केकड़ी में केंद्रीय विद्यालय खुलने की प्रबल संभावनाएं

तिलक माथुर
अजमेर संसदीय क्षेत्र के नवनिर्वाचित सांसद भागीरथ चौधरी द्वारा लोकसभा में उठाये गए केकड़ी में केंद्रीय विद्यालय खोलने के मुद्दे के बाद यहां केंद्रीय विद्यालय खुलने की संभावनाएं प्रबल नजर आने लगी है। अगर इस मुद्दे को गम्भीरता से लिया जाए तो केकड़ी में केंद्रीय विद्यालय खुलना मुश्किल नहीं होगा। यहां केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए भूमि आवंटन व भवन निर्माण की बाधा भी नहीं आएगी, क्योंकि केंद्र की मनमोहन सरकार द्वारा गत वर्षों यहां निवर्तमान क्षेत्रीय सांसद सचिन पायलट द्वारा शुरू कराये गए ई लर्निंग इंस्टीट्यूट का 90 प्रतिशत भवन विद्यार्थियों के अभाव बेकार व खाली पड़ा है, जिसकी रोजाना साफ सफाई भी सम्भव नहीं है। करीब 5 वर्षों से इस ई लर्निंग इंस्टीट्यूट की विद्यार्थियों के अभाव में स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। 500 विद्यार्थियों के प्राथमिक लक्ष्य को मानकर खोला गया यह इंस्टीट्यूट आज अपनी दुर्दशा पर खुद आंसू बहा रहा है, सार-सम्भाल के अभाव में अब भवन दिन-प्रतिदिन क्षतिग्रस्त होने लगा है। वर्तमान में विद्यार्थियों की संख्या 50 भी नहीं है। कुल मिलाकर यह इंस्टीट्यूट बन्द होने के कगार पर है। ऐसे में ई लर्निंग इंस्टीट्यूट का यह भवन जिसे 16.33 हेक्टेयर भूमि पर करीब 38 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था, का अदिकांश हिस्सा खाली व बेकार पड़ा है। ऐसे में केंद्रीय विद्यालय के लिए इस इंस्टीट्यूट के खाली पड़े भवन का उपयोग हो सकता है। अगर सांसद भागीरथ चौधरी गम्भीरता से प्रयास करें तो केकड़ी क्षेत्र के लोगों का केंद्रीय विद्यालय का सपना साकार हो सकता है। वैसे भी केकड़ी केंद्रीय विद्यालय खुलने के मापदंडों में खरा उतरता है। केकड़ी विधानसभा क्षेत्र की आबादी 3 लाख 67 हजार है वहीं करीब 2 लाख 56 हजार मतदाता हैं। क्षेत्र में 51 ग्राम पंचायत, 2 नगरपालिका, 2 पंचायत समिति, 4 तहसील, 1 उपतहसील, उपजिला स्तर के कई कार्यालय व जिला परिवहन कार्यालय सहित शिक्षा के क्षेत्र में स्नातकोत्तर स्तर के 2 राजकीय महाविद्यालय, 3 बीएड कॉलेज, 5 अन्य निजी महाविद्यालय सहित करीब 200 सरकारी व निजी स्कूल स्थापित है। क्षेत्र में सैंकड़ों परिवार भारतीय सेना के पूर्व व वर्तमान सैनिक परिवार हैं, साथ ही सैंकड़ों परिवार बीसलपुर डूब क्षेत्र के विस्थापितों के हैं। केकड़ी कृषि प्रधान क्षेत्र है वहीं यहां स्थित कृषि उपज मंडी राजस्थान की चुनिन्दा कृषि उपज मंडियों में से एक है। केकड़ी अजमेर जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर है। वहीं अजमेर सहित ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद में केंद्रीय विद्यालय स्थापित हैं। ऐसे में केकड़ी में भी केंद्रीय विद्यालय की महत्ती दरकार है। हालांकि क्षेत्रीय सांसद भागीरथ चौधरी ने हाल ही में संसद की कार्यवाही के दौरान शून्यकाल में नियम 377 के तहत केकड़ी में केंद्रीय विद्यालय खोलने का मुद्दा उठाया। चौधरी ने कहा कि केकड़ी प्रमुख कृषि उपज मंडी व खनन क्षेत्र है जहां देशभर से व्यापारी आते हैं। खनिज व कृषि आधारित उद्योगों की प्रबल प्रबल संभावना यहां पर है। चौधरी ने सदन में बताया कि यहां की आबादी भी काफी अधिक है। राजस्थान व बाहर से आने वाले व्यापारियों उद्योगपतियों साथ ही अधिकारियों कर्मचारियों को अपने बच्चों की शिक्षा व्यवस्था की चिंता के कारण वे यहां स्थाई रूप से नहीं आ पाते हैं अतः केकड़ी में केंद्रीय विद्यालय की दरकार है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा का प्रबंध है। इस की शुरुआत 1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अनुबन्धित है। इस समय भारत में केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या 1200 से अधिक है। इस के अतिरिक्त विदेश में तीन केन्द्रीय विद्यालय हैं जिनमें भारतीय दूतावासों के कर्मचारियों तथा अन्य प्रवासी भारतीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम का अनुसरण होता है। सभी केन्द्रीय विद्यालयों का संचालन केन्द्रीय विद्यालय संगठन नाम की संस्था करती है। केन्द्रीय विद्यालयों के प्रमुख चार मिशन इस प्रकार है 1. केन्द्रीय सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों जिनमें रक्षा तथा अर्धसैनिक बलों के कर्मी भी शामिल हैं के बच्चों को शिक्षा के सामान्य कार्यक्रम के तहत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना। 2. विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता और गति निर्धारित करना। 3. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.सी.) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) इत्यादि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग तथा नवाचार को सम्मिलित करना। 4. बच्चों में राष्ट्रीय एकता और ’भारतीयता’ की भावना का विकास करना।

तिलक माथुर
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