मांग मनवाने से ब्यावर विधायक रावत का बढ़ा कद

विधायक रावत से बात करते पत्रकार सुमित सारस्वत

ब्यावर के लिए जल और जिले की मांग को लेकर संघर्षरत विधायक शंकर सिंह रावत की ताजा पैदल यात्रा का परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बीसलपुर पेयजल योजना को मंजूरी देने व जिला बनाने का आश्वासन देने के साथ ही रावत का कद और बढ़ गया है। प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में विधायक के आंदोलनों की काफी चर्चा है। ब्यावर विधानसभा क्षेत्र की जनता में विधायक रावत पसंदीदा बन गए हैं। लोगों का कहना है कि शंकरसिंह रावत जब से विधायक बने हैं तब से अपने क्षेत्र की समस्याओं को पुरजोर आवाज में विधानसभा के पटल पर रखा है। उन्होंने कई बार मांगें मनवाने के लिए विधानसभा में धरना दिया। जल और जिले की मांग को लेकर वे लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। सरकार से मांगें मनवाने के लिए उन्होंने गत वर्ष ब्यावर के चांगगेट पर 13 दिन तक धरना दिया। 5 दिन तक आमरण अनशन भी किया। इतना ही नहीं जयपुर पदयात्रा से पूर्व भी वे दो बार धार्मिक पदयात्राएं कर चुके हैं। गत भादवा माह में उन्होंने रामदेवरा और शारदीय नवरात्र में नाडोल आशापुरा माता धाम की पैदल यात्रा की थी।
हर ओर विधायक की चर्चाएं
विधायक की ओर से जल और जिले के लिए किए गए आंदोलन और संघर्ष की हर ओर चर्चाएं हैं। जल की समस्या दूर कराने के बाद लोग उनके कार्य की मुक्त कंठ से सराहना कर रहे हैं। संभवत: शंकरसिंह रावत प्रदेश के पहले ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने एसी और वाहन का सुख छोड़कर अपने क्षेत्र की जनता को लाभ दिलाने के लिए तपती धूप में पैदल यात्राएं और भूख हड़ताल की है।
वसुंधरा के चहेते हैं रावत
भाजपा में रावत को वसुंधरा राजे का सबसे करीबी माना जाता है। गत विधानसभा चुनाव में प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी जीत लेने और अपनी पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी ब्यावर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार वही होंगे। वर्तमान में वसुंधरा राजे के पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद राजनीतिक गलियारे में हर ओर सुगबुगाहट है। इस बात को लेकर अब उनके विरोधियों के मस्तक पर भी चिंता की लकीरें उभरने लगी है। कुछ दावेदारों ने विधायक की ओर से किए जाने वाले आंदोलनों को विफल करने की कोशिशें भी की गई थी, लेकिन नाकाम होने के बाद अब वे चेहरा छुपाते फिर रहे हैं।
विधायक बोले, जनता की ड्यूटी कर रहा हूं
जयपुर पदयात्रा में जल की मांग पूरी करवाकर लौटे विधायक शंकरसिंह रावत ने शनिवार को खास बातचीत में कहा कि वे विधायक बनने के बाद से ही जल और जिले की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे थे। हर बार विधानसभा सत्र में उन्होंने सदन में इन मांगों को पुरजोर आवाज में सरकार के समक्ष रखा। सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए धरना, प्रदर्शन, अनशन व आंदोलन भी किए। फिर भी सफलता नहीं मिली तो जयपुर के लिए पैदल निकले और इस बार उन्हें अपने संघर्ष में सफलता मिली। मुख्यमंत्री ने विधायक की मांग को जायज मानते हुए बीसलपुर पेयजल योजना की वित्त स्वीकृति तत्काल जारी कर दी। इससे उपखण्ड के 199 गांवों के हजारों लोग लाभांवित होंगे। विधायक ने इस सफलता के लिए क्षेत्र की जनता, पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सभी ने सकारात्मक भूमिका निभाते हुए उनका साथ दिया। इस संघर्ष में ब्यावर के साथ मसूदा, बिजयनगर, बदनोर, भीम, जैतारण, रायपुर क्षेत्र के लोगों का सहयोग मिला।
विधायक बोले कि मैं जनता की ड्यूटी कर रहा हूं। हर जीत के लिए संघर्ष करना पड़ता है और संघर्ष से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी बजट सत्र में ब्यावर जिला भी बन जाएगा। सूत्रों की मानें तो गहलोत सरकार इस मांग को भी जल्द पूरा कर सकती है। जिले के मुद्दे को लेकर ब्यावर भाजपा में उभरी गुटबाजी के सवाल पर विधायक ने बड़प्पन का परिचय देते हुए कहा कि उन्हें किसी से कोई गिला शिकवा नहीं है। वे शहर हित में सभी के साथ हैं। भले ही कोई विरोध करें। उन्होंने दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि उनके लिए पार्टी सर्वोपरि है। पार्टी में सभी एकजुट हैं।
-सुमित सारस्वत, पत्रकार

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