भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपनी नई टीम का ऐलान करते समय मुख्य प्रवक्ता का पद समाप्त करते हुए अब भाजपा में सात प्रवक्ताओं की नियुक्ति की है। इन सात प्रवक्ताओं में खुद मुख्य प्रवक्ता रहे रविशंकर प्रसाद का नाम नहीं है लेकिन अन्य नामों के अलावा एक नाम ऐसा है जो चौंकानेवाला है। यह नाम है कैप्टन अभिमन्यु का। कैप्टन अभिमन्यु न सिर्फ हिन्दी के एक बड़े अखबार के मालिक हैं बल्कि उन पर कोल घोटाले के जांच की आंच भी आ चुकी है। लेकिन अब वही कैप्टन अभिमन्यु भाजपा के सात प्रवक्ताओं में शामिल कर लिये गये हैं।
भाजपा ने जिन सात प्रवक्ताओं की नियुक्ति की है उसमें प्रकाश जाडवेकर, सैयद शहनवाज हुसैन, निर्मला सीतारामन, विजय सोनकर शास्त्री, डॉ सुधांशु त्रिवेदी, श्रीमती मीनाक्षी लेखी और कैप्टन अभिमन्यु का नाम शामिल है। प्रवक्ताओं में जहां राजनाथ सिंह ने अपने राजनीतिक और सलाहकार और राजनाथ सिंह के निजी ज्योतिषी सुधांशु त्रिवेदी को राष्ट्रीय ओहदा दे दिया है वहीं कैप्टन अभिमन्यु को प्रवक्ता बनाकर बड़े बवाल को जन्म दे दिया है। कैप्टन अभिमन्यु वैसे तो भाजपा के सचिव रह चुके हैं लेकिन दैनिक हरिभूमि अखबार समूह के मालिक कैप्टन अभिमन्यु पर कोल घोटाले में शामिल होने के शक में आयकर विभाग द्वारा पिछले साल अक्टूबर में भयानक छापेमारी हुई थी। कैप्टन के नाम यह रिकार्ड कायम हुआ कि आयकर अधिकारियों ने लगातार 32 घण्टे तक उनके घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की थी। लेकिन इसके बाद भी उनकी पदोन्नति करके उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद दे दिया गया।
कैप्टन अभिमन्यु हरियाणा के हिसार से संबंध रखते हैं। 1988 से 1993 तक सेना की नौकरी करनेवाले कैप्टन अभिमन्यु ने सेवानिवृत्ति लेने के बाद अपने कारोबार में बेतहाशा बृद्धि की है और आज भले ही उनको स्कूली शिक्षा और अखबार के व्यापार के कारण जाना जाता हो लेकिन जानकार बताते हैं कि वे खदान कारोबार में जबर्दस्त दखल रखते हैं। खदान कारोबार के अपने हितों को ही सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने हरियाणा के बाद उन्होंने हरिभूमि अखबार का संस्करण सीधे छत्तीसगढ़ से प्रकाशित करना शुरू किया। वे जिस अखबार के मालिक हैं वह हरिभूमि अखबार दिल्ली और रोहतक के अलावा छत्तीसगढ़ में रायपुर और बिलासपुर से छपता है। इसके अलावा अखबार का एक संस्करण जबलपुर से भी छपता है।
लेकिन सेना की नौकरी से सेवानिवृत्ति लेने के बाद कैप्टन के दामन पर कई दाग लगे हैं। इसमें सबसे बड़ा दाग खदान आवंटन घोटाले में हुए घोटाले का दाग है, जिसमें शक के घेरे में कैप्टन अभिमन्यु भी आते हैं। हालांकि वे अखबार और दिल्ली पब्लिक स्कूल की शाखाओं को ही अपना मुख्य व्यापार बताते हैं लेकिन वे शेयर कारोबार और वित्तीय लेन देन के कारोबार में भी सक्रिय हैं। उनकी इंडस पोर्टफोलियो प्राइवेट लिमिटेड शेयर बाजार के कारोबार में सक्रिय है तो कई वित्तीय कंपनियां वित्तीय लेन देने का कारोबार करती हैं। कारोबार के ही कारण शायद कैप्टन अभिमन्यु की विशेष रूचि राजनीति में हमेशा बनी रहती है। वे दो बार हरियाणा से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन जन प्रतिनिधि बनने का सम्मान हासिल नहीं कर सके हैं।
अभिमन्यु की इच्छाएं और महत्वाकांक्षाएं अपनी जगह लेकिन अखबार मालिक को प्रवक्ता बनाकर भाजपा अध्यक्ष ने भी कोई कम मिसाल कायम नहीं की है। वह भी तब जब कोल घोटाले के कनेक्शन में उनके घर पर 32 घण्टे की छापेमारी हो चुकी है। यह भी कम मजेदार नहीं है कि सिर्फ आयकर अधिकारियों के नितिन गडकरी के दफ्तर जाने भर से उन्हें अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ जाता है और जिस व्यक्ति के घर पर आयकर अधिकारियों ने छापे का रिकार्ड कायम किया हो उसे प्रवक्ता का पद दे दिया जाता है। वैसे कहनेवाले तो यह भी कह रहे हैं कि कैप्टन को यह पद इसलिए दिया गया क्योंकि वे राजनाथ के आर्थिक मददगारों में शामिल हैं। विस्फोट डॉट कॉम से साभार