जायरीन की वजह से आबाद है सेवन वंडर्स

हालांकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत आनासागर की जमीन को पाट कर सेवन वंडर्स बनाए जाने को गलत मानते हुए उसे तोडने के आदेश हो चुके हैं, मगर यह एक दिलचस्प तथ्य है कि जिस मकसद से इसका निर्माण किया, वह सार्थक हो रहा है। आपको ख्याल में होगा कि कुछ लोगों ने इसका यह कह कर विरोध किया था कि क्या राजस्थान में आदर्शों की कमी है, जो इनका निर्माण किया गया है। सोचनीय बात यह है कि अजमेर में पहले से बने अन्य स्मारकों का भ्रमण करने वालों की संख्या नगण्य है। खैर, जब इसका लोकार्पण हुआ तो आरंभ में अजमेर के नागरिकों ने इसका अवलोकन किया, मगर अब प्रतिदिन यहां बाहर के सैकडों लोग आते हैं। अकेले इस वजह से पुष्कर रोड आबाद हो गया है। आसपास व्यावसायिक गतिविधियां आरंभ हो गई हैं। साथ ही चौपाटी पर भी चहल पहल बढी है। स्वाभाविक रूप से यातयात की समस्या भी उत्पन्न हुई है। दिलचस्प बात है कि इसे देखने के लिए आने वालों में अधिसंख्य बाहर से आने वाले जायरीन होते हैं, जो आते तो दरगाह जियारत करने हैं, मगर साथ ही इसको भी जरूर देखते हैं। संभवतः तारागढ के बाद यह एक मात्र ऐसा दर्शनीय स्थल बन गया है, जिसे बाहर से आने वाले जायरीन व पर्यटक जरूर देखना पसंद करते हैं। सुभाष उद्यान में भ्रमणार्थियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

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