आनंद सिंह राजावत ने बढ़ा लिया अपना कद

Anand Singh Rajawatराजस्थान विधानसभा में हाल ही नेता प्रतिपक्ष का पद संभालने वाले दिग्गज भाजपा गुलाबचंद कटारिया का अजमेर में विशेष स्वागत कार्यक्रम कर भाजपा के बजरंग मंडल अध्यक्ष आनंद सिंह राजावत ने अपना कद बढ़ा लिया है। कार्यक्रम में कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव डॉ. किरीट सोमैया को बुलवा कर भी राजावत ने एक उपलब्धि हासिल की है।
DSC_0106दिलचस्प है कि मंडल के इस कार्यक्रम में शहर भाजपा के अधिसंख्य नेता मौजूद थे, मगर चूंकि इसका आयोजन राजावत ने किया, इस कारण सारी क्रेडिट उन्हीं के खाते में चली गई। सच तो ये है कि राजावत ने अपने स्तर पर ही कटारिया के स्वागत कार्यक्रम बनाया और कटारिया इसके लिए राजी भी हो गए। इसके लिए शहर के अन्य नेताओं की सलाह की जरूरत भी नहीं समझी गई। इतना ही नहीं, राजावत ने अपने मंडल कार्यकर्ताओं के दम पर ही कार्यक्रम का सफल भी बनवा लिया। रेखांकित करने वाली बात ये रही कि पूरे कार्यक्रम को उन्होंने अपने हाथ में ही रखा और किसी को दखल करने नहीं दिया। इस प्रकार वे शहर भाजपा की राजनीति में उभर कर अग्रिम पंक्ति में आ खड़े हुए हैं।
DSC_0113अब जब कि कार्यक्रम संपन्न हो चुका है कि उसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है। कोई चंद नेताओं के कार्यक्रम में न आने को गुटबाजी से जोड़ रहा है तो कोई राजावत के अपने दम पर ही कार्यक्रम करने पर आश्चर्य जता रहा है। यह स्वाभाविक भी है। सवाल ये उठता है कि क्या शहर भाजपा को ख्याल नहीं आया कि वह अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करवाता, ताकि यह संदेश जाता कि शहर भाजपा एकजुट है? यदि राजावत को ही ख्याल आया तो उन्होंने अपने स्तर पर ही कार्यक्रम करने की क्यों सोची, शहर भाजपा को विश्वास में क्यों नहीं लिया? जब कार्यक्रम का प्रस्ताव आया तो क्या सोच कर कटारिया ने उसकी स्वीकृति दे दी, उन्होंने कार्यक्रम संयुक्त रूप से करने की सलाह क्यों नहीं दी? बेशक, कार्यक्रम में औपचारिकता के नाते सभी नेता आए, मगर इन्हीं सारे सवालों की वजह से ही आज यह मुद्दा बना है कि शहर भाजपा के बैनर पर कार्यक्रम करने पर विचार क्यों नहीं हुआ? संभव है शहर भाजपा अध्यक्ष रासासिंह रावत या अन्य किसी नेता ने कटारिया को बुला कर स्वागत करके अपना रुझान जाहिर न करना चाहा हो, मगर इतना तय है कि इस कार्यक्रम से राजावत रातों-रात अंग्रिम पंक्ति में आ खड़े हुए हैं। राजावत ने पहल करके पहले मारे सो मीर वाली कहावत चरितार्थ कर दिखाई है।
-तेजवानी गिरधर

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