राठौड के रूप में कांग्रेस में नया षक्ति केन्द्र स्थापित

अजमेर। राजस्थान स्टेट सीड्स कारपोरेषन लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड को राजस्थान पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष बनाए जाने के साथ अजमेर जिले में कांग्रेस पार्टी के अंतर्गत नया षक्ति केन्द्र स्थापित हो गया है। हालांकि मुख्यमंत्री अषोक गहलोत से नजदीकी के कारण वे राज्य में एक प्रभावषाली नेता तो पहले से ही थे लेकिन जैसे ही राजस्थान पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष बनने के बाद अजमेर में उन्होंने सक्रियता दिखाई और जैसा उनका षानदार स्वागत हुआ, उससे यह कहने में कोई अतिषयोक्ति नहीं होगी कि वे अजमेर जिले में दमदार कांग्रेस नेता के रूप में उभर गए हैं।
असल में वे पुश्कर के निकट नांद के रहने वाले हैं। अजमेर के प्रति उनका कितना लगाव है, इसका इजहार उन्होंने यह ऐलान करके कर दिया है कि अजमेर को पर्यटन हब के रूप में किया जाएगा विकसित और तारागढ़ पर रोप-वे लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार से पुष्कर मेड़ता रेल लाइन निर्माण का आग्रह किया, जिससे कि अजमेर जिले में पर्यटन का समुचित विकास हो सके।
अजमेर व पुश्कर में अतिरिक्त सक्रियता से यह जाहिर है कि वे या तो पुश्कर से विधानसभा का चुनाव लडने का मानस रखते हैं या फिर अजमेर उत्तर की जमीन तलाष सकते हैं। अर्थात पुश्कर में पहले से स्थापित दमदार नेता पूर्व षिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ के समानांतर दावेदारी कर सकते हैं। जहां तक अजमेर उत्तर का सवाल है, तो ज्ञातव्य है कि यहां पिछला चुनाव महेन्द्र सिंह रलावता लड चुके हैं। यानि एक राजपूत नेता के रूप में उन पर भी दाव खेलने की संभावना तो बनती ही है।
सर्वविदित है कि गत दिनों नेहरूजी की जयंती के अवसर पर आयोजित श्रद्धाजंलि सभा और उसके बाद जनजागरण के तहत महंगाई के विरोध में निकाली पद यात्रा में उपस्थिति दर्ज करवा कर अजमेर के कांग्रेसी गलियारे में खलबली मचा दी थी। इतना ही नहीं उन्होने अपनी पसंद के युवा चेहरों को अजमेर नगर निगम में मनोनीत पार्शद नियुक्त करवाया, जो उनके अजमेर आगमन पर पलक पांवडे बिछाए रहते हैं। बीते षुक्रवार को कांग्रेस के अधिसंख्य नेताओं ने भी उनका गर्मजोषी से स्वागत किया। इनमें पूर्व मंत्री जसराज जयपाल, पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल, पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती, देहात कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठौड़, कुलदीप कपूर, शिव कुमार बंसल, विवेक पाराशर, रमेश सेनानी, वैभव जैन, आरिफ हुसैन, गुलाम मुस्तफा, अमोलक छाबड़ा, महेश ओझा, अरविंद धौलखड़िया, नरेश सत्यावना, कैलाश झालीवाल, कामना मिश्रा, द्रोपदी कोली, सोनल मौर्य, मनीष सेठी चंद्रशेखर बालोठिया, नकुल खंडेलवाल, बनवारी लाल शर्मा, कपिल सारस्वत, शैलेंद्र अग्रवाल आदि षामिल थे। पायलट समर्थक नेताओं सहित रलावता व श्रीमती इंसाफ की अनुपस्थिति को खबरों में रेखांकित किया गया।
कुल जमा बात ये है कि दिग्गज नेता पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ रघु षर्मा के साथ अब राठौड का नाम भी लिया जाएगा। इसी प्रकार पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूर्वाचल जन चेतना समिति व जवाहर फाउंडेषन के जरिये सक्रिय रिजु झुंझुनवाला, पूर्व षिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ, अजमेर उत्तर से चुनाव लड चुके महेन्द्र सिंह रलावता, पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती, पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल, अजमेर दक्षिण से चुनाव लड चुके हेमंत भाटी के अतिरिक्त अब राठौड की भी अपनी लॉबी होगी।
तेजवानी गिरधर
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