एनस्थिसिया डॉक्टर के अभाव मे नहीं हो रही है सर्जरी

सर्जन सहित 11 डॉक्टरों के पद रिक्त, मरीज हो रहे है परेशान
k1-तिलक माथुर- केकड़ी। राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ केकड़ी क्षेत्र की जनता को नहीं मिल पा रहा है और मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं के लिए रूपया खर्च करने के साथ-साथ इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। गत माह केकड़ी मुख्यालय पर नवनिर्माणधीन अस्पताल भवन के मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन के पश्चात जहां क्षेत्र के लोगों ने यह उम्मीद लगा रखी थी कि अब उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अस्पताल भवन के उद्घाटन को तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी क्षेत्रवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलना तो दूर चिकित्सा सुविधाएं पाने के लिए कई प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ रही है। इस नवनिर्माणाधीन अस्पताल भवन को विधिवत चलाने के लिए सरकारी दावे थोथे साबित हो रहे है वहीं दूर दराज के गांवों से आने वाले मरीजों को नए अस्पताल भवन में सुविधाओं का अभाव व डॉक्टरों की कमी के चलते पहले से ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ रही है। पुराने अस्पताल में स्त्री रोग व प्रसव की व्यवस्थाएं संचालित की जा रही है, लेकिन अस्पताल में गत 6 सितम्बर से कनिष्ठ विशेषज्ञ एनस्थिसिया का पद खाली होने के कारण सर्जरी से होने वाली डिलिवरी (प्रसव) नहीं हो पा रहे हैं जिसके चलते एक माह में 35 महिलाओं को सर्जरी प्रसव के लिए रैफर किया जा चुका है। वहीं अस्पताल मेें वरिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी का पद अर्से से खाली पड़ा है वहीं गत माह से कनिष्ठ विशेषज्ञ सर्जन का पद भी रिक्त हो जाने की वजह से पुराने अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर बंद पड़ा है और एक्सीडेन्ट व सर्जरी से संबंधित सभी रोगियों को केकड़ी से बाहर ईलाज कराना पड़ रहा है। इसी प्रकार अस्पताल में वरिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन, कनिष्ठ विशेषज्ञ रेडियोलॉजी, कनिष्ठ विशेषज्ञ पेथोलॉजी, कनिष्ठ विशेषज्ञ शिशु रोग, कनिष्ठ विशेषज्ञ अस्थि रोग, कनिष्ठ विशेषज्ञ निश्चेतन, चिकित्सा अधिकारी निश्चेतन जैसे महत्वपूर्ण डॉक्टरों के पद खाली पड़े है वहीं चार मेल नर्स, तीन लेब टेक्नीशियन, एक नेत्र सहायक, एक दंत सहायक, पांच वार्ड बॉय व एक स्वीपर का पद लम्बे अर्से से खाली पड़ा है जिसकी वजह से लोगों को चिकित्सा सेवा के लिए भटकना पड़ रहा है।

तिलक माथुर
तिलक माथुर

राजकीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते अब भी मरीजों को ईलाज के लिए शहर से बाहर अन्यत्र या निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ रही है। वहीं इस नए अस्पताल भवन में विभिन्न प्रकार की जांच, एक्सरे, सोनोग्राफी सहित अन्य आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को नए अस्पताल भवन व पुराने अस्पताल भवन के बीच तीन किलो मीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। राजकीय अस्पताल में प्रर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा अस्पताल में रिक्त चल रहे डॉक्टरों सहित अन्य पदों पर शीघ्र नियुक्ति की मांग करते हुए भाजपा नेता शत्रुध्न गौत्तम ने राज्यपाल को पत्र लिखा है।

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