आधार कार्ड पंजीयन कराना बना बड़ा सिरदर्द

सरकार की ओर से आधार कार्ड की अनिवार्यता तो लागू कर दी गई, मगर उसके लिए प्रशासन ने माकूल इंतजामात नहीं किए, नतीजतन इसका पंजीयन करवाना एक बढ़ा सिरदर्द हो गया है। सरकार ने स्कूलों में आधार कार्ड बनाने के चक्कर में ही दिसम्बर के आखिरी हफ्ते में होने वाली सर्दी की छुट्टियां आगे खिसका दीं, मगर इसके लिए लगाए जा रहे शिविर स्थलों का हाल ये है कि वहां लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं और इस अव्यवस्था के कारण असंतोष बढ़ता जा रहा है। दरअसल ये हालात इस कारण भी उत्पन्न हुए हैं कि सरकार ने कैश सबसीडी योजना के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता रखी है, इस कारण हर कोई जल्द से जल्द आधार कार्ड बनवाना चाहता है, मगर प्रशासन उतने इंतजामात कर नहीं पाया है। जिला कलेक्टर की ओर रोजाना इस सिलसिले में विज्ञप्ति जारी करवाने से के्रज और बढ़ गया है। नतीजतन पंजीयन शिविरों में हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा व काम कम हो पा रहा है।
गुरुवार को मोइनिया इस्लामिया स्कूल का हाल ये था कि एक आधार कार्ड बनाने में कम से कम 20 से 25 मिनट का वक्त जाया हो रहा था, उसके लिए लाइन लगा कर इंतजार करने का समय अलग है। इस कछुआ चाल से यदि कार्ड बनाये गए तो पूरे जनवरी माह में भी सभी छात्र-छात्राओं के कार्ड बनना मुश्किल नजर आ रहा है। स्कूलों में आधार कार्ड बनवाने के लिये सुबह से ही विद्यार्थियों और महिला-पुरुषों की भारी भीड जमा हो गई, लेकिन आधार कार्ड बनाने वाले स्टाफ द्वारा 11 बजे के बाद ही काम शुरू होने की बात कह दी, जिससे अव्यवस्था पसर गई। विद्यार्थियों ने बताया कि भूखे प्यासे लाइन में खड़े-खड़े चार-चार पांच-पांच घंटे हो गये, उसके बावजूद लाइन आग नहीं खसक पा रही। ऐसे में सभी लोगों के आधार कार्ड बनने पर संशय है।
बुधवार रात तो मामला ही कुछ और था। राजकीय ओसवाल स्कूल में प्रधानाचार्य द्वारा अपने परिचितों के आधार कार्ड देर रात तक बनाये जाने से आक्रोष पैदा हो गया और लोगों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। स्कूल के गेट पर ताला था और अन्दर कार्ड बनाये जा रहे थे। स्थानीय नागरिकों ने जब दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया तो दरवाजा नहीं खोला गया। लोगों ने कोतवाली पुलिस को मौके पर बुलवा लिया। स्कूल के अन्दर कर्मचारियों द्वारा शराब पार्टी की भनक ने नागरिकों के आक्रोष को और भड़का दिया। स्कूल प्रांगण में शराब की खाली पड़ी बोतलेें इस आशंका को झुठला भी नहीं पाई। लोगों ने स्कूल प्रबंधन और आधार कार्ड बनवाने वाले कर्मचारियों पर विद्यार्थियों की जगह अपने मिलने वालों और परिचितों के कार्ड बनवाने के आरोप लगाये। दूसरी ओर कर्मचारियों का कहना था कि सुबह 10 से शाम 5 बजे तक ही कार्ड बनवाने का टाइम निर्धारित है, लेकिन आज देरी से काम शुरू किया था, इसलिये देर तक कार्ड बनाये जा रहे हैं।
आधार कार्ड को लेकर हो रही इस मारामारी पर राजनीति भी गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी के निगम पार्षदों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर आधार कार्ड के लिये वार्ड स्तर पर शिविर लगाने की मांग की है। भाजपा पार्षद बीना सिंगारिया और जे के शर्मा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा आम आदमी की पहचान के लिये आधार कार्ड की अनिवार्यता सुनिश्चित की है, लेकिन आधार कार्ड बनाने की व्यवस्थाएं माकूल न होने से बुजुर्ग, बीमार, विकलांग, बच्चों और महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कार्यक्रम को 55 वार्डों में लागू कर सभी सरकारी सामुदायिक भवनों में शिविर लगाये जायें। राष्ट्रीय सोनिया गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अवयवस्थाओं से बचने के लिये वार्ड स्तर पर आधार कार्ड पंजीयन शिविर लगाने की मांग की है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहम्मद हनीफ ने बताया कि फिलहाल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में केवल उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों के आधार कार्ड बन रहे हैं। साथ ही जननी शिशु सुरक्षा में लाभ लेने वाली गर्भवती महिलाओं के लिये शिविर लगाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आम नागरिकों को इन शिविरों में जाकर भीड़ नहीं बढ़ानी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक नागरिक का आधार कार्ड बनेगा। सरकार ने यह व्यवस्था सुनिश्चित कर रखी है। अत: वर्तमान में लग रहे शिविरों में अव्यवस्था न फैलाएं।

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