चुनाव में भाजपा किसी भी हाल में लड़ाई की स्थिति में नहीं

bjp logo-विक्रम सिंह चौहान- कमाल का सर्वे होता है इस देश में ! मीडिया घरानों का सर्वे पूरी तरह प्रायोजित होता है ! जब एनडीए का वजूद ही खत्म हो गया तो उन्हें बढ़त किस आधार पर मिलेगी? ये देश गुजरात नहीं है ! आज बीजेपी मतलब नरेन्द्र मोदी है लेकिन देश के बड़े हिस्से में न तो कोई मोदी का नामलेवा है और न ही भारतीय जनता पार्टी के बाराती दिखाई देते हैं ! लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी किसी भी हाल में लड़ाई की स्थिति में न तो कभी आ पायी है और न आती दिख रही है .मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और वहां सत्ता विरोधी समीकरण लोकसभा चुनावों पर भी काम करेगा . अभी इन दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के पास जितने सांसद हैं वो अधिकतम हैं तो जाहिर है कि इसका भी नुकसान बीजेपी को ही होगा . यही स्थिति दुसरे भाजपा शासित राज्यों में भी होगा ! इसके पीछे देखे ये तर्क ..

(1) दक्षिण के बीजेपी के प्रवेश द्वार कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी चरमकाल से क्षरणकाल की ओर बढ़ी है जिससे अब पहले आई सीटें आधी रह जाएं तो कोई अचरज नहीं !
(2) महाराष्ट्र में शिवसेना-महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का घरेलू बंटवारा रिश्ते में आए बीजेपी के लिए वोट बांटने का काम और करेगा !
(3) बिहार में नीतीश नरेंद्र मोदी के मुद्दे पर छोड़ गए तो जाहिर है कि सेक्युलर नीतीश कुमार को इसका फायदा होगा और बीजेपी की सीटें पहले से घटेंगी !
(4) झारखंड में भ्रष्टाचार का मुद्दा बीजेपी के खिलाफ जाएगा !
(5 ) उत्तर प्रदेश की बात करें तो, नए नेता बीजेपी में बने नहीं और पुराने नेता जितना भी मिले उनको मिले के लिए लड़ रहे हैं . उस पर उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और मायावती का मजबूत जातिवादी वोटबैंक नरेंद्र मोदी के करिश्मे को खाक कर देगा .. यानी उत्तर प्रदेश में भी नरेंद्र मोदी वाली बीजेपी गई काम से !
(6 ) उत्तरप्रदेश में अयोध्या अब किसी को अपील नहीं करता .. और, अगर बीजेपी ध्रुवीकरण की कोशिश करेगी तो इसका भी नुकसान बीजेपी को होगा क्योंकि, मुसलमान एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ वोट करेगा !
(7) गुजरात जितना वहां हैं उससे ज्यादा अब संभव है नहीं ! 26 सांसदों वाले गुजरात में पहले से ही बीजेपी के 17 सांसद हैं अगर 2-4 और बढ़ गए या पूरी 26 भी बीजेपी को मिल गई तो भी बीजेपी करिश्मा दोहराती नहीं दिख रही है !
(8) केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भाजपा की औकात दो कौड़ी की नहीं है !
(9 ) देश का बहुसंख्य हिन्दू ,दलित ,आदिवासी और अल्पसंख्यक व अन्य समुदाय मोदी की गुजरात दंगो में भूमिका देखती है !
(10) सस्ती लोकप्रियता के लिए नरेन्द्र मोदी का प्रायोजित प्रसार और सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी भाजपा को सत्ता से दूर करने का अहम कारण बन सकता है ! जनता इसे नकारात्मक मान रही है !

लेखक विक्रम सिंह चौहान रायपुर में रहते हैं और स्वतंत्र पत्रकार हैं. साथ ही यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम से भी जुड़े हुए हैं. http://www.bhadas4media.com

error: Content is protected !!