नगर निगम की अनदेखी में हो रही है अजमेर शहीद स्मारक की दुर्दशा !!

aनहीं है अब इसकी किसी को भी सुध।
अजमेर में शहीद स्मारक के क्या हाल ये तो आप अपनी आँखों से ही देख लीजिये,
अजमेर शहर का प्रशासन और नेता लोग कैमरे के सामने तो शहीदों की तारीफ में बड़ी बड़ी बाते करते है पर आपको बता दू की ये ही लोग शहीद स्मारक की दुर्दशा के सबसे बड़े कारण है !!
कोई बड़ा नेता अजमेर आये या कोई सांस्कृतिक संध्या हो सबसे पहेल होर्डिंग्स शहीद स्मारक के उपर ही लगाये जाते है !!
काफी बार लोगो द्वारा नगर निगम को इस बारे में चेताया भी गया है पर नगर निगम के अधिकारियो के कान पे जू तक नहीं रेंगी।
जैसा के आप इस तस्वीर में देख हे रहे है इस तस्वीर में पूरा शहीद स्मारक होर्डिंग्स से भरा हुआ है ये कोई नए बात नहीं है इस से पहले भी ये होता आया है, लेकिन इनकी हिम्मत तो देखिये जब की शहीद स्मारक के बहार के चेतावनी का बोर्ड भी लगा रखा है की यहाँ होर्डिंग्स लगाना सख्त मना है फिर भी ये सभी यहाँ होर्डिंग्स लगाते है।
शहीद स्मारक पे होर्डिंग्स लगाना मना है अगर ये होर्डिंग्स अनुमति प्राप्त करने के बाद लगाये है तो ये अनुमति किस ने दी, और अगर बिना अनुमति के लगाये है तो नगर निगम इन के खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं करता. ?
सवालों के घेरे में नगर निगम तो आता ही है लेकिन साथ में वो संस्थाये भी पूर्ण दोषी है जो सिर्फ छपास के लिए शहीद दिवस पर इस स्मारक की सफाई करवाते है।
साफ़ तौर पर नगर निगम को यह पोस्टर लगाने वाली प्रिंटिंग प्रेस पर आजीवन प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। जिससे दूसरी प्रिंटिंग प्रेस सख्ते में आये।
अजमेर शहर की जनता से अपील है कि शहीदों के स्मारक की सफाई में अपना योगदान दे। और याद रखे कि इन शहीदों की वजह से ही आज हम खुली आजादी में सांस ले रहे है।
दो लाइन जनता के लिए…
ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आँखों में भर लो पानी, जो शहीद हुए है उनकी जरा याद करो कुर्बानी।
कुछ याद इन्हें भी कर लो…
-सुशील पाल

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