राजस्थान में बनने वाले मंत्रियों के नामों की अफवाहो ने भाजपा के अलग अलग गुटों को भले ही धुंआ धुंआ कर दिया हो पर बड़ा जाट कौन है, इस गुत्थी को सुलझाने में मोदी भी फंस गये लगते है।
महाराणी ने मई के महीने में अपने बेटे के लिए मंत्री पद मांगते वक्त जाटो के राजनैतिक दम खम को बढ़ा चढा कर पेश किया था। वही हरियाणा के चुनावो में केवल छह जाट विधायको के साथ भाजपा ने सरकार तो बना ली पर मोदी की टीम अब उत्तर प्रदेश मे चुनावों से पहले जाटो पर डोरे डालने की कवायद में जुटी है। ऐसे में किसी जाट का मंत्री बनना मोदी की टीम की सोच में लाभदायक साबित हो सकता है।
पर सवाल ये है कि क्या सांवर लाल औऱ सोना राम को मंत्री बनाने से उत्तर प्रदेश का जाट किस तरह से खुश होगा…??
सांवरलाल का राजनैतिक कद अजमेर स्तर पर भले ही सबसे बड़ा हो पर सच्चाई ये है कि वे दूदू या मेड़ता में भी किसी को चुनाव नही जिता सकते वही दल बदलू सोना राम को मंत्री बनाने से मोदी पूरे राजपूत समाज को अपना दुश्मन बना लेगे, जो कि ना केेवल राजस्थान बल्कि गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार तक जुड़ा है।
उत्तर प्रदेश पर असर रखने वाले जाट की बात करे तो दुष्यंत सिंह ही एक ऐसा नाम है जो अपनी मां के सहयोग से भाजपा को जाट समुदाय में कुछ वोट दिला सकते है। पर मोदी औऱ महाराणी में छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि मोदी, महाराणी के लिए अपनी नांपसदगी को मंत्रीमंड़ल विस्तार मे भी बनाये रखते है या फिर प्रेक्टिकल एप्रोच रखते हुए, दुष्यंत सिंह को मंत्री बनाकर, बड़ा जाट कौन है कि पहेली को विराम देते है।
-rahul choudhary
-rahul choudhary