पिटते रहो डॉक्टरों, वरना दीदी के हत्थे चढ़ गए तो कहीं के नहीं रहोगे!

डॉ. अशोक मित्तल
डॉ. अशोक मित्तल
Kolkata hospital turns into battlefield, Mamata intervenes, warns doctors
तुम मार खाते रहो! गालियाँ सुनते रहो. तुम्हे हर हरीज की संभावित मौत पर अपनी कुर्बानी देने को तैयार रहना होगा. किसी मरीज की बीमारी यदि तुम्हारे कण्ट्रोल से बाहर हो जाए ते पूरे अस्पताल को ही स्वाहा करने की शक्ति और मानस बना के रखना होगा.
आत्मा रक्षा मत करना. जब अपने मरीज़ की ही रक्षा न कर पाए तो तुम्हे भी अपनी जान की रक्षा करने का कोई हक़ नहीं है. तुम्हे आत्म-रक्षा में भी न रिश्तेदारों को रोकने का प्रयास करना है और न उनकी लाठियों, सरियों से बचाव हेतु अपने हाथ में कोई होकी या स्टिक उठानी है.
तुम हो गूंगे.
प्रशाशन और राजनीतिज्ञों को तो कुछ भी कहने का फायदा नहीं. क्यूंकि तुम्हारी सुनने वाला कोई नहीं. और वैसे भी तुम्हारी कोई जुबां नहीं. कोई एकता नहीं, एक डॉक्टर को दूसरे डॉक्टर की फिकर नहीं. जब एक डॉकटर किसी केस में फंस जाता है तो कुछे क ऐसा भी सोचते हैं “अब मेरी कमाई में इजाफा होगा, उसके सारे मरीज मुझे मिल जायेंगे” होता भी तो ऐसा ही है, आखिर मरीज इलाज़ कराने हेतु किसी अन्य के तो जाएगा ही.
बीमारी और मौत हो गयी एक उंचा धंधा!!
बिमारी, बीमार और इनसे होने वाली समस्याएँ और मौतें अब बहुर बड़े फायदे का सौदा बन गईं हैं. इसका बाज़ार अब बहुत विस्तृत हो गया है. बहुत बड़ी कमाई का धंधा बन गया है. रातों रात वारे न्यारे हो जाने की पूरी संभावनाएं हैं इस धंधे में.
कैसे होता है ये धंधा?
सरकारी अस्पतालों का क्या हाल है? ये जग जाहिर है. अस्पतालों आये दिन होने वाले हादसों से पूरा प्रशाशनिक, राजनितिक व सामाजिक तंत्र तुरंत अपने आप का पला झाड़कर डॉक्टरों पर सारा दोष माड देता है. जेल में डालना, सस्पेंड करना आम बात है. इसके पीछे धंधा चल रहा है वो है. वोटों का धंधा. आम जनता जो सड़े गले सरकारी अस्पतालों से ट्रस्ट आ चुकी है उन्हें शांत करने का धंधा खूब चल रहा है.
इसके दो मुख्य कारण हैं. एक डॉक्टर और दूसरा भोली जनता. डॉक्टरों पर तो अधिक टिपण्णी करना उची नहीं क्यूंकि उच्च प्रतिष्ठा, अति व्यस्तता, और प्रबुद्ध नागरिकों की गिनती में शुमार होने की वजह से ये अपना ही और भविष्य में देश का क्या नुक्सान करने वाले हैं, ये स्वयं नहीं जानते. रहा सवाल जनता का तो वोटों का खेल तो ऐसे ही चलता है. कोई सरकार ये थोड़े ही कहेगी की सरकारी अस्पताल में कमियाँ हैं.
जिस खबर के सन्दर्भ में ये आलोचनात्मक टिपण्णी की जा रही उस पर भी ज़रा एक नज़र दाल ली जाए तो सब समझ में आ जाएगा.
Kolkata hospital turns into battlefield, Mamata intervenes, warns doctors

Kolkata: Following a scuffle that broke out between junior doctors and locals over a patient’s death on Monday night at SSKM hospital, Bengal Chief Minister Mamata Banerjee reached the hospital and pulled up the doctors, instructing them that all patients should be treated with care, respect and doctors with (hockey) sticks in their hands in the campus should never be seen. “They were there to heal patients not hurt them.”
इस लिये जनता के हाथों पिटना अच्छा है, वरना दीदी के हत्थे चढ़ गए तो फिर जेल में क्या हाल होगा, ये तो पता है या नहीं?
डॉ. अशोक मित्तल
मेडिकल जर्नलिस्ट.
मास्टर इन जर्नालिस्म एंड मास कम्युनिकेशन

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