*पत्रकार संगठन काफी नहीं, पत्रकारिता का मार्गदर्शन भी चाहिए*

मुजफ्फर अली
आज के दौर में पत्रकारिता निष्पक्ष नहीं, विचारधारा की पत्रकारिता हो गई है। जो रिपोर्टर जिस राजनीतिक पार्टी की विचारधारा का हिमायती हैं उसी के अनुरूप रिपोर्ट, खबर, ब्लॉग लिख रहा हैं। अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार रमेश अग्रवाल , ओम माथुर, प्रेम आनंदकर , राजेन्द्र गुंजल , सुरेंद्र चतुर्वेदी , गिरधर तेजवाणी , राजेन्द्र यागिक अपने लेख, ब्लॉग में संवेदनशीलता के साथ खबर को निष्पक्षता का रूप देते हैं और यही पत्रकारिता का मर्म है । बुजुर्ग हो चुके दीनबंधु चौधरी का सम्पादकीय भी पत्रकारों को सीखने का मौका देता है।
अब सवाल यह है कि सीखे कौन और सिखाए कौन ? अजमेर के प्रतिष्ठित अखबारों में तो फिर खबर को एडिट करने के लिए क़ाबिल एडिटर हैं। लेकिन जो नौजवान समय के साथ डिजिटल युग मे अपना यूट्यूब न्यूज चैनल चला रहे हैं उनको गाइड करने वाला कौन है ? इन नौजवान मीडिया कर्मियों को मार्गदर्शन करना जरूरी है ताकि डिजिटल मीडिया या वेब मीडिया के पत्रकार भी पत्रकारिता को समझ सकें और एक मंझे हुए पत्रकारो की तरह रिपोर्टिंग कर सकें। बिना किसी मार्गदर्शन के यूट्यूब न्यूज चैनल वाले फिर भी अपने फील्ड में कुशलता से कार्य कर रहे हैं। अजमेर मे किसी भी संस्थान का स्तरीय स्टूडियो नहीं है जहां इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में करिअर बनाने वाले पत्रकारिता सीख सकें। वर्तमान में शहर में चार पत्रकार संगठन हैं जिन्हें पत्रकारों के हित में और जो मीडिया में करिअर बनाना चाहते हैं उनके लिए इस और ध्यान देना होगा।
-मुजफ्फर अली एडिटर
द न्यूज मिरर इंडिया , अजमेर

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