हालांकि इन दिनों रोजमर्रा की राजनीति में एक षख्स का नाम बहुत चर्चा में नहीं है, या यूं कहिये कि अखबारी सुर्खियों में कम ही नजर आते हैं, मगर अजमेर के चंद प्रभावषाली लोगों में उनका नाम षुमार है। वे हैं श्री प्रकाष गदिया। पेषे से वे डबल ए क्लास कॉन्टैक्टर हैं और अजमेर के कई महत्वपूर्ण निर्माणों में उनकी भूमिका रही है। मार्टिंडल ब्रिज की चौथी भुजा का निर्माण भी उनकी देखरेख में हुआ। साथ ही लंबे समय से यहां की राजनीति में उनका दखल रहा है। अर्थात अजमेर की विकास यात्रा में भी कहीं न कहीं उनकी भूमिका रही है। राजनीति की जानकारी रखने वाले जानते हैं कि पुड्डुचेरी के भूतपूर्व उपराज्यपाल व राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री स्वर्गीय बाबा श्री गोविन्द सिंह गुर्जर के सर्वाधिक करीबियों में से रहे और अनेक बार नसीराबाद विधानसभा चुनाव में उनके चुनाव एजेंट रहे। उनके तार भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय श्री बूटासिंह सहित राज्य व केन्द्र के कई नेताओं व राज्य स्तरीय पत्रकारों से जुडे रहे हैं। दैनिक न्याय के प्रबंध संपादक स्वर्गीय श्री राजहंस षर्मा उनके जिगरी दोस्त थे।
आकर्शक व्यक्तित्व के धनी श्री गदिया का जन्म 15 सितम्बर 1942 को जिले के बीर गांव में श्री सुजानमल गदिया के घर हुआ। उन्होंने सन् 1960 में प्री-यूनिवर्सिटी तक की शिक्षा अर्जित की और उसके बाद 1964 में सिविल इंजीनियरिंग में तीन साल का डिप्लोमा पूरा किया। उन्होंने तकरीबन 22 साल तक सार्वजनिक निर्माण विभाग के बतौर सिविल इंजीनियर काम किया और उसके बाद में 1987 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और कॉन्ट्रेक्टरशिप शुरू कर दी। वे 1987 से ही कांग्रेस से जुड़ गए और देहात जिला कांग्रेस के महामंत्री, उपाध्यक्ष व प्रवक्ता रहे हैं। वे अजमेर मेरवाड़ा कॉन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन के 15 साल अध्यक्ष रह चुके हैं। वे सन् 1992 से 94 तक राजस्थान टेलीफोन सलाहकार समिति के सदस्य रहे। इसी प्रकार 1992 से 1994 तक डिवीजनल रेलवे यूजर्स एंड कंसल्टेटिव कमेटी और 1996 तक जोनल रेलवे यूजर्स एंड कंसल्टेटिव कमेटी के सदस्य रहे हैं। वे अजमेर सिटीजन्स कौंसिल के भी सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे हैं।