वही अयोध्या जाएंगे, जिन्हें रामजी बुलाएंगे

इन दिनों अजमेर में ख्वाजा साहब का उर्स चल रहा है। इसके लिए कई खादिम ख्वाजा साहब को चाहने वालों को उर्स में आने का औपचारिक निमत्रण भेजते हैं। बावजूद इसके जायरीन आएंगे या नहीं, इसके बारे में यही कहा जाता है कि वही अजमेर आते हैं, जिन्हें ख्वाजा बुलाते हैं। यकायक ख्याल आया कि संयोग से अयोध्या के राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिश्ठा के कार्यक्रम में निमंत्रण का मुद्दा भी इन दिनों गरमाया हुआ है। इस सिलसिले में कांग्रेस के षीर्श नेताओं ने आयोजन को राजनीतिक करार दे कर निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस नेता पवन खेडा ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसका खुलासा किया, साथ ही एक बहुत महत्वपूर्ण बात कही कि मेरे को भगवान का बुलावा आएगा तो मैं जाउंगा।
कुल जमा बात ये है कि किसी स्थान विषेश पर हम जाएंगे या नहीं, यह वह स्थान तय करता है। हम ये सोचते हैं कि हम अमुक स्थान पर जाएंगे, मगर असल में जा तभी पाते हैं, जब वह स्थान बुलाता है। आपको ख्याल होगा कि जब किसी की घर से दूर अन्यत्र स्थान पर मौत हो जाती है, तो यही कहा जाता है न कि उसे उसी स्थान ने जीवन लीला समाप्त करने के लिए अपनी ओर खींच लिया। निश्कर्श यह कि राम मंदिर के मामले में निमंत्रण देने वाले अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और उसे स्वीकार या अस्वीकार करने वाले अपना नजरिया रखते हैं, मगर इतना तय है कि वही अयोध्या जाएंगे, जिन्हें रामजी बुलाएंगे।

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