स्मार्ट सिटी अजमेर : कुछ सुझाव

शिव शंकर गोयल
अब जबकि अजमेर शहर के लिए Smart City योजनान्तर्गत बकाया 599 करोड रू. का अनुदान प्राप्त हो चुका है और निगम आदि का बकाया 25 करोड रू. और आने वाला है. शहर के विकास हेतु उसमें वर्तमान में चल रहे कार्यों के अलावा कुछ निम्न सुझावों पर भी ध्यान देना उचित होगा.
केन्द्र सरकार ने कुछ दिनों पूर्व Forest Act में कुछ बदलाव किए है. फलस्वरूप अजमेर पुष्कर सुरंग योजना जो काफी समय से अटकी हुई थी, उस पर पुन: विचार करना उचित होगा. यह योजना अजमेर-पुष्कर के लिए बहुत उपयोगी है. वर्तमान में अजमेर पुष्कर के बीच पीएचईडी की पाइप लाईन डली हुई है. प्रस्तावित सुरंग मार्ग के बाजू में यह पाईप लाईन डाल देने से धार्मिक महत्व की नगरी में किसी वर्ष अकाल एवं कम वर्षा की स्थिती में आवश्यकता पडने पर उसी पाईप लाइन से बीसलपुर का पानी पुष्कर, बूढापुष्कर, सुदाबाय तथा पंच-कुन्ड पहुंचाया जा सकता है जिनसे लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं जुडी हुई है. यह स्थल भविष्य में पर्यटन हेतु भी विकसित किए जा सकते है. पुष्कर जल से भरा रहने पर लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है.
इसी तरह पुष्कर-मेडता रेल लाइ्रन की स्वीकृति के लिए और अधिक प्रयास किए जाए. सम्भव हो तो इस कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण का खर्च राज्य सरकार को वहन करना चाहिए तथा Permanent Way के लिए मिट्टी-गिट्टी का कार्य, पुलिया निर्माण तथा स्टेशन बिल्डिंग आदि बनाने के काम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी, मनरेगा, के तहत होना चाहिए. इसके अतिरिक्त अजमेर-कोटा वस्तुतः नसीराबाद-बूंदी (रामसर,केकडी, देवली होते हुए) रेल लाईन की स्वीकृति हेतु भी केन्द्र सरकार को निवेदन करना चाहिए ताकि अनुसूचित जाति बाहुल्य इस पिछडे क्षेत्र का तीव्र गति से विकास हो तथा राजस्थान के लोग मध्य और पूर्वी भारत की यात्रा आसानी से कर सके.
सन 1956 में राजस्थान में विलय के समय से ही अजमेर शिक्षा का प्रमुख केन्द्र होने के बावजूद किन्ही कारणों से यहां IIT, AIIMS, IIM में से कुछ भी नही खुल सका. अब यहां पन्नादाय Maternity Hospital & Nursing College (जिसमें आदिवासी, जन-जाति की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाय) खोल कर इसकी कुछ भरपाई की जाय. इसके अतिरिक्त शहर में न्यूनतम शुल्क पर मेडीकल टैस्ट की सुविधा हेतु कुछ Laboratries खोली जाय जिसमें टैस्ट के साथ साथ Nominal Charges पर घर से Samples लेने की सुविधा भी हो.
आनासागर झील:- राज्य सरकार द्वारा आनासागर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू करने के बाद आनासागर की परिधि में गिरने वाले सत्रह नालों के जल प्रदुषण पर रोक लगी है. झील के चारों ओर प्रस्तावित सौन्दर्यीकरण का कार्य भी होरहा है. यहां समय समय पर आनासागर की गाद निकालने हेतु स्थायी रूप से एक ड्रैगर की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त फाईसागर का अतिरिक्त पानी आनासागर में लाने हेतु बांडी नदी के अतिक्रमण एवं समय समय पर पानी के अवरोधों, जलकुंभी आदि को हटाने के लिए स्थायी व्यवस्था करने की जरूरत है.
यातायात व्यवस्था:- अंधेरी पुलिया को सीमेन्ट प्लास्टर से पुख्ता बना कर उसमें रेलवे की अनुमति से और अधिक रोशनी की समुचित व्यवस्था कर उसे पैदल एवं दुपहिया वाहनों के आवागमन के लायक बनाया जाय. पुलीस की व्यवस्था भी की जाय ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सके.
कचहरी रोड चैराहे अथवा स्टेशन के सामने पद यात्रियों के लिए Sub Way का निमार्ण किया जाय.
नया बाजार से शिव बाग होते हुए खाईलैन्ड तक सडक निमार्ण की सम्भावना खोजी जाय.
मदार गेट पर गांधी भवन के सामने जहां जूते मरम्मत करने वाले बैठते है वहां से चूडी बाजार तक आने जाने का उबड खाबड रास्ता है इस जगह पर साझा क्षेत्र में बहुमंजिला माल बनाते हुए पार्किंग स्थल बनाने एवं सडक निकालने की सम्भावना खोजी जाय.
इसी तरह कस्तूरबा डिसपैन्सरी की जगह भी साझा क्षेत्र में बहुमंजिला माल बनाने की सम्भावना खोजी जाय जहां मंदिर को यथावत रखते हुए नीचे पार्किग तथा उपर की मंजिलों पर डिसपैन्सरी, फूल बेचने वाले, फल तथा सब्जी बेचने वालों को जगह दी जा सकती है.
इसी तरह के माल बनाने की सम्भावना आगरा गेट के बाहर तांगा स्टैन्ड के पास, केसर गंज में गोल चक्कर के पास भी खोजी जा सकती है.
पंचशील नगर एवं आदर्श नगर पर सब्जी मंडिया विकसित की जाय.
सफाई व्यवस्था:- निम्न लिखित जगहों में जहां जहां सुलभ शौचालय नही है वहां यह बनवायें जाय. मदार गेट, बजरंग गढ, केसरगंज गोल चक्कर, पडाव, आगरा गेट बाहर, कलक्टरी, कचहरी, नगरा, आदर्श नगर, रामगंज, वैशाली नगर, डिग्गी चौक, महावीर सर्किल एवं समस्त श्मशान गृह. इसके अतिरिक्त शहर के नालों की सफाई का कार्य वर्षा ऋतु के समाप्त होते ही शुरू कर दिया जाय. दरगाह एवं सोनी जी की नसियां के पास यूरोपियन टाईप टायलेट बनवाये जाय.
शहर के समस्त श्मशान गृहों पर हैन्ड पम्प लगवायें जाय. यहां बैठने के लिए बैंचें और समुचित चाहरदिवारी की व्यवस्था की जाय.
दरगाह, ढाई दिन का झोपडा एवं सोनी जी की नसियां के साथ साथ निम्न लिखित जगहों को भी पर्यटन के नक्शे पर लाया जाय. इन स्थानों के लिए पर्यटन विभाग Mini Touring coach चलाने की व्यवस्था करें. यह स्थान है पृथ्वीराज स्मारक, तारागढ, चश्मेशाही, बारहदरी, खामेखां के तीन दरवाजे, चामुंडा माता का मंदिर, नया बाजार स्थित संग्रहालय एवं सराय तथा जैन तीर्थ नारेली और पुष्कर के तीर्थ स्थल (सुदा-बाव आदि).
रेलवे द्वारा अजमेर-श्रीनगर(कश्मीर) मार्ग पर ख्वाजा-ऐक्सप्रेस शुरू की जाय.अजमेर में कश्मीर हाउस बनाया जाय जहां जियारितों के लिए ठहरने एवं खाने-पाने की व्यवस्था हो. अजमेर के Boys & Girls Engineering Colleges तथा Polytechnic में कश्मीरियों के लिए कुछ सीटें रिजर्व की जाय.
वैशाली नगर के Food Park में तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक और कश्मीर प्रांत के स्टाल खोलने को प्रोत्साहन दिया जाय.
अजमेर संग्रहालय:- अजमेर संग्रहालय जिसे स्थानीय लोग मेगजीन के नाम से जानते है एक ऐतिहासिक जगह है. यही पर बादशाह जहांगीर के सामने ईस्ट इंडिया कम्पनी के सर टामस रो ने अपने परिचय पत्र पेश किए थे और व्यापार करने की इजाजत मांगी थी. अजमेर के मैदान(चश्मेशाही) में ही बादशाह शाहजहां के तीसरे पुत्र औरंगजेब ने अपने बडे भाई दारा शिकोह को हराया था. अजमेर प्रसिद्ध सूफी संत, गरीब नवाज ख्वाजा मोईनुध्दीन चिश्ती की कार्य स्थली रही है जहां औलाद की मुराद मांगने बादशाह अकबर अपनी राजधानी फतेहपुर सीकरी से चल कर आया था. इन सब ऐतिहासिक घटनाओं को चित्रों के माध्यम से इस संग्रहालय मेँ दर्शाना चाहिए. साथ ही साथ इस जगह का जीर्णोद्धार करने की भी आवश्यकता है. इसके चारों तरफ अतिक्रमणा की भरमार है. मुख्य द्वार के सामने भी कोई पार्क इत्यादि नही है. ना ही आस पास पेय पदार्थ तथा स्मृति चिन्ह मिलने की कोई दुकान है. नवीकरण योजना में इसका समावेश किया जाना चाहिए.
लोक कला मंडल:- अजमेर की लोक कलाओं का विकास करने हेतु यहां लोककला मंडल की स्थापना की जानी चाहिए. जिसके माध्यम से अजमेर में मनाये जाने वाले विभिन्न उत्सवों को यहां आनेवालें पर्यटकों को दिखाया जा सके. मसलन, नृसिंह चतुर्दशी के अवसर पर भरने वाले लाल्या काल्या के मेले की झांकी, विक्रम संवत के नववर्ष दिवस पर निकाले जाने वाली पुज्य झूले लाल की सवारी की झांकी, गणगौर उत्सव की झांकी, खटीक एवं रेगर समाज के लोगों द्वारा उसरी गेट पर तेजाजी की धोक देने जाने वाले झन्डें की झांकी, हरिजन बंधुओं के नवल जयंती पर निकाले जाने वाली झांकी, जीणगरो की जेलें इत्यादि इन झांकियों से न केवल इन उत्सवों पर बजने वाले विभिन्न वाद्य यन्त्रों को सुनने का अवसर प्राप्त होगा बल्कि दर्शकों को हमारी सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी. राजस्थान की परम्परागत ख्याल अर्थात तख्ता-तोड नाटय कला का विकास भी किया जाना चाहिए.
अजमेर रेल-स्टेशन एवं बस-स्टैन्ड पर, अजमेर की पहचान के Slogan “मुस्कराइयें क्योंकि आप अजमेर में है” को पांच भाषाओं (हिन्दी, तमिल, कश्मीरी, मणीपुरी एवं इंगलिश) में सम्मिलित रूप से लिखित बोर्ड लगाये जाय.
शिव शंकर गोयल
9873706333

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