वसुंधरा की बहू को अजमेर से लड़ाने की तैयारी?

राजनीतिक हलके में एक टॉप सीक्रेट इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। वो यह कि क्या आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा अजमेर संसदीय क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पुत्रवधू श्रीमती निहारिका राजे को चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है।
असल में यह चर्चा इस कारण शुरू हुई है कि इन दिनों अजमेर संसदीय क्षेत्र के अनेक भाजपा नेताओं को वसुंधरा राजे की ओर से बाकायदा बूथ वाइज आंकड़े मंगवाए जा रहे हैं, इनमें जातीय समीकरण, प्रमुख कार्यकर्ताओं के नाम व उनके मोबाइल नंबर, विभिन्न जातियों के प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं के नाम-पते इत्यादि शामिल हैं। जाहिर सी बात है कि किसी भी क्षेत्र का इतना विस्तृत सर्वे वही करवाता है, जिसका उस क्षेत्र से चुनाव लडऩे का मानस होता है। एक तर्क ये भी दिया जा सकता है कि चूंकि वसुंधरा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फीडबैक ले रहीं है और यह सर्वे उसी का एक हिस्सा है, तो उसमें चौंकने जैसी बात नहीं होनी चाहिए, मगर इतना विस्तृत फीडबैक और वह भी केवल अजमेर संसदीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों का तो जरूर कुछ खास बात है। पहले जब यह जानकारी आई कि वे अजमेर उत्तर का सर्वे करवा रही हैं तो यह चर्चा उठी कि कहीं वे खुद तो अजमेर से चुनाव लडऩे का मानस तो नहीं बना रहीं, लेकिन जैसे ही यह पता लगा कि पूरे संसदीय क्षेत्र में ही यह काम हो रहा है तो लोगों ने गहन पड़ताल शुरू कर दी। उसमें यह तथ्य उभर कर आया कि संभव है वे अपनी बहू यानि पुत्र व झालावाड़ के भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह की धर्म पत्नी श्रीमती निहारिका राजे के लिए यहां राजनीतिक जमीन की तलाश करवा रही हों। इसके पीछे एक तर्क ये भी है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र में तकरीबन डेढ़ लाख गुर्जर मतदाता हैं और श्रीमती निहारिका भी गुर्जर समाज की बेटी हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित केन्द्रीय राज्य मंत्री सचिन पायलट भी गुर्जर समुदाय से हैं। समझा जाता है कि पिछले चुनाव में किरण माहेश्वरी के हार जाने के बाद भाजपा यहां सचिन के सामने एक सशक्त उम्मीदवार की तलाश में हैं और उसमें निहारिका फिट बैठती हैं। जहां तक जातीय समीकरण का सवाल है, कांग्रेस व भाजपा के अपने-अपने जातीय वोट बैंक हैं। उनमें अगर परंपरागत रूप से कांग्रेस के साथ रहने वाले गुर्जर समुदाय में सेंध मार ली जाती है तो एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है। यही सोच कर निहारिका के लिए जमीन तलाशी जा रही है। हालांकि यह संभावना अब भी बरकरार है कि वे खुद भी अजमेर उत्तर से चुनाव लडऩे की सोच सकती हैं। इस प्रकार चर्चा पिछली बार तब भी उठी थी कि जब उन्होंने यहां गणतंत्र दिवस का राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करवाया और न्यास के माध्यम से गौरव पथ जैसा शानदार रोड बनवाया।
-तेजवानी गिरधर

8 thoughts on “वसुंधरा की बहू को अजमेर से लड़ाने की तैयारी?”

  1. Gaurav Path sa shaandaar road ?? Chaliye Gaurav Path ki shaan ke baare main ek charcha karva lijiye….. 🙂

  2. Bahut hi shandar kaha kaha se ye khabre nikal kar late hai aap , hamare liye to bahut hi badhiya hai jee jaan ek kar denge ineh jitane mai

  3. भाजपा और काग्रॆस नॆ अजमॆर कॊ वैश्यालय और यहा की जनता कॊ क्या वैश्या समझ रखा है? अब अजमॆर की जनता किसी भी बाहरी उम्मीदवार कॊ बर्दाश्त नही करॆगी, हम तॊ आज सॆ ही विरॊध करतॆ है|

  4. वनिता जी ने हाई कमान को खुश करने के लिए तुरंत लिख दिया कि हम जीजान एक कर देंगे इन्हें जिताने को ……
    सही बात जब कद ही न हो तो अजमेर के भाजपा नेता बाहरी उम्मीदवारों को ही तो चुनेंगे ……
    अजमेर भाजपा में कोई नेता पनपा क्यों नहीं …..
    कभी आत्म-विश्लेषण करे भाजपा ……
    हम तो ये मान ही नहीं सकते कि अजमेर भाजपा में कोई सांसद बनने लायक उम्मीदवार नहीं …..बस झुकने की आदत सी पड़ी हुई है ……
    अजमेर वासियों अब तो backbone develop करो ……
    कब तक थोपे गए उम्मीदवारों को ढोते रहोगे ……
    लानत है इस झुकने की मानसिकता पर …….
    अदने से लोग !!!!!

  5. गिरधर जी यह सर्वे अजमेर लोकसभा चुनावो के लिये नही अपितू विधानसभा चुनावो के लिये किया गया हे , जिले की दो विधानसभा इलाको पर वसुन्‍धरा की नजर है जिसमे केकडी और नसीराबाद है जहॉ वसुन्‍धरा निहारीका को चुनाव लडाकर चुनावी बिसात तैयार करेगी उसके बाद इस को लोकसभा सीट के लिये अपलाई किया जायेगा इसके अलावा चितौडगढ जिले की बैगू विधानसभा सीट के लिये भी निहारीका हेतू जमीन तलाश की जा रही है और इस काम में जिले के कॉग्रेस के कुछ कद्वावर नेता भी निहारीका के पक्ष मे लॉब्रिग कर रहे हैा इसी प्रकार पुष्‍कर से सलावत खॉ को टिकट देकर वसुन्‍धरा मुस्लिम वोटो में भी सैंध मार सकती हैा

  6. कीर्ति जी यहाँ हाई कमान को खुश करने की कोई बात नहीं है , जिसमे दम है और वो टिकट लेकर आते है तो क्या बुरे बुराई है
    यहाँ मै किसी आम आदमी की बात नहीं कर रही . और मै जिस पार्टी से जुडी हु तो उसके निशान पर कोई भी टिकट ले आये हमे कोई दिक्कत नहीं है
    आप भी कोशिसि कर ले .. रही बात बाहरी उमीदवार की तो इतना तो आप पढ़ी लिखी है और जानती होंगी की इंसान की जन्म भूमि और कर्म भूमि अलग अलग भी हो सकती है
    आपको और आपकी सोच को सलाम …….
    जो सिर्फ ” आम आदमी ” पर ही रूकती है !!!!!!!
    मैडम निगाहे उठा कर भी देख लिया करे
    शायद आपको समझ आ गया होगा !!!!!

  7. अंशुल कुमार जी गुस्से मे भाषा का भी ध्यान रखे
    इसी अजमेर मे आपकी भी बहन , बेटी माँ भी रहती है
    और अजमेर से बहार भी ना जाने कब किस की किस्मत मे क्या लिखा हो

  8. वनिता जी शायद आप हमारी बातों पर ध्यान नहीं देती ….हम कई बार बोल चुके है की हमारा इरादा चुनाव लड़ने का नहीं है …..
    आप कह रही हैं कि आप किसी आम आदमी की बात नहीं कर रहीं …
    फिर ठीक है …आप ख़ास की बात कीजिये हम आम की बात करते हैं और ये आप की पार्टी को भी नहीं भूला चाहिए कि वोट तो आम ही देते हैं ….
    और रही बात कर्मभूमि की हमारा बोलना तो इसी लिए है ….हमें किसी से व्यग्तिगत दुश्मनी थोड़े ही न है …
    अजमेर की त्रासदी ही ये रही है कि लोगों ने आकर यहाँ से चुनाव लड़ा …आप के अनुसार उन्होंने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया पर यहाँ कर्म ही नहीं किया ….
    बस ये ही डर है हम आम लोगों के मन में …अजमेर स्वार्थपूर्ति का साधन मात्र बना रहा ….सब राजनैतिक दलों के स्थानीय सदस्य सिर्फ चमचागिरी कर नंबर बढवाने में लगे रहते हैं कि कोई लोकल पोस्ट मिल जाए ……
    आम आदमी पार्टी को किसी व्यक्ति विशेष से न कोई दुश्मनी है न आप किसी से द्वेष …हमारा उद्देश्य है सच्चे स्वराज की स्थापना करना और जनप्रतिनिधियों की ऐसी फ़ौज तैयार करना जो की जनता के प्रति जवाबदेह हों …..
    आप ने सही कहा हमारी सोच आम आदमी पर ही रूकती है और जब तक आम आदमी सक्षम नहीं होगा उस पर ही रुकी रहेगी ….

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