पुष्कर के कलाकारों ने आम जनता को फिर से बनाया रामलीला का दीवाना

राकेश भट्ट
बीते 9 दिनों से पुष्कर के ब्रम्ह चौक और वराह घाट चौक दोनो जगह पर राम लीलाओ का मंचन किया जा रहा है । भगवान राम और दशानन रावण के बीच हुई सभी लीलाओ, घटनाओं और अंत मे हुए भयंकर युद्ध का भी दर्शक भरपूर मजा ले रहे है । इसे पुष्कर के स्थानीय कलाकारों की अथक मेहनत और परिश्रम का ही परिणाम माना जायेगा कि जहां आज के इस डिजिटल युग मे हर कोई बच्चा , युवा और बुजुर्ग मोबाइल , इंटरनेट और टेलीविजन देखने के बुरी तरह आदी हो जाने के बावजूद ना सिर्फ रामलीला देखने उमड़ रहे है बल्कि देर रात दो , दो बजे तक एक जगह बैठकर उसका भरपूर आनंद भी ले रहे है । यह कोई मामूली बात नही है । रामलीला को वापस अपने पुराने स्वरूप में लाकर बल्कि पहले से भी कई गुणा बेहतर बनाकर दर्शको के सामने पेश करने के पीछे निश्चित रूप से आयोजन समिति और सभी कलाकारों की अटूट मेहनत ही है । जिसके कारण रामलीला को फिर से वह गौरव मिल पाया है जैसा किसी जमाने मे हुआ करता था ।

आज पुष्कर में होने वाली राम लीलाएं किसी भी मायने में कम नही है । इन लीलाओ में जहां कलाकार एक से बढ़कर एक कला का नमूना पेश करके अपने संवाद से दर्शको का दिल जीत रहे है तो वही दूसरी और एक टीम ऐसी भी है जो पर्दे के पीछे रहकर ना सिर्फ इन कलाकारों का प्रदर्शन बेहतर करने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है बल्कि रामलीला को और ज्यादा रौचक बनाने के लिए हर रोज नए नए प्रयोग भी कर रही है । इस बार आयोजित की जा रही रामलीला की शानदार प्रस्तुति में जितना अहम योगदान कलाकारों का है उतना ही महत्वपूर्ण योगदान मंचन के दौरान बैकग्राउंड म्यूजिक देने वालो , नई टेक्नालॉजी की मदद से कभी हवा में तीर चलाने तो कभी नागपाश और ब्रम्हास्त्र का प्रयोग करके इसे जीवंत बनाने वाले युवाओ का भी विशेष योगदान है । तो हवा में उड़कर संजीवनी बूटी लाने के दृश्य भी दर्शको की धड़कने बढ़ा रहे है ।

*नगर पालिकाध्यक्ष कमल पाठक के सहयोग से ही पूनः साकार होकर भव्य रूप में लौटा रामलीला का दौर ••••*
एक दशक पहले एक दौर ऐसा भी था जब रामलीला के प्रति स्थानीय कलाकारों और दर्शको दोनों का लगाव लगातार कम होता जा रहा था । बीच मे एक दो साल तो यह आयोजन बन्द भी रहा । तंगी की हालत से जूझती इन संस्थाओं के पास लीला करने या कलाकारों के कपड़े लाने तक के पैसे नही होते थे । परंतु नवम्बर साल 2014 में कमल पाठक के नगर पालिकाध्यक्ष बनने के बाद से ही उन्होंने पुष्कर में दोनों स्थानों पर होने वाली रामलीलाओं को ना सिर्फ फिर से शुरू करवाया बल्कि तन मन धन से दिल खोलकर सहयोग भी दिया । इसमे कोई दो राय नही की आज जिस भव्य स्वरूप में यहां की राम लीला का मंचन हो रहा है और जिस तरह से नए कलाकारों को भी दर्शको का भरपूर प्यार मिल रहा है इसके पीछे पालिकाध्यक्ष कमल पाठक की सकारात्मक सोच और हर प्रकार से आयोजको को मदद करने की भावना ही है । तभी यह स्थिति संभव हो पाई है ।

*बगैर किसी मेहनताने के अपनी कला का प्रदर्शन करते है स्थानीय कलाकार ••••*
पुष्कर के जिन स्थानीय कलाकारों के शानदार अभिनय ने दर्शको को रात के दो बजे तक भी एक जगह बांधे रखा है वह सभी कलाकार केवल भगवान राम की सेवा करने की भावना लिए हुए निःशुल्क अपनी सेवाएं दे रहे है । बल्कि कई कलाकार तो ऐसे है जो खुद अपनी जेब से पैसे खर्च कर रहे है । खास बात यह है कि यहां के सभी कलाकारों ने देश की किसी भी नाट्य कला संस्था में प्रशिक्षण नही लिया है । उसके बावजूद इतना जबरदस्त अभिनय करना और दर्शको के दिलो पर अपनी छाप छोड़ देना इनकी काबिलियत को दर्शाता है । पॉवर ऑफ नेशन रामलीला के आयोजकों और सभी कलाकारों को दिल से सलाम करता है जिन्होंने भारत की इस प्राचीन कला को फिर से जिंदा करने में अहम किरदार निभाया है ।

*आज दशहरे में उमड़ेगा हजारो आम नागरिकों का सैलाब •••*
आज पुष्कर के मैला मैदान और बांगड़ स्कूल तिराहे के पास दो अलग अलग जगह दशहरा मनाया जाएगा । मुख्य समारोह मेला मैदान में आयोजित होगा । रावण दहन से पूर्व दोनों ही स्थानों पर लीलाओ का मंचन होगा । ऊँट घोड़ो पर सवार होकर बैंडबाजों के साथ भगवान राम की शोभायात्रा आयोजन स्थल पहुंचेगी । इस दौरान रावण दहन देखने के लिए हजारो लोगो की भारी भीड़ भी उमड़ेगी । आप सब लोग भी इस आयोजन के जरूर साक्षी बने और कलाकारों का हौसला बढ़ाने के साथ साथ भगवान की लीला का आनंद उठाये ।

*आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं ••••*

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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