डॉ. सुरेश गर्ग ने फिर छेड़ी चुनाव की तान

अजमेर वासियों के लिए सुपरिचित नगर पालिका सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी व शहर कांगे्रस के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश गर्ग ने एक बार फिर अग्रवाल समाज को राजनीतिक रूप से जगाने की कोशिश की है। इसे आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
श्रीराम धर्मशाला में सेवारत अग्रवाल कल्याण परिषद की चतुर्थ सदस्य विवरणिका के विमोचन समारोह में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारी राजनीति में भागीदारी बढऩी चाहिए, ताकि धीरे-धीरे राजनीतिक कारणों से पिछड़ते जा रहे अग्र बंधु अग्र ही बने रहें। उन्होंने कहा कि वोट के समय जाति के प्रत्याशी को प्राथमिकता देते हुए अधिक से अधिक सहयोग करना चाहिए। अपने दर्द का इजहार करते हुए डॉ. गर्ग ने कहा कि हम अन्य जातियों के मुकाबले राजनीतिक पार्टियों को अधिक चन्दा देते हैं, सर्वाधिक आयकर देकर देश के विकास में भागीदार बनते हैं, लेकिन उसका लाभ हमें तब मिलेगा जब हम राजनीतिक सौदेबाजी में भी माहिर होंगे। उनका यह उद्बोधन आगामी विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर सीट के संदर्भ में जोड़ कर देखा जा रहा है। ज्ञातव्य है कि अजमेर उत्तर सीट, जो कि पहले अजमेर पश्चिम के रूप में जानी जाती थी, पर परंपरागत रूप से कांग्रेस व भाजपा दोनों सिंधी को ही प्रत्याशी बनाते आए हैं। पिछली बार वैश्य महासभा के दबाव में कांग्रेस ने गैर सिंधी के रूप में डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को चुनाव मैदान में उतारा, मगर वह प्रयोग विफल हो गया और भाजपा के प्रो. वासुदेव देवनानी जीत गए। जाहिर सी बात है कि पिछले चुनाव की कसक अब भी बाकी है, जिसे डॉ. गर्ग ने एक बार फिर हवा देने की कोशिश की है। कहने की जरूरत नहीं है कि स्वयं डॉ. गर्ग भी टिकट के दावेदार हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस का टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया था, मगर बाद में हाईकमान के दबाव में नाम वापस ले लिया। हालांकि अभी चुनाव दूर हैं, मगर यह सुगबुगाहट कुछ संकेत तो दे ही रही है। देखना ये है कि इस बार चुनाव में क्या होता है?
-तेजवानी गिरधर

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