-मेघराज चौधरी- नागौर के किसान भी कितने अभागे हैं, सर्दियों की फसल बरबाद हो गई, इस फसल से थोडी बहुत उम्मीद थी उसको भी ओलों ने चौपट कर दी, प्रकृति का कहर किसानों पर टूटा, राम तो रूठा ही राज ने भी मुंह मोड लिया। इलाके में किसानों को खाने के लाले पडे हैं जानवरों के चारे लायक भी नहीं बचा, लाडनूं में एग्रीकल्चर मिनिस्टर राजनीति में अपने साठा साला जश्न मना रहे हैं, नागौर की एम पी साहिबा ज्योति मिर्धा नागौर तो आती हैं लेकिन उन किसानों से मिलने की जहमत नहीं उठाती जो तबाह हो गए हैं, एक बयान जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। किसानों को मुआवजा मिले, उनके जख्म कुछ भरें, इससे ज्योति मिर्धा को कोई मतलब नहीं है, क्या इसीलिए बाबा की पोती ज्योति को वोट दिया था, अब जब किसान आत्महल्या करेंगे तब सांसद आएंगी क्या, वैसे इनसे अब उम्मीद ही क्या करना।