी के राजपूत समाज के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनाने का, लेकिन वसुंधरा राजे की नापसन्द व असहमति के चलते शेखावत की ताजपोशी नहीं हो सकी और शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के शीर्ष नेतृत्व के निर्णय के बाद भी नियुक्ति न होने पर राजपूत समाज मे नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई। हालांकि भाजपा के बड़े नेता ये मानकर चल रहे हैं कि जल्दी ही राजपूत समाज को जल्दी ही राजी कर लेंगे। इसके लिए भाजपा अब भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष पद पर किसी युवा नेता को नियुक्त करने की रणनीति तैयार कर रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि इससे राजपूत समाज की थोड़ी बहुत नाराजगी दूर होगी। भाजपा नेतृत्व राजपूत समाज के युवा नेता अभिमन्यु सिंह जो कि भैरोसिंह शेखावत के दोहिते हैं और विधायक नरपतसिंह राजवी के सुपुत्र हैं को युवा मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है हालांकि इस दौड़ में राजपूत समाज के अन्य युवा जैसे आनन्द सिंह राठौड़, प्रेम सिंह बनवासा, सुरेंद्र सिंह शेखावत, राजपाल सिंह राठौड़ के नामों की भी चर्चा है। भाजपा अगर किसी राजपूत समाज के किसी युवा को युवा मोर्चे का प्रदेशाध्यक्ष बनाती है तो सम्भवतया कुछ हद तक राजपूत समाज की नाराजगी दूर हो सकेगी, हालांकि भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में भी राजपूत समाज सहित जाट, गुर्जर, ब्राह्मण व दलित वर्ग सहित अन्य बहुसंख्यक समाज के नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की भी कवायद चल रही है।
तिलक माथुर
केकड़ी_राजस्थान
*9251022331*

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