ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र की भांति आदर्श बने पुष्कर ब्रह्म सरोवर

आस्था की डुबकी ,तर्पण ,श्राद्ध के लिए सदैव एक नियत स्तर पर बना रहे निर्मल और पवित्र जल💐

अरुण पाराशर
आज पुष्कर पवित्र सरोवर में बरसाती पानी के साथ जाने वाले गंदे पानी की रोकथाम व इसके स्थाई समाधान के लिए आयोजित बैठक में आम जन से समस्या और सुझाव आमंत्रित किए गए, इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर ने समस्या के स्थाई समाधान के किए विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर, प्रमुख कारण और उपाय की तथ्यात्मक आंकड़ों, तार्किक, तकनीकी, भौगोलिक दृष्टि से सर्वथा उपयोगी जानकारी देते हुए, इस विकराल समस्या के विभिन्न कारण बताए जिनमे, सीवरेज सिस्टम बहुत पुराना और पूर्ण रूपेण फेल्चुअर ही चुका है, सीवरेज विस्तार के नाम पर अनियोजित और अविवेक पूर्ण तकनीकों से जुगाड़ु लाइने बिछा देना, जनसंख्या वृद्धि के कारण ,प्रति व्यक्ति जल उपभोग में भारी वृद्धि, पुष्कर नगरी में स्ट्राम ड्रेनेज वाटर सिस्टम का न होना, सरोवर के घाट की सीढ़ियों तक मुख्य सड़क का ऊंचा होते जाना आदि कारणों से सरोवर में बरसाती पानी के साथ सीवरेज का गंदा पानी जाने के कारण बताए । तथा इस समस्या के स्थायी समाधान के संबंध में अनेक सुझाव बताए जिनमे प्रमुख रूप से, वर्षो पुराने सीवरेज सिस्टम की पुन: समीक्षा करवाना, निर्माणाधीन साढ़े आठ करोड़ के बकाया कार्यों को द्रुत गति से पूर्ण करने, पुष्कर नगरी में फूल प्रूफ स्ट्रॉम ड्रेनेज वाटर सिस्टम के माध्यम से सरोवर की दिशा में बहकर आने वाले बरसाती पानी के बहाव के एरिया को चिन्हित कर पानी को ट्रेंचिंग सिस्टम से अन्यत्र निकासी सुनिश्चित करने व इसके लिए शहर को चार से पांच भागों में बांटकर ,बरसाती पानी को सरोवर के निकट आने से रोक कर वही से पानी को बाहर निकासी की व्यवस्था के साथ,शहर के प्राचीन कुओं को चिन्हित कर बरसाती पानी को इनमे डालकर सरोवर तक आने से रोका जावे, सरोवर के घाटों पर स्थित भवनों की छत के बरसाती पानी को मुख्य सड़क के बजाय सरोवर की दिशा में डालने के लिए निर्देशित करे, पुष्कर नगर के बड़े प्रतिष्ठानों में रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग व्यवस्था की जाकर अधिकाधिक बरसाती पानी को खुले में बहने से रोका जाकर, पानी के सदुपयोग व जल स्तर बढ़ाया जा सकता है, सीवरेज व स्ट्रॉम ड्रेनेज वाटर सिस्टम को किसी भी सूरत में कहीं भी एक साथ जुड़ने नहीं दिया जावे, इसी प्रकार आम जन सहभागिता से स्थानीय, तीर्थ पुरोहितों, सामाजिक धार्मिक, संगठनों के साथ स्थानीय,प्रशासन को अपने दायित्वों का समर्पित भाव से योगदान देकर पवित्र सरोवर को कुरुक्षेत्र की भांति आदर्श मॉडल के रूप में विकसित कर सदैव सरोवर में निर्मल जल बना रहे में अपनी अहम भूमिका निभानी होगी ,सबसे महत्वपूर्ण सिस्टम के रख रखाव के लिए मेंटेनेंस के लिए डी पी आर में अभी से बजट का प्रावधान कर लेने के बारे में बताते हुए, सिस्टम को किसी भी सूरत में pamping पर नहीं रख कर ट्रेंचिग सिस्टम से निकासी के लिए आगाह किया क्यों की पुष्कर नगर की कटोरे नुमा भौगोलिक स्थिति होने से पहले से ही सिवरेज का pamping सिस्टम आज तक फेल्युअर ही साबित हो रहा है उसी का परिणाम है कि सरोवर में बरसाती पानी के साथ सीवरेज का गंदा पानी जाता रहा है आदि मत्वपूर्ण सुझाव दिए।

अरुण पाराशर ,
समाजिक कार्यकर्ता,
पुष्कर।

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