‘‘पिता के वचन निबाने हेतु, राज पाठ त्याग कर वन को गए थे राम…’’- प्रीति अग्रवाल

’श्री राम काव्यपाठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता का सोलहवाँ दिवस

अजमेर 26 अगस्त। राष्ट्रीय कवि संगम अजमेर जिले की श्रीराम काव्यपाठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता के सोलहवें दिवस पर 13 प्रतिभागियों ने भाग लेकर भगवान राम पर आधारित कविताओं का वाचन किया।
प्रतियोगिता की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध रचनाकार मुज्जफर नगर, उत्तरप्रदेश की कवित्री, रचनाकार प्रीति अग्रवाल ने भगवान राम को समर्पित अपने छदों में, ‘‘पिता के वचन निबाने हेतु, राज पाठ त्याग कर वन को गए थे राम…’’ की प्रस्तुति देते हुए उन्होनें कहा कि भगवान राम ने धर्म का प्रसार कर दानवों का नाश कर एक आदर्श प्रस्तुत किया था, जो राम भगवान के लिए कहते है कि वह नहीं है, ऐसे असुरों को नजर नहीं आते है श्रीराम, राम नाम जीवन में असली मुकाम है, बोलो राम राम की प्रस्तुति के साथ ही वंदेमातरम् जिसके लिए हजारों वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया उसी वंदेमातरम् पर अपने कुछ ओजस्वी छद सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संस्था के उपाध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि प्रतियोगिता में सर्वप्रथम श्री भविष्यंशु कुमावत ने द्विवेदी की रचना ‘‘प्रजा तो केवल राम की ही थी, सारा जग उन्हें ही जप रहा था’’ कु. दिविशा जैन ने मानमल लोढ़ा की रचना ‘‘राम बसे है कण-कण में’’ श्री त्रिशलीन सोनी ने ‘‘राम ने लिया अवतार’’ कु. समृद्धि सक्सेना ने लोकेश इंदौरारिया की रचना ‘‘परीक्षा थी रघुनंदन की’’ किशनगढ़ से श्री कृष्णाराज सिंह तंवर ने देवेन्द्र देव की रचना ‘‘क्यों ना लगाये हम खुलकर नारा, जय श्रीराम का’’ धनंजय दत्त मिश्रा ने ‘‘राम सा जीवन नहीं आसान’’ कु. भव्या गर्ग ने संदीप द्विवेदी की रचना ‘‘यदि राम का सा संघर्ष हो’’ कु. भूमिका सारण ने ‘‘भगवान राम भारत के भाग्य विधाता’’ श्री कुणाल दाधिच ने शमशी भाई की रचना ‘‘मैं राम पर लिखूं, हिम्मत नहीं है कुछ’’ नसीराबाद से कु. सुहानी अग्रवाल ने देवदत्त शर्मा की रचना ‘‘हर वर्ष रावण जलता है’’ कु. भूमिका शर्मा ने रामधारी सिंह दिनकर की रचना ‘‘क्षमा, दया सब त्याग, मनोबल लिया सबका सहारा’’ कु. सुहाना लालवानी ने ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनिया किशनगढ़ से कु. वंशिका टेलर ने भगवान राम की प्रस्तुति दी।
प्रतियोगिता का संचालन करते हुए महामंत्री नरेन्द्र कुमार भारद्वाज ने सभी निर्णायकगणों व प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रतियोगिता का प्रसारण यू-ट्यूब व फेसबुक के ऑन लाईन पॉर्टल पर किया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक साहित्यकार गोविंद भारद्धाज एवं डॉ. पूनम पांडे थे।
सस्था के अध्यक्ष ललित कुमार शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता जिला, प्रांत व राष्ट्रीय स्तर पर चरणबद्ध प्रतियोगिता में विजेताओं को नकद पुरस्कार दिये जाऐगें व सभी प्रतिभागियों को ऑन लाईन प्रमाण पत्र देने की भी संस्था द्वारा प्रावधान किया गया है।

कंवल प्रकाश किशनानी
मो. 9829070059

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