विकास के लिए संयुक्त समिति बनाई जाए

NK Jain 21.3.12अभी हाल ही में सिटीजन्स काउन्सिल के तत्वावधान में पत्रकार भवन, वैशाली नगर में बिना किसी पार्टी पॉलिटिक्स और अन्य भेदभाव के अजमेर के जागरूक नागरिकों व सिटीजन्स काउन्सिल के सदस्यों एवं पत्रकारों को बुलाकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अजमेर के विकास पर चर्चा करने और विकास को किस प्रकार आगे बढ़ाएं, इस पर बातचीत की गई। इस मीटिंग में अजमेर जिले में नियुक्त सम्भागीय आयुक्त श्रीमती किरण सोनी, जिला कलैक्टर वैभव गालरिया, नगर सुधार न्यास चेयरमैन नरेन शहाणी भगत, नगर निगम महापौर कमल बाकोलिया व अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित रहे।
इस प्रकार की पहल कुछ समय पूर्व अजमेर फोरम के माध्यम से पटेल मैदान स्थित इनडोर स्टेडियम में भी हुई थी, जिसमें अजमेर का विकास किस प्रकार हो, अजमेर विजन के रूप में एक डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत कर यह दिखाने की कोशिश की गई कि यदि अच्छी प्रकार से विचार किया जाए तो अजमेर का स्वरूप क्या बन सकता है। इस प्रकार की सभाओं में सभी जागरुक नागरिकों की उपस्थिति और उनके विचारों से हमें आगे की योजना बनाने में अवश्य ही सफलता मिलेगी। परंतु यह बात कम महत्व की नहीं है कि इन विचार-विमर्श से निकले हुए नतीजों व प्रश्नों को आगे स्टडी करने के लिए, उन प्रश्नों के समाधान के लिए, क्या किसी प्रकार की कोई एक्सरसाइज करने का प्रावधान किया अथवा स्टडी कमेटी गठित की गई है। ऐसे सभाओं सम्मेलनों में सार्थक बहस और समस्याओं के निदान के बिंदुओं पर यदि आगे विचार न हो तो ऐसी बहस सार्थक होना मुश्किल है। अजमेर में इस समय अजमेर के विकास में योगदान देने हेतु सिटीजंस काउन्सिल, अजमेर फोरम एवं कॉमन कॉज सोसायटी के नाम लिए जाते हैं। कॉमन कॉज सोसायटी ने अभी तक जो पहल की है, उसके सार्थक नतीजे दिखने शुरू हो गये हैं। उन्हीं की पहल का नतीजा है कि उन्होंने हाईकोर्ट के माध्यम से जिला प्रशासन को मजबूर कर दिया है कि वह अजमेर जिले के सभी जल स्रोतों, तालाबों के अतिक्रमणों पर कार्रवाई करे और इन जलाशयों के जल में गंदगी को दूर करे।
हमारा अनुरोध है कि यदि ये तीनों संस्थाएं एक संयुक्त समिति का गठन करें और अपनी बात राज्य सरकार और केन्द्र सरकार तक पहुंचाए तो उससे अजमेर का विकास दु्रत गति से हो सकेगा। इस समय एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि अजमेर के लोकप्रिय सांसद केन्द्र सरकार में मन्त्री और कांग्रेस पार्टी में अपनी विशेष स्थिति के कारण अत्यंत प्रभावशाली हैं। उनका यह कर्तव्य है कि वे अजमेर की समस्याओं के प्रति सजगता के साथ विचार करें और उसके निदान के लिए आवश्यक बजट और कार्रवाई करके अजमेर के विकास को आगे बढ़ाएं।
पुरानी पीढ़ी के लोग यह जानते हैं कि आजादी के समय अजमेर अन्य नगरों के मुकाबले आगे माना जाता था परंतु यहां राजनीतिक चेतना का सदैव अभाव रहा। यहां की लीडरशिप जुझारुपने से कार्य नहीं कर सकी, इसका खामियाजा यहां के विकास की गति अवरुद्ध होने के रूप में उठाना पड़ रहा है। आज अजमेर विकास के लिए तरस रहा है और यहां की संस्थाएं निरंतर बहस करके इस ओर ऊपर के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं। आशा है राज्य सरकार से लेकर केन्द्र की सरकार यहां उठाई गई बातों पर अवश्य ही ध्यान देगी और अजमेर के साथ अब तक हुए सौतेले व्यवहार को शीघ्र ठीक करने का कार्य करेगी।
-एन. के. जैन सीए, कार्यकारी सम्पादक, अजयमेरु टाइम्स

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