पुष्कर सरोवर में जाने वाले गंदे पानी की रोकथाम प्राथमिकता में क्यों नहीं?

◆ *आखिर पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत की प्राथमिकताओं में सबसे आखिरी नंबर पर क्यों है पुष्कर सरोवर में जाने वाले गंदे पानी की रोकथाम के प्रयास करने की मंशा •••*

◆ *क्या हजारो तीर्थ पुरोहितो और करोड़ो श्रद्धालुओ की धार्मिक भावनाएं आहत होना कोई मायने नही रखती , संसदीय सचिव के विकास कार्यो की 92वें पेज की किताब के आखिरी पेज की आखिरी लाइन में जिक्र है सरोवर की समस्या का •••*

राकेश भट्ट
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के चहेते विधायको में से एक रहे राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव और पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने अभी हाल ही में उनके द्वारा साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान समूचे विधानसभा क्षेत्र में करवाये गए विकास कार्यो की एक पुस्तक का प्रकाशन किया गया है । 92वें पेज की इस किताब में रावत द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान विधानसभा क्षेत्र में ( 2347 – दो हजार तीन सौ सैंतालीस ) करोड़ रुपयों के विकास कार्य करवाये जाने के दावे बाकायदा मय खर्चो के साथ दर्शाए भी गए है । आपको बता दें कि खुद मुख्यमंत्री राजे ने जयपुर में इस किताब का विमोचन किया था और संसदीय सचिव की कामो की तारीफ भी की ।

परंतु इसे दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि यहां पर स्थित भगवान ब्रम्हा का जो पवित्र सरोवर इस विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी पहचान के रूप में जाना जाता है । उसकी स्वच्छता और गरिमा का ख्याल रखने वाला कोई नही है । बीते कई सालों से बारिश के दौरान आने वाले पानी के साथ सड़को और नालियों का गंदा पानी भी सरोवर में जा रहा है , यहां तक कि कई बार सिवरेज का गंदा पानी भी ओवरफ्लो होकर जा चुका है । इस बात की पीड़ा पुष्कर के हजारो तीर्थ पुरोहितो , यहां के स्थानीय निवासियों और पुष्कर तीर्थ में आस्था रखने वाले देश के करोड़ो श्रद्धालुओ के मन मे है और हर कोई यही चाहता है कि भले ही पुष्कर का विकास कार्य बाद में हो परंतु सबसे पहला काम सरोवर की पवित्रता और इसकी मर्यादा बचाने का होना चाहिए । इसके लिए हर व्यक्ति , तीर्थ पुरोहित यहां के जनप्रतिनिधियों के आगे मिन्नते करता और गिड़गिड़ाता नजर आता है ।

परंतु आपको जानकर हैरानी होगी कि पुष्कर विधायक और संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत के लिए सरोवर की यह गंभीर समस्या सबसे आखिरी नंबर पर आती है । इस बात का दावा में नही कर रहा बल्कि रावत द्वारा विकास कार्यो को लेकर 92 वें पेज की छपवाई गई वो किताब कर रही है जिसके सबसे आखिरी पन्ने की आखिरी लाइन में सरोवर की इस समस्या का जिक्र करके इसका समाधान करने की प्राथमिकता बताई गई है । सरोवर की समस्या को सबसे आखिर में जगह देना , इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुष्कर तीर्थ की अस्मिता और इसकी सबसे बड़ी पहचान की स्वच्छता बनाये रखने के लिए हमारे जनप्रतिनिधि कितने गंभीर है । यदि हम किताब की माने तो रावत के लिए पुष्कर घाटी में सुरंग बनाना , आदर्श टेम्पल टाऊन बनाना , संत नगरी बनाना , अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड बनाना , संत मुक्ति धाम बनाना , सहित विधानसभा क्षेत्र में अन्य कार्य करवाना ज्यादा प्राथमिकताओं वाले है ।

कुल मिलाकर इस हिसाब से अभी दूर दूर तक पुष्कर सरोवर को सम्पूर्ण स्वच्छ बनाने की बाते सोचना नींद में सपने देखना जैसा ही प्रतीत हो रहा है , इस बात से उन बातों की भी जमीनी हकीकत का अहसास हो रहा है जिसमे विधायक रावत द्वारा यहां के लोगो से सरोवर को लेकर कई तरह के वादे किए जाते रहे है । अब देखना यह होगा कि आखिर कब तक हिंदुओ के तीर्थ का इतना महत्वपूर्ण केंद्र उपेक्षा का शिकार बना रहता है और कब कोई जनप्रतिनिधि हर रोज आहत हो रही धार्मिक भावनाओं की गंभीरता को समझकर इसका स्थायी समाधान करवाने के लिए अपनी प्राथमिकताओं में सबसे आगे सरोवर को रखकर इसका स्थायी समाधान करवाने की दिशा में पहल करेगा ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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