तीर्थराज पुष्कर में भाजपा के तीन मुस्लिम दावेदार

salavat khan 2-27.6.12अजमेर। इस बार विधानसभा चुनाव में अजमेर जिले की पुष्कर सीट का टिकट हासिल करने के लिए भाजपा के तीन मुस्लिम दावेदारों में खींचतान मची हुई है। यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार भाजपा के बैनर तले लड़ रहे युवा भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा की दावेदारी अब भी मजबूत है। विधानसभा क्षेत्र में रावतों की बहुलता के कारण शहर भाजपा अध्यक्ष व पूर्व सांसद प्रो. रासासिंह रावत भी संभावित दावेदारों की गिनती में आते हैं। इसी प्रकार नगर निगम के उप महापौर सोमरत्न आर्य भी यहां अपनी जमीन तलाश रहे हैं।
चलिए, बात मुस्लिम दावेदारों की करें। यूं तो भाजपा नेता सलावत खां की पिछले चुनाव में भी पुष्कर पर नजर थी, मगर इस बार मुस्लिमों को संघ से जोडऩे के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने से यह पक्का हो गया था कि वे दमदार तरीके से टिकट की दावेदारी करने जा रहे हैं। ज्ञातव्य है कि तीर्थराज पुष्कर के होटल न्यू पार्क में आयोजित शिविर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के भूतपूर्व सरसंघ चालक स्वर्गीय कु. सी. सुदर्शन व मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी और देशभर से करीब डेढ़ सौ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ibrahim faker 2 29.6.12सलावत खान के अतिरिक्त भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष इब्राहिम फखर भी पुष्कर में काफी सक्रिय हैं। ज्ञातव्य है कि पुष्कर मेले को लेकर प्रशासन की सुस्ती व लापरवाही को मुद्दा बना कर अजमेर जिला भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा व भाजपा पुष्कर मंडल के संयुक्त तत्वावधान में कलेक्ट्रेट पर धरना दिया गया था, जिसके कर्ताधर्ता इब्राहिम फखर थे। इसी प्रकार उन्होंने पुष्कर मेले के लिए पर्याप्त राशि जारी करने संबंधी बयान जारी किया था। जहां तक उनकी दावेदारी में दम का सवाल है, चूंकि वे खादिम हैं और उनकी जमात के वोट वहां नहीं हैं, इस कारण संभव है दावा कमजोर हो जाए। वैसे यह सूचना पुख्ता है कि औंकार सिंह लखावत ने उनकी कोहनी पर गुड़ चिपकाया है और उनके कहने पर ही वे भागदौड़ कर रहे हैं।

मुंसिफ अली
मुंसिफ अली

तीसरे दावेदार हैं, आईएनजी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में ग्रुप सेल्स मैनेजर मुंसिफ अली, जो टिकट की खातिर गांवों में आम लोगों की समस्याओं पर ध्यान दे रहे हैं और जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं। यदि ये कहा जाए कि धरातल पर सर्वाधिक सक्रिय वे हैं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। समझा जाता है कि उन्हें भाजपा नेता व पूर्व मंत्री प्रो. सांवरलाल जाट व यूनुस खान का वरदहस्त हासिल है। उनकी जाति देशवाली के काफी वोट इस क्षेत्र में हैं। इसी कारण उनका दावा कुछ दमदार है, मगर वे अभी जूनियर हैं और ठीक से प्रोजेक्टशन न हो पाने के कारण चर्चा में नहीं हैं।
जहां तक हिंदुओं के तीर्थस्थल पुष्कर से किसी मुस्लिम की दावेदारी का सवाल है, उसकी वजह इस विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों मतदाताओं की पर्याप्त संख्या है। वर्तमान में वहां से कांग्रेस की श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ विधायक हैं और राज्य की शिक्षा राज्य मंत्री हैं। इस सीट से पूर्व में भी पूर्व मंत्री स्वर्गीय रमजान खान विधायक रह चुके हैं। रमजान खान यहां से 1985, 1990 व 1998 में चुनाव जीते थे। 1993 में उन्हें विष्णु मोदी ने और उसके बाद 2003 में डा. श्रीगोपाल बाहेती ने परास्त किया। मोदी से हारने की वजह ये रही कि उनका चुनाव मैनेजमेंट बहुत तगड़ा था। हार जीत का अंतर कुछ अधिक नहीं रहा। मोदी (34,747) ने रमजान खां (31,734) को मात्र 3 हजार 13 मतों से पराजित किया था। डा. बाहेती से रमजान इस कारण हारे कि भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा ने निर्दलीय रूप से मैदान में रह कर तकरीबन तीस हजार वोटों की सेंध मार दी थी। बाहेती (40,833) ने रमजान खां (33,735) को 7 हजार 98 मतों से पराजित किया था, जबकि पलाड़ा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 29 हजार 630 वोट लिए थे। स्पष्ट है कि रमजान केवल पलाड़ा के मैदान में रहने के कारण हारे थे। यदि पलाड़ा नहीं होते तो रमजान को हराना कत्तई नामुमकिन था। कुल मिला कर यह सीट भाजपा मुस्लिम प्रत्याशी के लिए काफी मुफीद रह सकती है। एक तो उसे मुस्लिमों के पूरे वोट मिलने की उम्मीद होती है, दूसरा भाजपा व हिंदू मानसिकता के वोट भी स्वाभाविक रूप से मिल जाते हैं। इसी गणित के तहत रमजान तीन बार विधायक रहे और दो बार निकटतम प्रतिद्वंद्वी। हालांकि एक फैक्टर ये भी है कि रमजान पुष्कर के लोकप्रिय नेता थे। गांव-गांव ढ़ाणी-ढ़ाणी उनकी जबदस्त पकड़ थी। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उसके मुस्लिम प्रत्याशी के लिए यह सीट उपयुक्त नहीं है, फिर भी पिछली बार श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ (42 हजार 881) ने भाजपा प्रत्याशी पलाड़ा (36 हजार 347) को 6 हजार 534 मतों से हरा दिया। वजह ये रही कि भाजपा के बागी श्रवणसिंह रावत 27 हजार 612 वोट खा गए। ज्ञातव्य है कि रावत मतदाताओं की पर्याप्त संख्या होने के आधार पर ही शहर जिला भाजपा अध्यक्ष रासासिंह रावत की रुचि पुष्कर से चुनाव लडऩे में है, मगर दिक्कत ये है कि ब्यावर की सीट रावतों के लिए काफी बेहतर है, तो ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिले में एक साथ दो रावतों को भाजपा टिकट देने का निर्णय करेगी?
-तेजवानी गिरधर

3 thoughts on “तीर्थराज पुष्कर में भाजपा के तीन मुस्लिम दावेदार”

  1. tejwani ji
    shukriya app ka ki app bande ko is layak mante ho lekin bhai sahib na me pehle ticket ka davedar tha aur na hi ajj hu ,mujhe party ne jimmedari di jise me imandari se pura karna chahta hu vishwas rakhiye me kabhi swaym ticket mangne nahi jaunga aur meri vajag se dusre log jo koshish kar rahe ho unhe bhi hatossahit nahi hona chahiye me puri tarah se bjp ke sath hu aur voh jo bhi nirnay karegi akhshartaya uski palna karunga phir party chahe jo nirnay kare ,ek bar phir app ka dhanyewad tejwani ji lekin mujhe is race se door hi rakhe to meharbani hogi .

  2. bhai sahab pushkar ka ese durbhagya hi kahenge ki yahan se jitne wala koi bhi mla pushkar ki darmik aasmita ki raksha ke liye koi thos upay nahi kar pate h chahe ese pushkar ke liye aam jan me jagrookta ki kami samghe ya durbhagya chunaw roopi mosam me ye neta aa to jate h magar es baar pushkar raj se hamari kamna rakhta h ki ese kisi jjev ko bramh tapo bhumi par se vijayi karke bheje jo pushkar nagar or saath hi pushkar ke aas paas ki punya dhara ke bare me sudh le sewa bhav se mla bane prabhu hamari esi kamna puri kare esa hum sochte w chahte h.. jai pushkar raj ki ..

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